पटना: बिहार में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है. हर रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. सरकार ने लॉकडाउन तो लगा दिया है. लेकिन रफ्तार पर ब्रेक लगने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऑक्सीजन को लेकर राज्य में हाहाकार है. अधिकारी यह भी बताने में सक्षम नहीं हैं कि राज्य में ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या कितनी हैं.
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राज्य में ऑक्सीजन को लेकर मचा हाहाकार
विशेषज्ञ लगातार सरकार को आगाह कर रहे थे कि आने वाले दिनों में संक्रमण की रफ्तार तेज होगी. सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना चाहिए. बिहार सरकार के अधिकारियों ने तैयारियों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई और नतीजा सबके सामने है. बिहार में कितने ऑक्सीजन युक्त बेड हैं, यह बताने में अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं.
सीएम से लेकर सचिव तक टाल गए सवाल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ही जब ईटीवी भारत की ओर से यह सवाल पूछा गया था तो वे भी इसे टाल गए थे. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भी जब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से यह सवाल पूछा गया तो मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार ने यह कहते हुए टाल दिया कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस लॉकडाउन से संबंधित है.
तैयारियों की खुल रही है पोल
बिहार में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है. हर रोज मामलों में इजाफा हो रहा है. जिस रफ्तार से संक्रमण बढ़ रहे हैं, उस रफ्तार से सरकार संसाधनों को नहीं बढ़ा सकती है. जिसके चलते पटना हाईकोर्ट के दबाव में सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा. कोरोना की दूसरी लहर को लेकर सरकार गंभीर रहती तो तैयारी पहले से ही की जाती. स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से निश्चिंत था और तैयारी नहीं की गयी.
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