पटना: देश और राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं, राजधानी पटना में भी कोरोना से लोगों की मौत का सिलसिला जारी है. लोगों के डेड बॉडी को जलाने के लिए जगह की कमी हो गई है. इसी वजह से पटना नगर निगम ने एक आदेश पारित कर बताया कि बांस घाट में अब सिर्फ कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके लिए निगम प्रशासन ने पश्चिम बंगाल से लगभग 300 टन लकड़ी मंगाई है.
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इसके अलावा पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने पटना सिटी के वार्ड नंबर-70 में नंदगोला घाट पर अंत्येष्टि के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. इस घाट पर मृतकों का लकड़ी से दाह संस्कार किया जाएगा. इस घाट पर भी कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पटना नगर निगम की ओर से फ्री में की जाएगी.
मदद और कंट्रोल रूम की स्थापना
बता दें कि नंदगोला घाट के सभी प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. वहीं, “मे आई हेल्प यू” डेस्क और कंट्रोल रूम आदि की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए की गई व्यवस्था की जानकारी पटना नगर निगम की ओर से माइकिंग कर दी जाएगी. वहीं, गुलबी घाट, खाजेकलां घाट और नंदगोला घाट पर कोविड और अन्य परिस्थितियों में मृतक व्यक्तियों के शव की अंत्येष्टि की व्यवस्था की जाएगी.
बंगाल, सिक्किम से मंगाई लकड़ियां
पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि सभी घाटों पर कोरोना से मृत व्यक्तियों की अंत्येष्टि फ्री में करवाई जा रही है. इसके लिए सिक्किम, सिलिगुड़ी और कोलकाता से लकड़ियां मंगाई गई हैं. अभी तक गुलबी घाट पर 20 टन और खाजेकलां घाट पर 250 टन लकड़ी की व्यवस्था की गई है. वहीं, 50 टन लकड़ी मंगलवार तक घाट पर पहुंचेगी.
घाटों की बढ़ाई जा रही संख्या
कोरोना महामारी के कारण अंत्येष्टि घाटों पर बढ़ते दबाव को नियंत्रित करने के लिए पटना नगर निगम घाटों की संख्या बढ़ा रही है. साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण मृतक व्यक्ति के परिजनों से अपील भी की जा रही है कि वो पार्थिव शरीर को घाट पर लेकर पहुंचने से पहले संबंधित घाट के कंट्रोल रूम में कॉल कर दाह संस्कार के लिए पहले ही समय निर्धारित करवा लें. वहीं, कंट्रोल रूम की ओर से बताए समय पर पहुंच कर कम से कम अवधि में अंत्येष्टि की प्रक्रिया को पूरा करने में सहयोग करें.