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पटना: लॉकडाउन में बस के पहियों पर ब्रेक, यात्री नहीं होने से चल रही हैं महज 40 से 50 बसें - बिहार में कोरोना की खबर

कभी यात्रियों से पटा रहने वाला मीठापुर बस स्टैंड आज वीरान सा लग रहा है. लॉकडाउन के चलते स्थिति यह हो गयी है कि मीठापुर बस स्टैंड में यात्रियों का इंतजार हो रहा है. बस चालक से लेकर मैनेजर तक यात्रियों के इंतजार में रहते हैं जिससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.

मीठापुर बस स्टैंड
मीठापुर बस स्टैंड
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Published : May 16, 2021, 8:01 AM IST

पटना: बिहार में लॉकडाउन लगने के बाद से ही यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है. पटना में यात्रियों की कम होती संख्या को देखते हुए कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है. एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की संख्या में कमी आई है. ऐसे में पटना के सबसे व्यस्ततम मीठापुर बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या में भारी कमी आयी है.

यह भी पढ़ें- बक्सरः प्रशासन ने दूरी के हिसाब से तय किया एंबुलेंस का किराया

सरकारी बसों की संख्या 90
'यात्रियों की संख्या बिल्कुल कम हो गई है. जिस वजह से बसें भी काफी कम चल रही हैं. हर 5 मिनट में खुलने वाली बसें अब कई घंटों तक खड़ी रहती हैं. लेकिन फिर भी यात्री नहीं मिलते. जिस कारण कई बसों को कैंसिल भी कर दिया गया है. मीठापुर से सरकारी बस करीब 90 की संख्या में हैं. जो पटना से विभिन्न जगहों पर जाती हैं. अभी महज दो से तीन बसें ही चल रही हैं. उसमें भी 50% यात्री नहीं हो पाते.' -चंदन कुमार, बस मैनेजर

चंदन कुमार, बस मैनेजर
चंदन कुमार, बस मैनेजर

महज 40-50 प्राइवेट बसें बचीं
मीठापुर बस स्टैंड से प्रतिदिन 200 से 300 की संख्या में प्राइवेट बसों का परिचालन होता है. लेकिन अभी के समय में महज 40 से 50 बसें ही खुल रही हैं. क्योंकि यात्री नहीं आ रहे हैं. हालांकि कुछ बस चालकों ने बताया कि अहले सुबह और शाम के समय ट्रेनों से कुछ यात्री जरूर आते हैं. जो पटना से दूसरे जगहों पर जाने के लिए बस का ही इस्तेमाल करते हैं. स्थिति यह हो गई है कि घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है.

मीठापुर बस स्टैंड
मीठापुर बस स्टैंड

यह भी पढ़ें- अश्विनी चौबे पुराने एंबुलेंस पर नया स्टिकर चिपकाकर कर रहे उद्घाटन

खाने के लिए भी पड़े लाले
'अब तो खाने के भी लाले पड़ रहे हैं. मालिक कहते हैं कि आमदनी नहीं हो रही है. तुम्हें पैसे कैसे देंगे. यात्री आते ही नहीं. कभी कभार 50 फीसदी से अधिक 1-2 यात्री बढ़ा लेते हैं तो पुलिस वाले डंडे चलाते हैं. अधिकतर बार ऐसा होता है कि 50% भी यात्री बस में नहीं रहते हैं. और हमें इसके बावजूद जाना पड़ता है. सरकार को चाहिए कि हमारे लिए भी कुछ करे. ताकि हमारा घर-परिवार चल सके. हमें दो वक्त का खाना मिल सके.' -मनोज कुमार, बस चालक

देखें पूरी रिपोर्ट

बस स्टैंड में नहीं हो रही कोरोना जांच
आपको बता दें कि मीठापुर बस स्टैंड में किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं हो रही है. शुरुआती दिनों में ही जांच कैंप लगाया गया था. 2 दिनों तक जांच हुई. उसके बाद कैंप भी गायब है. जांच करने वाले लोग भी.

