पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चुनाव प्रचार जोर पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में जनसभाओं में अब स्थानीय लोगों द्वारा नेताओं का विरोध भी शुरू होने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश की गया और औरंगाबाद जिले की जनसभा में विरोध हुआ है. वहीं जेडीयू मंत्री महेश्वर हजारी सहित कई उम्मीदवारों को भी विरोध झेलना पड़ रहा है. विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि नीतीश कुमार से लोगों की बहुत अपेक्षाएं थी, लेकिन उस पर खरा नहीं उतरे जिसके कारण विरोध हो रहा है, तो वहीं जेडीयू का कहना है कि यह आरजेडी की साजिश है.
'आरजेडी करवा रही विरोध'
नीतीश कुमार की सभा में लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. सत्ता पक्ष के उम्मीदवारों को भी कई जगह विरोध झेलना पड़ रहा है. कुछ मंत्रियों को भी लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है. आरजेडी के नेता पहले से कहते रहे हैं कि सरकार के खिलाफ लोगों में काफी नाराजगी है. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि नीतीश कुमार से लोगों को बहुत अपेक्षाएं थी. खासकर 2005 से 2010 तक जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने विकास के कार्य किए उसके बाद अपेक्षाएं और बढ़ गई, लेकिन पिछले दो कार्यकाल में नीतीश जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं.
'आरजेडी की साजिश है'
इसके अलावा कोरोना काल में बड़ी संख्या में बिहार लौटने वाले लोगों के साथ जो व्यवहार किया गया. उससे भी उनमें आक्रोश है. नियोजित शिक्षक भी समान काम के बदले समान वेतन की मांग कर रहे हैं. तो उनमें भी गुस्सा है. लेकिन यह विरोध और गुस्सा वोट में बदल पाएगा कि नहीं यह कहना मुश्किल है. वहीं जेडीयू नेताओं का कहना है मुख्यमंत्री की कई सभाएं हो रही है. सभाओं की सफलता को देखते हुए विरोध कराया जा रहा है. यह आरजेडी की साजिश है.
सीएम नीतीश का पहले भी होता रहा है विरोध
बता दें कि मुख्यमंत्री प्रतिदिन 4 से 5 सभाएं कर रहे हैं. कुछ सभाओं में विरोध हुआ है, लेकिन पहले भी मुख्यमंत्री के रैलियों में विरोध होता रहा है और उस पर सियासत भी खूब होती रही है. मुख्यमंत्री की पिछले साल यात्रा के दौरान भी कई जगह विरोध हुआ था, लेकिन विधानसभा चुनाव के समय हो रहे विरोध पर आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू है. आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ भी कई रैलियां होनी है. ऐसे में देखना दिलचस्प है कि उन रैलियों में जनता का क्या रुख होता है.