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सांसदों-विधायकों ने विधानसभा के शताब्दी समारोह को बताया यादगार, लालू परिवार ने बनाई दूरी

बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पर आयोजित कार्यक्रम सभी दलों के विधायक और पूर्व विधायक शामिल हुए. हालांकि लालू परिवार से कोई शामिल नहीं हुआ. तमाम सांसदों और विधायकों ने कहा कि कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) ने इस दौरान 5 सामाजिक संकल्प को विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका तक पहुंचाने की बात भी की. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) का संबोधन बिहार के लोगों का दिल छूने वाला था.

बिहार विधानसभा भवन
बिहार विधानसभा भवन
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Published : Oct 21, 2021, 4:28 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह (Bihar Vidhan Sabha Centenary Celebrations) में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने पहले शताब्दी समिति स्तंभ के निर्माण का स्टोन रखा. उसके बाद उन्होंने बोधि वृक्ष (Bodhi Tree) का शिशु पौधा भी लगाया. राष्ट्रपति के कार्यक्रम में कुछ चुनिंदा लोगों को ही आने दिया गया था. इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति और कुछ मंत्री शामिल थे. हालांकि कार्यक्रम के बाद विधायकों और पूर्व विधायकों के साथ-साथ कई सांसदों ने भी दोनों स्थानों पर जाकर फोटो खिंचवाई और सेल्फी भी ली. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और लालू परिवार ने कार्यक्रम से दूरी बनाई थी.

ये भी पढ़ें: 'जब मुख्यमंत्री जी ने मुझे बिहारी राष्ट्रपति कहकर संबोधित किया.. तो मैं गदगद हो गया'

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) खुद विधायकों को लेकर स्थल पर गए और उन्हें जानकारी भी दी क्या कुछ करने वाले हैं. स्पीकर ने समारोह में पांच संकल्प भी लिया और उसे विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका हर जगह पहुंचाने की बात कही.

देखें रिपोर्ट

"सामाजिक अभिशाप से मुक्त हमारा परिवार हो. पांच सामाजिक वरदान से युक्त हमारा परिवार हो, पांच सामाजिक सम्मान से पूर्ण मेरा परिवार हो. इसकी शुरुआत हमने अपने घर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय के द्वारा की है. ये कार्य कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सबके घर तक पहुंचेगा. ये अभियान 21वीं सदी के नए राष्ट्र बनाने का एक प्रारंभ बिहार की धरती से हुआ"- विजय सिन्हा, बिहार विधानसभा अध्यक्ष

कार्यक्रम में पहुंचे महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि समारोह ऐतिहासिक रहा. वैसे तो विधानसभा भवन के 100 साल पर कार्यक्रम था, लेकिन पुराने और नए लोगों के मिलन का भी यह शानदार अवसर था. वहीं, लालू परिवार के नहीं आने पर तंज कसते हुए कहा कि यह तुच्छ राजनीि है, ऐसा नहीं करना चाहिए था.

वहीं, जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा जिनको आना था आए और जिन को नहीं आना था, वे नहीं आए. विधान सभा का यह कार्यक्रम था और सब को सम्मान देने की जरूरत थी, लेकिन जो नहीं आए हैं उन्हें आने वाले दिनों में उसका खामियाजा भुगतना होगा.

ये भी पढ़ें: 'तेजस्वी के लिए बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह से ज्यादा जरूरी चुनाव प्रचार'

कांग्रेस विधायक राजेश राम ने भी कहा कि कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा तो वहीं एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि 100 साल में भवन उसी तरह से है. हमें विचार करना चाहिए कि 100 साल पहले लोकतंत्र की क्या स्थिति थी और आज क्या है. वहीं, कांग्रेस और अन्य दलों के नेता तेजस्वी और लालू परिवार के नहीं आने पर कुछ भी बोलने से बचते रहे.

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन से बिहार के लोगों का दिल जीत लिया. मुख्यमंत्री ने उन्हें जिस प्रकार से बिहारी राष्ट्रपति बताया, उसको लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि मैं गदगद हो गया. बिहारी राष्ट्रपति कहलाने पर मुझे गर्व होता है. राजेंद्र प्रसाद की छोड़ी विरासत को संभालने की जिम्मेदारी मेरी है. बिहार विधानसभा में शताब्दी वर्ष पर जो कार्यक्रम आयोजित किया गया, इससे पहले इतना भव्य कार्यक्रम नहीं हुआ था. इसकी प्रशंसा सभी दलों के नेता कर रहे हैं, लेकिन आरजेडी के अधिकांश विधायकों की अनुपस्थिति से कहीं ना कहीं कार्यक्रम में उनकी कमी जरूर खली. विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से एक गिफ्ट भी दिया गया.

