पटना: बिहार विधानसभा में एक बार फिर से सर्पदंश से मौत होने पर मुआवजा नहीं दिए जाने का मामला उठा. पहले भी विधानसभा में कई बार यह सवाल आ चुका है. लेकिन आपदा विभाग इसे जलवायु परिवर्तन विभाग के पास ट्रांसफर करता रहा है और आज जलवायु परिवर्तन विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग का मामला बता दिया. बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को इस पर नियमन देना पड़ा.
ये भी पढ़ें...गयाः पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 4 नक्सली ढेर
सर्पदंश से मौत पर पांच लाख देने का प्रावधान
बीजेपी विधायक पवन जयसवाल ने विधानसभा में सवाल किया कि सर्पदंश से मौत होने पर पांच लाख दिए जाने का प्रावधान है लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो रहा है. जब सवाल सदन में आता है तो इसे आपदा विभाग जलवायु परिवर्तन विभाग का मामला बताकर टाल दिया जाता है. तो वहीं जलवायु परिवर्तन विभाग आपदा प्रबंधन विभाग का मामला बता देता है और आज भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. क्योंकि जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा है कि यह तो आपदा विभाग का मामला है. इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने चिंता जताई और इसे जनहित का मामला बताया विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि सरकार गंभीरता से लें.
ये भी पढ़ें...राबड़ी की गैर मौजूदगी का दिख रहा असर, विधान परिषद में कुंद पड़ी विपक्ष की धार
तत्कालीन मंत्री ने मुआवजे का किया था वादा
विधानसभा अध्यक्ष ने नियमन दिया कि जलवायु परिवर्तन विभाग और आपदा विभाग विभाग के मंत्री संसदीय कार्य मंत्री के साथ फैसला लेंगे. बाद में पवन जायसवाल ने खास बातचीत में कहा कि अब सर्पदंश से मौत होने पर लोगों को मुआवजा मिलेगा. पवन जयसवाल ने यह भी कहा कि उपमुख्यमंत्री रहते सुशील मोदी ने सदन में प्रश्नों के जवाब में 5 लाख मुआवजा के प्रधान की बात कही थी.
हर साल हजारों लोग सर्पदंश के शिकार होते हैं लेकिन सरकार के प्रावधान के कारण बड़ी संख्या में लोग पांच लाख के मुवाजा से वंचित रह जाते हैं. अब सदन में जिस प्रकार से मामला आया और विधानसभा अध्यक्ष ने जो पहल की है उससे विधायकों का कहना है कि अब उम्मीद जगी है.