पटना: बिहार में काेराेना वायरस की जांच में तेजी आने के साथ ही संक्रमित मामलों की संख्या भी उसी रफ्तार में बढ़ने लगी है. राज्य में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 21 मार्च को मिला था. तब तक राज्य के एक मात्र संस्थान राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कोरोना की जांच शुरू हुई थी. इसके पहले तक कोरोना के संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे जा रहे थे. राज्य में 50 सैंपल के साथ शुरुआती जांच का आंकड़ा आज एक दिन में करीब 800 से 900 सैंपल तक जा पहुंचा है. जैसे-जैसे जांच में तेजी आ रही है वैसे-वैसे रोज नए मामले भी सामने आने लगे हैं.
कब से शुरू हुई राज्य में जांच :
- सात मार्च से राज्य में शुरू हुई जांच
- सिर्फ आरएमआरआइ में जांच सुविधा
- पहले दिन सिर्फ 50 सैंपल की जांच
- पहले एनआइवी पुणे में हुई थी जांच
- कोरोना पॉजिटिव का पहला केस 21 मार्च को मिला
चार अप्रैल तक तीन संस्थान में जांच:
- चार अप्रैल तक राज्य के चार लैब में जांच की सुविधा
- ये लैब हैं आरएमआरआइ, आइजीआइएमएस व डीएमसीएच
- चार अप्रैल तक तीन संस्थानों ने की कुल 2629 जांच
- इस दिन तक राज्य में थे कुल पॉजिटिव 31
16 अप्रैल तक 6 संस्थान करने लगे जांच
- 16 अप्रैल तक छह संस्थानों ने की कुल 8846 जांच
- इन दिन तक संक्रमितों की संख्या थी कुल 83
एक नजर में अब तक की जांच:
- 7 मार्च को 50 सैंपल के साथ जांच शुरू हुई.
- 25 अप्रैल तक छह संस्थानों ने की कुल 16050 सैंपल की जांच.
- 21 मार्च को पहला पॉजिटिव, आज तक मिले 228 पॉजिटिव मामले.
संस्थान और उनकी जांच, क्षमता और दिन में हो रही कुल जांच:
संस्थान | क्षमता | जांच |
आरएमआरआइ | 700-800 | 600-650 |
आइजीआइएमएस | 150-175 | 130-150 |
डीएमसीएच | 75-80 | 40-50 |
पीएमसीएच | 90-100 | 60-75 |
एसकेएमसीएच | 40-50 | 30-40 |
एम्स पटना | 50 | 30-40 |
सैंपल प्राप्त करना और जांच की विधि:
- जिला और मेडिकल कॉलेज में बनाए गए सैंपल कलेक्शन सेंटर से सैंपल जांच केंद्र तक लाए जाते हैं.
- हर जिले के लिए जांच लैब कहां होगा यह पहले से निर्धारित है.
- जांच केंद्र में सैंपल, कोड के साथ आते हैं और उसी क्रम में जांच को जाते हैं.
- बाद में आने वाले सैंपल पहले वाले के बाद टेस्ट के लिए जाते हैं.
- यदि जांच के क्रम में कुछ सैंपल बच गए तो अगले दिन उन्हीं सैंपल से जांच की शुरुआत होती है.