पटना: बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह (Bihar Vidhan Sabha Centenary Celebrations) में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने पहले शताब्दी समिति स्तंभ के निर्माण का स्टोन रखा. उसके बाद उन्होंने बोधि वृक्ष (Bodhi Tree) का शिशु पौधा भी लगाया. राष्ट्रपति के कार्यक्रम में कुछ चुनिंदा लोगों को ही आने दिया गया था. इसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति और कुछ मंत्री शामिल थे. हालांकि कार्यक्रम के बाद विधायकों और पूर्व विधायकों के साथ-साथ कई सांसदों ने भी दोनों स्थानों पर जाकर फोटो खिंचवाई और सेल्फी भी ली. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और लालू परिवार ने कार्यक्रम से दूरी बनाई थी.

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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) खुद विधायकों को लेकर स्थल पर गए और उन्हें जानकारी भी दी क्या कुछ करने वाले हैं. स्पीकर ने समारोह में पांच संकल्प भी लिया और उसे विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका हर जगह पहुंचाने की बात कही.

देखें रिपोर्ट

"सामाजिक अभिशाप से मुक्त हमारा परिवार हो. पांच सामाजिक वरदान से युक्त हमारा परिवार हो, पांच सामाजिक सम्मान से पूर्ण मेरा परिवार हो. इसकी शुरुआत हमने अपने घर से महामहिम राष्ट्रपति महोदय के द्वारा की है. ये कार्य कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सबके घर तक पहुंचेगा. ये अभियान 21वीं सदी के नए राष्ट्र बनाने का एक प्रारंभ बिहार की धरती से हुआ"- विजय सिन्हा, बिहार विधानसभा अध्यक्ष

कार्यक्रम में पहुंचे महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने कहा कि समारोह ऐतिहासिक रहा. वैसे तो विधानसभा भवन के 100 साल पर कार्यक्रम था, लेकिन पुराने और नए लोगों के मिलन का भी यह शानदार अवसर था. वहीं, लालू परिवार के नहीं आने पर तंज कसते हुए कहा कि यह तुच्छ राजनीि है, ऐसा नहीं करना चाहिए था.

वहीं, जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने कहा जिनको आना था आए और जिन को नहीं आना था, वे नहीं आए. विधान सभा का यह कार्यक्रम था और सब को सम्मान देने की जरूरत थी, लेकिन जो नहीं आए हैं उन्हें आने वाले दिनों में उसका खामियाजा भुगतना होगा.

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कांग्रेस विधायक राजेश राम ने भी कहा कि कार्यक्रम ऐतिहासिक रहा तो वहीं एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि 100 साल में भवन उसी तरह से है. हमें विचार करना चाहिए कि 100 साल पहले लोकतंत्र की क्या स्थिति थी और आज क्या है. वहीं, कांग्रेस और अन्य दलों के नेता तेजस्वी और लालू परिवार के नहीं आने पर कुछ भी बोलने से बचते रहे.

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन से बिहार के लोगों का दिल जीत लिया. मुख्यमंत्री ने उन्हें जिस प्रकार से बिहारी राष्ट्रपति बताया, उसको लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि मैं गदगद हो गया. बिहारी राष्ट्रपति कहलाने पर मुझे गर्व होता है. राजेंद्र प्रसाद की छोड़ी विरासत को संभालने की जिम्मेदारी मेरी है. बिहार विधानसभा में शताब्दी वर्ष पर जो कार्यक्रम आयोजित किया गया, इससे पहले इतना भव्य कार्यक्रम नहीं हुआ था. इसकी प्रशंसा सभी दलों के नेता कर रहे हैं, लेकिन आरजेडी के अधिकांश विधायकों की अनुपस्थिति से कहीं ना कहीं कार्यक्रम में उनकी कमी जरूर खली. विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से एक गिफ्ट भी दिया गया.

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