पटना: बीते दिनों देश भर में कोयला संकट के कारण बिजली संकट गहरा गया था. इसक असर बिहार ( Power Problem In Bihar) में भी पड़ा था लेकिन अब इस समस्या का समाधान हो गया है. एनटीपीसी के पूर्ण स्वामित्व वाली नबीनगर पावर जेनेरटिंग कंपनी (एनपीजीसी) के थर्मल पावर स्टेशन के 660 मेगावाट की तीसरी इकाई ने उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया. इससे बिहार को आज से 559 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी .अब बिहार को एनटीपीसी से 5922 मेगावाट बिजली मिलेगी. वहीं एनपीजीसी से 1122 मेगावाट की जगह 1680 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी.
84.8 प्रतिशत बिजली बिहार को आवंटित: इसको लेकर एनटीपीसी की तरफ से बताया कि कुल 19,412 करोड़ की लागत से सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित 660 मेगावाट की तीन इकाइयों के साथ कुल 1980 मेगावाट की यह कोयला आधारित परियोजना बिहार के औरंगाबाद जिले के बारूण प्रखण्ड में स्थित है. भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने इस परियोजना की 84.8 प्रतिशत बिजली गृह राज्य बिहार को आवंटित किया गया है.
इन राज्यों को भी मिलेगा लाभ: शेष बिजली उत्तर प्रदेश, झारखंड और सिक्किम राज्यों को आवंटित की जाएगी. बताया जा रहा है कि इसकी पहली व दूसरी इकाई का वाणिज्यिक प्रचालन 6 सितम्बर 2019 व 23 जुलाई 2021 को केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह द्वारा बिहार के ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में किया गया था. जिससे बिहार को तय आवंटन के हिसाब से 1122 मेगावाट से भी अधिक बिजली की निरंतर आपूर्ति अब तक की जा रही है.
कोयला संकट से बढ़ी थी परेशानीः बिहार में भी पिछले दिनों 1000 से 2000 मेगावाट बिजली की कमी बताई जा रही थी लेकिन अब मंत्री का साफ कहना था कि कहीं कोई समस्या नहीं है. बिजली की कमी के पीछे कोयला संकट बताया जा रहा था. देश में कोयले का संकट कई दिनों तक रहा. बताया गया कि कई जगहों पर बिजली थर्मल पावर अपेक्षा के अनुरूप उत्पादन नहीं कर पा रहे थे. बता दें कि पिछले साल भी देश के कई राज्यों को बिजली संकट से जूझना पड़ा था. उसमें बिहार भी शामिल था. फिर गर्मी शुरू होते ही लोगों की परेशानी बढ़ने लगी थी.
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