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Chandra Grahan 2022: पटना में चंद्र ग्रहण शाम 5:01 से 6:19 बजे तक, इन बातों का रखें ध्यान - पटना में एक घंटे 18 मिनट का चंद्रग्रहण

कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर इस बार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है. इससे पहले इस वर्ष 16 मई को चंद्र ग्रहण लगा था. ग्रहण के सूतक काल के दौरान कई जरूरी बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. साथ ही चंद्रग्रहण के दौरान दान करना भी काफी फलदायी होता है.

Chandra Grahan 2022
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Published : Nov 8, 2022, 6:47 AM IST

Updated : Nov 8, 2022, 2:29 PM IST

पटना: इस साल चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) 8 नवंबर को लगने जा रहा है. यह साल आखिरी चंद्रग्रहण होगा. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है. चंद्र ग्रहण देश के कई हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा. पटना के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम सागर पांडेय ने बताया कि पटना में चंद्र ग्रहण 5:01 से चंद्रोदय होने के साथ ही शुरू हो रहा है और यह 6:19 तक रहेगा. यानी कि कुल एक घंटा 18 मिनट का चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है. ऐसे में मंगलवार सुबह 8:01 से सूतक शुरू हो जाएगा और सूतक के कारण मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. सूतक काल में पूजा पाठ और भगवान की आराधना वर्जित है.

ये भी पढ़ें: साल का पहला चंद्रग्रहण आज, भारत के इन हिस्सों में दिखेगा


8 बजे से पहले गंगा स्नान कर लेना जरूरी: पंडित प्रेम सागर पांडे ने बताया कि मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वाले लोगों को सुबह 8:00 बजे से पहले गंगा स्नान कर लेना जरूरी है. शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना खाना और नए कार्य को आरंभ करना और तुलसी के पौधों को स्पर्श करना वर्जित है. सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं को चाकू छुरी और अन्य हथियारों का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है. सूतक काल में लोगों को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना और अपने गुरुओं को स्मरण करना हितकर होता है. उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान ध्यान के बाद भगवान की पूजा अर्चना की जानी चाहिए.

चंद्र ग्रहण के बाद पंछियों के लिए सप्त धान निकालें, यदि सप्तधान्य नहीं है तो किसी प्रकार का अनाज निकालें, इससे किसी भी राशि पर कोई ग्रहण दोष पर रहा है तो उसकी निवृत्ति होती है. इस बार चंद्रग्रहण मेष राशि और भरनी नक्षत्र में होने से इसका अधिक प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा. इसके अलावा वृष राशि सिंह राशि कन्या राशि तुला राशि धनु राशि मकर राशि और मीन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का थोड़ा अशुभ फल है. ऐसे जातकों को शारीरिक कष्ट, मानसिक संताप और धन की हानि हो सकती है. मकर राशि और कुंभ राशि को चंद्रग्रहण का शुभ फल मिल रहा है. ऐसे जातकों को कार्य सिद्धि, कार्य में प्रगति और धन लाभ हो सकते हैं.

ग्रहण के सूतक (Sutak Kal) के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. ग्रहण के दौरान चारों तरफ नकरात्मकता बहुत अधिक फैल जाती है, जिसका असर ग्रहण प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों पर भी पड़ता है. सूतक लगने पर घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए.

पटना: इस साल चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2022) 8 नवंबर को लगने जा रहा है. यह साल आखिरी चंद्रग्रहण होगा. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है. चंद्र ग्रहण देश के कई हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा. पटना के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम सागर पांडेय ने बताया कि पटना में चंद्र ग्रहण 5:01 से चंद्रोदय होने के साथ ही शुरू हो रहा है और यह 6:19 तक रहेगा. यानी कि कुल एक घंटा 18 मिनट का चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण लगने के 9 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है. ऐसे में मंगलवार सुबह 8:01 से सूतक शुरू हो जाएगा और सूतक के कारण मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे. सूतक काल में पूजा पाठ और भगवान की आराधना वर्जित है.

ये भी पढ़ें: साल का पहला चंद्रग्रहण आज, भारत के इन हिस्सों में दिखेगा


8 बजे से पहले गंगा स्नान कर लेना जरूरी: पंडित प्रेम सागर पांडे ने बताया कि मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने वाले लोगों को सुबह 8:00 बजे से पहले गंगा स्नान कर लेना जरूरी है. शास्त्रों के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना खाना और नए कार्य को आरंभ करना और तुलसी के पौधों को स्पर्श करना वर्जित है. सूतक काल के समय गर्भवती महिलाओं को चाकू छुरी और अन्य हथियारों का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए क्योंकि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है. सूतक काल में लोगों को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना और अपने गुरुओं को स्मरण करना हितकर होता है. उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान ध्यान के बाद भगवान की पूजा अर्चना की जानी चाहिए.

चंद्र ग्रहण के बाद पंछियों के लिए सप्त धान निकालें, यदि सप्तधान्य नहीं है तो किसी प्रकार का अनाज निकालें, इससे किसी भी राशि पर कोई ग्रहण दोष पर रहा है तो उसकी निवृत्ति होती है. इस बार चंद्रग्रहण मेष राशि और भरनी नक्षत्र में होने से इसका अधिक प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा. इसके अलावा वृष राशि सिंह राशि कन्या राशि तुला राशि धनु राशि मकर राशि और मीन राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का थोड़ा अशुभ फल है. ऐसे जातकों को शारीरिक कष्ट, मानसिक संताप और धन की हानि हो सकती है. मकर राशि और कुंभ राशि को चंद्रग्रहण का शुभ फल मिल रहा है. ऐसे जातकों को कार्य सिद्धि, कार्य में प्रगति और धन लाभ हो सकते हैं.

ग्रहण के सूतक (Sutak Kal) के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए. ग्रहण के दौरान चारों तरफ नकरात्मकता बहुत अधिक फैल जाती है, जिसका असर ग्रहण प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों पर भी पड़ता है. सूतक लगने पर घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए.

Last Updated : Nov 8, 2022, 2:29 PM IST
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