अगर पटना के गांधी मैदान स्थित बस स्टैंड की बात करें तो वहां कोरोना जांच हो रही है. यात्री काफी कम आ रहे हैं. वहां से भी बस काफी कम चल रही हैं. यात्रियों के कम आने की वजह से बस व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. आमदनी करीब 70 से 80% तक कम हो गई है.

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पटना: बिहार में लॉकडाउन लगने के बाद से ही यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई है. पटना में यात्रियों की कम होती संख्या को देखते हुए कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है. एयरपोर्ट पर भी यात्रियों की संख्या में कमी आई है. ऐसे में पटना के सबसे व्यस्ततम मीठापुर बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या में भारी कमी आयी है.

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सरकारी बसों की संख्या 90
'यात्रियों की संख्या बिल्कुल कम हो गई है. जिस वजह से बसें भी काफी कम चल रही हैं. हर 5 मिनट में खुलने वाली बसें अब कई घंटों तक खड़ी रहती हैं. लेकिन फिर भी यात्री नहीं मिलते. जिस कारण कई बसों को कैंसिल भी कर दिया गया है. मीठापुर से सरकारी बस करीब 90 की संख्या में हैं. जो पटना से विभिन्न जगहों पर जाती हैं. अभी महज दो से तीन बसें ही चल रही हैं. उसमें भी 50% यात्री नहीं हो पाते.' -चंदन कुमार, बस मैनेजर

चंदन कुमार, बस मैनेजर
चंदन कुमार, बस मैनेजर

महज 40-50 प्राइवेट बसें बचीं
मीठापुर बस स्टैंड से प्रतिदिन 200 से 300 की संख्या में प्राइवेट बसों का परिचालन होता है. लेकिन अभी के समय में महज 40 से 50 बसें ही खुल रही हैं. क्योंकि यात्री नहीं आ रहे हैं. हालांकि कुछ बस चालकों ने बताया कि अहले सुबह और शाम के समय ट्रेनों से कुछ यात्री जरूर आते हैं. जो पटना से दूसरे जगहों पर जाने के लिए बस का ही इस्तेमाल करते हैं. स्थिति यह हो गई है कि घर परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है.

मीठापुर बस स्टैंड
मीठापुर बस स्टैंड

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खाने के लिए भी पड़े लाले
'अब तो खाने के भी लाले पड़ रहे हैं. मालिक कहते हैं कि आमदनी नहीं हो रही है. तुम्हें पैसे कैसे देंगे. यात्री आते ही नहीं. कभी कभार 50 फीसदी से अधिक 1-2 यात्री बढ़ा लेते हैं तो पुलिस वाले डंडे चलाते हैं. अधिकतर बार ऐसा होता है कि 50% भी यात्री बस में नहीं रहते हैं. और हमें इसके बावजूद जाना पड़ता है. सरकार को चाहिए कि हमारे लिए भी कुछ करे. ताकि हमारा घर-परिवार चल सके. हमें दो वक्त का खाना मिल सके.' -मनोज कुमार, बस चालक

देखें पूरी रिपोर्ट

बस स्टैंड में नहीं हो रही कोरोना जांच
आपको बता दें कि मीठापुर बस स्टैंड में किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं हो रही है. शुरुआती दिनों में ही जांच कैंप लगाया गया था. 2 दिनों तक जांच हुई. उसके बाद कैंप भी गायब है. जांच करने वाले लोग भी.

अगर पटना के गांधी मैदान स्थित बस स्टैंड की बात करें तो वहां कोरोना जांच हो रही है. यात्री काफी कम आ रहे हैं. वहां से भी बस काफी कम चल रही हैं. यात्रियों के कम आने की वजह से बस व्यवसाय पर काफी असर पड़ा है. आमदनी करीब 70 से 80% तक कम हो गई है.

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