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हथुआ स्टेट राजघराने के सबसे बुजुर्ग शख्स बीपी शाही का निधन, पटना स्थित आवास पर ली अंतिम सांस - हथुआ स्टेट के बीपी शाही का निधन

बिहार के हथुआ स्टेट राजघराने के सबसे बुजुर्ग शख्स ब्रजेश्वर प्रसाद शाही का रविवार को उनके आवास पर निधन हो गया.

BP Shahi died in Patna
BP Shahi died in Patna
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Published : Feb 21, 2021, 10:45 PM IST

पटना: बिहार के हथुआ स्टेट राजघराने के सबसे बुजुर्ग शख्स ब्रजेश्वर प्रसाद शाही का रविवार को उनके आवास पर निधन हो गया. ब्रजेश्वर प्रसाद शाही 86 वर्ष के थे. वे पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे.

यह भी पढ़ें:- पटना जंक्शन में बैग्स ऑन व्हील्स सेवा जल्द, कुलियों में आक्रोश

बीपी शाही का जन्म 1935 में पटना के अंटा घाट आवास में हुआ था. उन्होंने साइकोलॉजी, इंग्लिश और म्यूजिक में एमए की डिग्री ली थी. साथ ही हिंदी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, बंगला और जर्मन भाषा के ज्ञाता भी थे. राजसी ठाठबाट से दूर रहनेवाले बीपी शाही अध्यात्म में लीन रहते थे. हजारों एकड़ जमीन और करोड़ों के जायदाद होने के वाबजूद उनका मोह कभी सम्पति से नहीं रहा. 45 सालों से वे पटना में रेकी ज्योतिष संस्थान चला रहे थे. साथ ही एनर्जी मेडिकल से वो लोगों के जटिल से जटिल बीमारी का इलाज भी करते थे.

यह भी पढ़ें:- CM नीतीश ने 'दीदी की रसोई' सहित स्वास्थ्य विभाग के कई कार्यक्रमों की शुरुआत की

बुझ गया हथुआ राज का दीपक
बीपी शाही के पुत्र प्रणब शाही के अनुसार उन्होंने अध्यात्म की ओर अपना रुख कर लिया था. आध्यात्म की किताबें सहित काली पूजन पर विशेष ध्यान देते थे. प्रणब बताते है कि उनको देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से इतना लगाव था कि राजेन्द्र बाबु उनकी शादी में शरीक होने आए थे. निश्चित तौर पर हथुआ राज का वो दीपक आज बुझ गया है जिन्होंने करोड़ो के जायदाद होने के बावजूद अपना जीवन आध्यात्म और गरीबों के निशुल्क इलाज करने में बिता दिया.

पटना: बिहार के हथुआ स्टेट राजघराने के सबसे बुजुर्ग शख्स ब्रजेश्वर प्रसाद शाही का रविवार को उनके आवास पर निधन हो गया. ब्रजेश्वर प्रसाद शाही 86 वर्ष के थे. वे पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे.

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बीपी शाही का जन्म 1935 में पटना के अंटा घाट आवास में हुआ था. उन्होंने साइकोलॉजी, इंग्लिश और म्यूजिक में एमए की डिग्री ली थी. साथ ही हिंदी और अंग्रेजी के अलावा संस्कृत, बंगला और जर्मन भाषा के ज्ञाता भी थे. राजसी ठाठबाट से दूर रहनेवाले बीपी शाही अध्यात्म में लीन रहते थे. हजारों एकड़ जमीन और करोड़ों के जायदाद होने के वाबजूद उनका मोह कभी सम्पति से नहीं रहा. 45 सालों से वे पटना में रेकी ज्योतिष संस्थान चला रहे थे. साथ ही एनर्जी मेडिकल से वो लोगों के जटिल से जटिल बीमारी का इलाज भी करते थे.

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बुझ गया हथुआ राज का दीपक
बीपी शाही के पुत्र प्रणब शाही के अनुसार उन्होंने अध्यात्म की ओर अपना रुख कर लिया था. आध्यात्म की किताबें सहित काली पूजन पर विशेष ध्यान देते थे. प्रणब बताते है कि उनको देश के पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से इतना लगाव था कि राजेन्द्र बाबु उनकी शादी में शरीक होने आए थे. निश्चित तौर पर हथुआ राज का वो दीपक आज बुझ गया है जिन्होंने करोड़ो के जायदाद होने के बावजूद अपना जीवन आध्यात्म और गरीबों के निशुल्क इलाज करने में बिता दिया.

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