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कोरोना के डर से मरीज नहीं आ रहे अस्पताल, घट गया रूटीन चेकअप का आंकड़ा

कोरोना संक्रमण ने सभी के मन में डर व्याप्त कर दिया है. यही कारण है कि अब अन्य बिमारियों से ग्रसित मरीज अस्पतालों का रुख करने से बच रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की संख्या घट रही है.

बिहार की ताजा खबर
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Published : Aug 17, 2020, 8:50 PM IST

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण का असर प्रदेश के अस्पतालों पर भी पड़ रहा है. एहतियान लोग अपने इलाज करवाने से परहेज करते दिखाई दे रहे हैं. कोरोना के कारण अस्पतालों में जनरल पेशेंट, हीमोफीलिया, थायराइड और डायबिटीज के मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है.

राजधानी पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल हीमोफीलिया का डेडीकेटेड सेंटर है. उसके साथ यहां ओपीडी में डायबिटीज और बीपी के पेशेंट को भी बृहद पैमाने पर देखा जाता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में इन मरीजों की संख्या लगातार घटती गई. वर्तमान में ओपीडी में सामान्य फ्लू के 95 प्रतिशत मामले मिल रहे हैं.

पटना से कृष्ण नंदन की रिपोर्ट

मरीजों में व्याप्त है भय
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पहले यहां काफी संख्या में डायबिटीज के पेशेंट रूटीन चेकअप के लिए आते थे. लेकिन, जब से यहां कोरोना केंद्र की सुविधा शुरू हुई है और लोगों को ये पता चला है. मरीजों की संख्या बेहद घट गई है. उन्होंने बताया कि डायबिटीज के रूटीन पेशेंट फोन के जरिए दवा ले रहे हैं.

डॉ मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल
डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

सिर्फ 30-35 मरीज ही पहुंच रहे अस्पताल
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पहले जहां अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 250 पेशेंट डायबिटीज और थायराइड के आते थे. वहीं अब अस्पताल ये संख्या 30 से 35 रह गई है. उन्होंने कहा कि अब वही मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं जिनके पास और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बच रहा है और डॉक्टर से दिखाना मजबूरी बनता जा रहा है. मरीज भी ये बात कह रहे हैं कि संक्रमण काल टलते ही वो अच्छे से डॉक्टरों से इलाज कराएंगे. फिलहाल, मरीज पहले की तरह दवा ले रहे हैं.

पटना: कोरोना वायरस संक्रमण का असर प्रदेश के अस्पतालों पर भी पड़ रहा है. एहतियान लोग अपने इलाज करवाने से परहेज करते दिखाई दे रहे हैं. कोरोना के कारण अस्पतालों में जनरल पेशेंट, हीमोफीलिया, थायराइड और डायबिटीज के मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है.

राजधानी पटना के इनकम टैक्स चौराहा स्थित न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल हीमोफीलिया का डेडीकेटेड सेंटर है. उसके साथ यहां ओपीडी में डायबिटीज और बीपी के पेशेंट को भी बृहद पैमाने पर देखा जाता था. लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में इन मरीजों की संख्या लगातार घटती गई. वर्तमान में ओपीडी में सामान्य फ्लू के 95 प्रतिशत मामले मिल रहे हैं.

पटना से कृष्ण नंदन की रिपोर्ट

मरीजों में व्याप्त है भय
न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पहले यहां काफी संख्या में डायबिटीज के पेशेंट रूटीन चेकअप के लिए आते थे. लेकिन, जब से यहां कोरोना केंद्र की सुविधा शुरू हुई है और लोगों को ये पता चला है. मरीजों की संख्या बेहद घट गई है. उन्होंने बताया कि डायबिटीज के रूटीन पेशेंट फोन के जरिए दवा ले रहे हैं.

डॉ मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल
डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल

सिर्फ 30-35 मरीज ही पहुंच रहे अस्पताल
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पहले जहां अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 250 पेशेंट डायबिटीज और थायराइड के आते थे. वहीं अब अस्पताल ये संख्या 30 से 35 रह गई है. उन्होंने कहा कि अब वही मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं जिनके पास और कोई दूसरा ऑप्शन नहीं बच रहा है और डॉक्टर से दिखाना मजबूरी बनता जा रहा है. मरीज भी ये बात कह रहे हैं कि संक्रमण काल टलते ही वो अच्छे से डॉक्टरों से इलाज कराएंगे. फिलहाल, मरीज पहले की तरह दवा ले रहे हैं.

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