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ऑनलाइन पढ़ाई कराने को लेकर पटना विश्वविद्यालय के सामने हैं कई चुनौतियां - ई-सामग्री

पटना विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि एचआरडी मिनिस्ट्री के आदेश के बाद हमने पटना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बहुत सारी ई-सामग्री डाला है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कई शिक्षक अपने वीडियो लेक्चर यूट्यूब में भी अपलोड कर चुके हैं.

पटना
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Published : May 13, 2020, 10:12 PM IST

पटना : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसको लेकर सभी विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने का निर्देश दिया था, जिसके बाद से पटना विश्वविद्यालय ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई और विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन कंटेंट मुहैया कराना शुरू किया. हालांकि पटना विश्वविद्यालय को ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने में कई कठिनाइयां भी आ रही हैं.

शिक्षक लगातार बच्चों से करते रहते हैं इंटरेक्ट
पटना विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि एचआरडी मिनिस्ट्री के आदेश के बाद हमने पटना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बहुत सारी ई-सामग्री डाला है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कई शिक्षक अपने वीडियो लेक्चर यूट्यूब में भी अपलोड कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शिक्षकों के संपर्क में है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि जूम एप्लीकेशन, व्हाट्सएप और गूगल के एप्लीकेशंस के माध्यम से शिक्षक लगातार बच्चों से इंटरेक्ट करते रहते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

असीमित इंटरनेट और लैपटॉप की सुविधा
प्रति कुलपति डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से प्रधानी में एक समस्या सामने आई है कि सभी बच्चों को इंटरनेट की सुविधा एक समान नहीं प्राप्त है. उन्होंने बताया कि लाइव वीडियो लेक्चर के दौरान नेटवर्क कमजोर होने के कारण वीडियो फ्रीज करता है और इससे बच्चों को पढ़ने में काफी समस्याएं भी आती है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से वही बच्चे पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं जिनके पास असीमित इंटरनेट और लैपटॉप की सुविधा प्राप्त है.

विज्ञान की शिक्षिका
डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि आजकल लोग कहते हैं कि बच्चे मोबाइल में पढ़ लेंगे मगर वह खुद विज्ञान की शिक्षिका है और वह जानती हैं कि सभी की मोबाइल में पढ़कर नहीं समझा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो लंबा इक्वेशन ब्लैकबोर्ड पर और कॉपी पर लिखा जाता है. वह मोबाइल पर छोटे से स्क्रीन में कितना दिखेगा. डॉ. डॉली सिन्हा ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के बच्चे पढ़ते हैं, मगर जिन बच्चे के पास लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा नहीं है. वह ऑनलाइन माध्यम से नहीं पढ़ पा रहे हैं.

पटना : मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसको लेकर सभी विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराने का निर्देश दिया था, जिसके बाद से पटना विश्वविद्यालय ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई और विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन कंटेंट मुहैया कराना शुरू किया. हालांकि पटना विश्वविद्यालय को ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ाने में कई कठिनाइयां भी आ रही हैं.

शिक्षक लगातार बच्चों से करते रहते हैं इंटरेक्ट
पटना विश्वविद्यालय की प्रति कुलपति डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि एचआरडी मिनिस्ट्री के आदेश के बाद हमने पटना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर बहुत सारी ई-सामग्री डाला है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के कई शिक्षक अपने वीडियो लेक्चर यूट्यूब में भी अपलोड कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पटना विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शिक्षकों के संपर्क में है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि जूम एप्लीकेशन, व्हाट्सएप और गूगल के एप्लीकेशंस के माध्यम से शिक्षक लगातार बच्चों से इंटरेक्ट करते रहते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

असीमित इंटरनेट और लैपटॉप की सुविधा
प्रति कुलपति डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से प्रधानी में एक समस्या सामने आई है कि सभी बच्चों को इंटरनेट की सुविधा एक समान नहीं प्राप्त है. उन्होंने बताया कि लाइव वीडियो लेक्चर के दौरान नेटवर्क कमजोर होने के कारण वीडियो फ्रीज करता है और इससे बच्चों को पढ़ने में काफी समस्याएं भी आती है. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन माध्यम से वही बच्चे पढ़ाई पूरी कर पा रहे हैं जिनके पास असीमित इंटरनेट और लैपटॉप की सुविधा प्राप्त है.

विज्ञान की शिक्षिका
डॉ. डॉली सिन्हा ने बताया कि आजकल लोग कहते हैं कि बच्चे मोबाइल में पढ़ लेंगे मगर वह खुद विज्ञान की शिक्षिका है और वह जानती हैं कि सभी की मोबाइल में पढ़कर नहीं समझा जा सकता है. उन्होंने बताया कि जो लंबा इक्वेशन ब्लैकबोर्ड पर और कॉपी पर लिखा जाता है. वह मोबाइल पर छोटे से स्क्रीन में कितना दिखेगा. डॉ. डॉली सिन्हा ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के बच्चे पढ़ते हैं, मगर जिन बच्चे के पास लैपटॉप और इंटरनेट की सुविधा नहीं है. वह ऑनलाइन माध्यम से नहीं पढ़ पा रहे हैं.

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