पटना : बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 2023 के बजट में इस बार किसानों ने लिए कुछ खास नहीं है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से चुनावी बजट है. बेरोजगारी, महंगाई को रोकने का कोई उपाय बजट के जरिए नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि जो बजट आएगा वह बिहार के लिए नहीं होगा. यह सब कुछ साफ-साफ झलक रहा है. इस बजट से बिहार को कोई भी फायदा नहीं हो रहा है.
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बिहार को कोई भी फायदा नहीं : कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने साफ-साफ कहा है कि भारत कृषि प्रधान देश है. इस बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है. खासकर बिहार में जिस तरह से खाद की किल्लत होती है. इस बजट में कहीं भी चिंता केंद्र सरकार ने नहीं दिखाया है. ना ही कोई प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि हम पहले से ही कह रहे थे कि जो बजट आएगा वह बिहार के लिए नहीं होगा. यह सब कुछ साफ-साफ झलक रहा है. इस बजट से बिहार को कोई भी फायदा नहीं हो रहा है.
बजट में न किसान की और न मजदूर की चिंता की गई: कृषि मंत्री ने कि महंगाई जिस तरह से बढ़ रही है. आम जनता उसे त्रस्त है, लेकिन महंगाई को रोकने का कोई उपाय बजट के जरिए नहीं किया गया है. बजट में न तो किसानों की चिंता की गई है और न ही गरीब मजदूरों की चिंता की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैविक खेती की बात करते हैं, लेकिन अगर किसान जैविक खेती करेगा तो वह किस बाजार में जाकर बेचेगा इसकी चिंता बजट में नहीं की गई है.
"बजट में किसानों के लिए कुछ भी नहीं है. बेरोजगारी, महंगाई को रोकने का कोई उपाय बजट के जरिए नहीं किया गया है. पूरा बजट को कारपोरेट घराना को देखकर बनाया गया है. किसानों की कहीं चिंता नहीं की गई है. हम पहले से ही कह रहे थे कि जो बजट आएगा वह बिहार के लिए नहीं होगा. यह सब कुछ साफ-साफ झलक रहा है. इस बजट से बिहार को कोई भी फायदा नहीं हो रहा है." -कुमार सर्वजीत, कृषि मंत्री
कारपोरेट घराना को देखकर बनाया गया है बजट: कृषि मंत्री ने कहा कि हम चाहते थे कि बिहार में मखाना का उत्पादन ज्यादा होता है. कोरोना के बाद विदेशों में भी मखाना की मांग बढ़ गई है. मखाने के लिए एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो लेकिन ऐसा बजट में नहीं दिखा. केंद्र सरकार ने इसकी भी चिंता नहीं की है. उन्होंने कहा कि पूरा बजट को कारपोरेट घराना को देखकर बनाया गया है. किसानों की कहीं चिंता नहीं की गई है. हम लोग जो आस लगाए बैठे थे कि किसानों के लिए कहीं न कहीं इस बजट में कुछ न कुछ नया होगा. वह कहीं नहीं दिख रहा है. यह बजट पूरी तरह से चुनावी बजट है.