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PMCH में नहीं है शव रखने की व्यवस्था, इमरजेंसी के टैंक में भरी जाती है लाश

सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में कहने को तो इलाज के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं हैं. लेकिन यहां पर शव के रखने का कोई इंतजाम नहीं है.

PMCH में नहीं है सवगृह
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Published : Jun 26, 2019, 11:29 AM IST

पटनाः मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीछे नरकंकाल के बरामदगी मामले के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली है. राज्य के अस्पतालों में अब भी कोई व्यापक इंतजाम नहीं किया जा रहा है. इसका जीगता-जागता उदाहरण है राजधानी पटना का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच. यहां पर शव रखने तक के लिए जगह नहीं है. .

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान के भरोसे है. विभिन्न जिला मुख्यालयों और प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों का हाल बेहाल है. जहां लगभग हर अस्पताल डॉक्टरों की कमी और संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है. ऐसे में सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में कहने को तो इलाज के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं हैं. लेकिन पीएमसीएच में शव को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

संवाददाता शशि तुलसियान की रिपोर्ट.

मॉर्चुरी कूलर की व्यवस्था नहीं
बताया जा रहा है कि यहां फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में पोस्टमार्टम किया जाता है. मुर्दाघर बनाए तो गए हैं लेकिन मॉर्चुरी कूलर मशीन नहीं रहने के कारण मुर्दाघर में शव को नहीं रखा जाता है. मजबूरन शवों को इमरजेंसी के टैंक में रखा जा रहा है. पीएमसीएच के प्रिंसिपल रामजी प्रसाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि सरकार ने अभी तक मॉर्चुरी की व्यवस्था नहीं की है. हालांकि आश्वासन है कि जल्द ही इसकी व्यवस्था हो जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाल में ही ईटीवी भारत ने लावारिस लाशों के प्रति अनदेखी करने का मामला उजागर किया था. उसके ठीक 4 दिन बाद मुजफ्फरपुर में लावारिस लाशों के कंकाल और जलाने का मामला सामने आया था. अब पीएमसीएच में भी यह हाल है कि शव रखने की जगह तक नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना लाजमी है.

पटनाः मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के पीछे नरकंकाल के बरामदगी मामले के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली है. राज्य के अस्पतालों में अब भी कोई व्यापक इंतजाम नहीं किया जा रहा है. इसका जीगता-जागता उदाहरण है राजधानी पटना का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच. यहां पर शव रखने तक के लिए जगह नहीं है. .

बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान के भरोसे है. विभिन्न जिला मुख्यालयों और प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों का हाल बेहाल है. जहां लगभग हर अस्पताल डॉक्टरों की कमी और संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है. ऐसे में सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में कहने को तो इलाज के लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं हैं. लेकिन पीएमसीएच में शव को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं है.

संवाददाता शशि तुलसियान की रिपोर्ट.

मॉर्चुरी कूलर की व्यवस्था नहीं
बताया जा रहा है कि यहां फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में पोस्टमार्टम किया जाता है. मुर्दाघर बनाए तो गए हैं लेकिन मॉर्चुरी कूलर मशीन नहीं रहने के कारण मुर्दाघर में शव को नहीं रखा जाता है. मजबूरन शवों को इमरजेंसी के टैंक में रखा जा रहा है. पीएमसीएच के प्रिंसिपल रामजी प्रसाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि सरकार ने अभी तक मॉर्चुरी की व्यवस्था नहीं की है. हालांकि आश्वासन है कि जल्द ही इसकी व्यवस्था हो जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाल में ही ईटीवी भारत ने लावारिस लाशों के प्रति अनदेखी करने का मामला उजागर किया था. उसके ठीक 4 दिन बाद मुजफ्फरपुर में लावारिस लाशों के कंकाल और जलाने का मामला सामने आया था. अब पीएमसीएच में भी यह हाल है कि शव रखने की जगह तक नहीं है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना लाजमी है.

Intro:SPL.


बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहाल है,
ऐसे मे सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में शव रखने कहा लिए ब्यापक इंतजाम नही है
देखिए एक खास रिपोर्ट:--


Body:बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पेपर ट्री हो गई है बिहार के विभिन्न जिला मुख्यालयों एवं प्रखंड स्तर तक के अस्पतालों का हाल बेहाल दिख रहा है जहां पर डॉक्टरों को कमी और संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है ऐसे में हम बात कर रहे हैं सुबह के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का जहां पर कहने को तो इलाज को लेकर सभी तरह की व्यवस्थाएं की बात कही जाती हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि पीएमसीएच में शव को रखने का जगह तक नहीं है बताया जाता है कि फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में पोस्टमार्टम किया जाता है यहां पर मुर्दाघर बनाए गए थे लेकिन आज तक मसूरी कूलर मशीन नहीं रहने के कारण मुर्दाघर में शव को नहीं रखा जाता है मजबूरन आज तक हालात यह है कि मुर्दा को इमरजेंसी के टाइम की में रखा जा रहा है पीएमसीएच के सारे रामजी प्रसाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि सरकार ने अभी तक मसूरी की व्यवस्था नहीं की गई है लेकिन आश्वासन है कि जल्द ही वह व्यवस्था हो जाएगी


Conclusion:अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हाल में ही ईटीवी भारत ने लावारिस लाशों के प्रति अनदेखी करने का मामला उजागर किया था उसके ठीक 4 दिन बाद मुजफ्फरपुर में लावारिस लाशों के कंकाल और जलाने का मामला प्रकाश में आया था और अब ऐसे में पीएमसीएच में शव रखने की जगह तक नहीं है तो ऐसे में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना लाज़मी हो गया है ईटीवी भारत पर आज फिर पीएमसीएच पर शव रखने की व्यापक इंतजाम नहीं है का पर्दाफाश कर रहा है



बाईट:--प्रोफेसर डॉ रामजी प्रसाद
प्रिंसिपल, पीएमसीएच
बाईट:-गुड्डू बाबा उर्फ विकास, सामाजिक कार्यकर्ता

पी टू सी
शशि तुलस्यान, पटना
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