ETV Bharat / state

DIGITAL INDIA के दावों से दूर हैं इस गांव की तस्वीर, आजादी के बाद से अब तक नहीं बनी सड़क - No road in Bansopidi village

बांसोंपिडी गांव में आजादी से अब तक सड़क नहीं बनी है. सड़क नहीं होने के कारण किसी की तबीयत खराब हो जाये तो खटिया पर टांग कर 10 किलोमीटर दूर मुख्यालय स्थित अस्पताल ले जाना पड़ता है.

Patna
Patna
author img

By

Published : Apr 4, 2021, 2:45 PM IST

Updated : Apr 4, 2021, 8:55 PM IST

पटना: राजधानी पटना से तकरीबन 55 किलोमीटर की दूरी पर धनरूआ प्रखंड स्थित सांडा पंचायत के बांसोंपिडी गांव में आजादी से अब तक सड़क नहीं बनी है. यह विकास के दावे को आईना दिखाने वाली तस्वीर है. जो यह बता रहा है गांव गांव में कितना विकास का हुआ है.

बांसोपिडी गांव में सड़क नहीं बनने से 500 की आबादी इससे प्रभावित हैं. बरसात के दिनों की बात तो छोड़िए, गर्मी के दिनों में भी इस गांव में जाने के लिए लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते संक्रमण में पंचायत चुनाव करवाना आयोग के लिए चुनौती

बरसात के दिनों में अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो जाये तो खटिया पर लाद कर 10 किलोमीटर दूर मुख्यालय स्थित अस्पताल ले जाना पड़ता है. सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा यह गांव आज तक सड़क से महरूम है.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ : नक्सली हमले में 22 जवान शहीद

ग्रामीणों की मानें तो स्थानीय विधायक, सांसद से लेकर मंत्री तक गुहार लगाकर लोग थक गए हैं. इसके बावजूद अभी तक सड़क नहीं बन पाई है. सांडा पंचायत के पंचायत समिति की मानें तो 2016 में स्थानीय विधायक से गुहार लगाई गई थी. लेकिन अभी तक वह आश्वासन पूरा नहीं हो पाया है.

पटना: राजधानी पटना से तकरीबन 55 किलोमीटर की दूरी पर धनरूआ प्रखंड स्थित सांडा पंचायत के बांसोंपिडी गांव में आजादी से अब तक सड़क नहीं बनी है. यह विकास के दावे को आईना दिखाने वाली तस्वीर है. जो यह बता रहा है गांव गांव में कितना विकास का हुआ है.

बांसोपिडी गांव में सड़क नहीं बनने से 500 की आबादी इससे प्रभावित हैं. बरसात के दिनों की बात तो छोड़िए, गर्मी के दिनों में भी इस गांव में जाने के लिए लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: कोरोना के बढ़ते संक्रमण में पंचायत चुनाव करवाना आयोग के लिए चुनौती

बरसात के दिनों में अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो जाये तो खटिया पर लाद कर 10 किलोमीटर दूर मुख्यालय स्थित अस्पताल ले जाना पड़ता है. सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा यह गांव आज तक सड़क से महरूम है.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ : नक्सली हमले में 22 जवान शहीद

ग्रामीणों की मानें तो स्थानीय विधायक, सांसद से लेकर मंत्री तक गुहार लगाकर लोग थक गए हैं. इसके बावजूद अभी तक सड़क नहीं बन पाई है. सांडा पंचायत के पंचायत समिति की मानें तो 2016 में स्थानीय विधायक से गुहार लगाई गई थी. लेकिन अभी तक वह आश्वासन पूरा नहीं हो पाया है.

Last Updated : Apr 4, 2021, 8:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.