पटना: बिहार पंचायत आम निर्वाचन 2021 (Bihar Panchayat Election) के छठे चरण के तहत हुए मतदान 3 नवंबर को संपन्न हो गया है. 14 नवंबर को इस चरण की मतगणना संपन्न हो जाएगी. शांतिपूर्ण मतदान कराने के साथ ही निष्पक्ष मतगणना को लेकर निर्वाचन आयोग लगातार प्रयास कर रहा है.
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बोगस या फर्जी मतदान रोकने हेतु मतदाता को बायोमेट्रिक सत्यापन कराकर निष्पक्ष वोटिंग कराने को लेकर आयोग काफी एक्टिव है. इसे लेकर प्रत्याशियों के नामांकन के साथ ही उसे आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाता है. इससे मतदाताओं को अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों के संबंध में पूरी जानकारी पाने में आसानी होती है.
अब मतगणना प्रक्रिया को परंपरागत रूप के अलावा ऑनलाइन मतगणना सॉफ्टवेयर पर भी संपादित किया जा रहा है. मतगणना प्रक्रिया में आयोग द्वारा सबसे महत्वपूर्ण तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. ओसीआर टेक्नोलोजी के द्वारा पदवार मतगणना के परिणाम को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में तैयार किया जा रहा है. इससे मतगणना को लेकर आम लोगों की विश्वसनीयता बढ़ी है.
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छठे चरण की मतगणना पांचवें चरण की मतगणना से दो कदम आगे है. पांचवें चरण मे ओसीआर (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉगिनेशन) तकनीक के माध्यम से 33 जिलों के 1591 मतदान केंद्रों पर ग्राम पंचायत सदस्य पद एवं 31 जिलों के 1508 मतदान केंद्रों पर ग्राम पंचायत मुखिया पद का मतगणना संपन्न किया गया है. वहीं, छठे चरण की मतगणना के क्रम में राज्य के 37 जिलों में स्थित मतदान केंद्र पर कल ओसीआर तकनीक के माध्यम से मतगणना का कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किया गया है.
छठे चरण में 1138 मतदान केंद्रों पर जिला परिषद सदस्य की मतगणना ओसीआर तकनीक के माध्यम से कराया गया.
वहीं, ग्राम पंचायत मुखिया पद की मतगणना ओसीआर तकनीक से 1193 मतदान केंद्रों पर कराया गया. इसी प्रकार 1009 मतदान केंद्रों पर पंचायत समिति सदस्य का मतगणना ओसीआर टेक्निक से सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया है. 1293 मतदान केंद्रों पर ग्राम पंचायत सदस्य का भी मतगणना ओसीआर तकनीक से कराया गया है.
क्या है ओसीआर तकनीक?
ओसीआर तकनीकी आनी ऑप्टिकल कैरक्टर रिकॉग्निशन तकनीक से ऑटो टेबुलेशन के जरिए पीडीएफ फाइल तैयार किया जाता है. इस तकनीक से जो मतगणना होती है, उसके सबूत भी उपलब्ध होते हैं. इस तकनीक को और ज्यादा उपयोग करने को लेकर आयोग उत्साहित है और आगे आने वाले दिनों में इसके जरिए बहुत जल्द चुनाव परिणाम की घोषणा हो पाएगी. इस तकनीक के जरिए कहीं किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होती है. साथ ही इसमें किसी व्यक्ति की हिस्सेदारी भी मतगणना में नहीं होती ऐसे में निष्पक्ष और त्वरित मतगणना इसके जरिए संभव हो पाता है.