पटनाः बिहार विधान परिषद के 8 सीटों पर शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव होने वाला है. मई में ही 8 सीट का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. सूत्रों के अनुसार बिहार सरकार ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर जल्द से जल्द चुनाव कराने का आग्रह किया है. लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है.
मई में समाप्त हो चुका है कार्यकाल
मंत्री नीरज कुमार, बीजेपी नेता नवल यादव, सीपीआई के केदार पांडेय , संजय सिंह, कांग्रेस के मदन मोहन झा जेडीयू के दिलीप चौधरी सरीखे नेता चुनाव की तैयारी में लग गए थे. जोर शोर से तैयारी हो रही थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण अप्रैल में चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को स्थगित कर दिया. सभी का मई में कार्यकाल समाप्त हो चुका है.
चुनाव आयोग के निर्देश के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
बिहार निर्वाचन आयोग के उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बैजू नाथ सिंह ने बताया कि 3 अप्रैल को जो चुनाव प्रक्रिया स्थगित की गई थी. उसे लेकर चुनाव आयोग की तरफ से अब तक कोई अपडेट नहीं आया है. आयोग के निर्देश के बाद ही चुनावी प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी.
खाली हैं 8 सीटें
बिहार सरकार की ओर से जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिखा गया है और उसे चुनाव आयोग को भेज दिया गया है. बिहार विधानसभा चुनाव भी इसी साल होने वाला है. ऐसे में सरकार की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव हो जाए और विधान परिषद की खाली 8 सीट भर जाए.
शिक्षक स्नातक और राज्यपाल कोटे पर सबकी नजर
बता दें कि विधानसभा से 9 विधान पार्षदों का चयन हो चुका है. सभी निर्विरोध चयनित उम्मीदवारों ने शपथ ग्रहण भी कर लिया है. अब सबकी नजर स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के आठ सीटों पर है. साथ में राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाली 12 सीटों पर भी सभी दलों की नजर बनी हुई है.