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'तांती-ततवा' समुदाय से जुड़ी याचिका पर न्यायालय का बिहार सरकार, अन्य को नोटिस

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Published : Nov 24, 2021, 11:06 PM IST

उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने बिहार में 'तांती/ततवा' समुदाय (Tanti Tatwa Community) के लोगों को आगे अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार व अन्य से जवाब मांगा है. पढ़ें पूरी खबर..

Supreme court
Supreme court

नई दिल्ली/पटना: उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने बिहार में 'तांती/ततवा' समुदाय (Tanti Tatwa Community) के लोगों को आगे अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार व अन्य से जवाब मांगा है.

यह भी पढ़ें - डीएलएड की छात्रा की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने परीक्षा में शामिल होने की दी अनुमति

न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने बिहार सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर इस साल सितंबर में आए पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) की एक खंडपीठ के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर उनका जवाब मांगा है. शीर्ष न्यायालय ने 22 नवंबर के अपने आदेश में कहा, 'नोटिस जारी किया जाए. सभी नियुक्तियां इन कार्यवाहियों के नतीजे पर निर्भर करेंगी.'

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राज्य द्वारा जुलाई 2015 में जारी प्रस्ताव के अस्तित्व व क्रियान्वयन को शून्य व कानून की नजरों में नहीं टिकने वाला घोषित करने का अनुरोध किया गया था. वहीं, शीर्ष न्यायालय में दायर याचिका में उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा था कि मुद्दे से जुड़ी याचिका एक संबद्ध विषय में शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद ली जाएगी.

उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ अधिवक्ता वैभव मनु श्रीवास्तव ने शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दायर कर एक जुलाई 2015 के प्रस्ताव के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की. खंडपीठ के उक्त आदेश के जरिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 'तांती/ततवा' को 'पान/स्वासी' का पर्यायवाची घोषित किया गया था जो अनुसूचित जाति में आता है.

यह भी पढ़ें - जज पर हमला मामला: हाईकोर्ट के स्वत: संज्ञान लेने पर झंझारपुर पहुंचे IG और DM, न्यायिक हिरासत में आरोपी

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(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली/पटना: उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने बिहार में 'तांती/ततवा' समुदाय (Tanti Tatwa Community) के लोगों को आगे अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर राज्य सरकार व अन्य से जवाब मांगा है.

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न्यायमूर्ति एस.अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने बिहार सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर इस साल सितंबर में आए पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) की एक खंडपीठ के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर उनका जवाब मांगा है. शीर्ष न्यायालय ने 22 नवंबर के अपने आदेश में कहा, 'नोटिस जारी किया जाए. सभी नियुक्तियां इन कार्यवाहियों के नतीजे पर निर्भर करेंगी.'

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर राज्य द्वारा जुलाई 2015 में जारी प्रस्ताव के अस्तित्व व क्रियान्वयन को शून्य व कानून की नजरों में नहीं टिकने वाला घोषित करने का अनुरोध किया गया था. वहीं, शीर्ष न्यायालय में दायर याचिका में उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई, जिसमें उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा था कि मुद्दे से जुड़ी याचिका एक संबद्ध विषय में शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद ली जाएगी.

उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ अधिवक्ता वैभव मनु श्रीवास्तव ने शीर्ष न्यायालय में एक याचिका दायर कर एक जुलाई 2015 के प्रस्ताव के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की. खंडपीठ के उक्त आदेश के जरिए अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) 'तांती/ततवा' को 'पान/स्वासी' का पर्यायवाची घोषित किया गया था जो अनुसूचित जाति में आता है.

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(पीटीआई भाषा)

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