पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण का दायरा तेजी से अलग-अलग फैल रहा है. राजधानी पटना में खासकर कोरोना पॉजिटिव की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. वहीं, डिप्टी सीएम के पीए सहित कई लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. इस दौरान एनएमसीएच में लापरवाही को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ. जिस पर जमकर सियासत भी हुई. हालांकि, इस पर अस्पताल अधीक्षक ने कई बातों को नकारते हुए सफाई दी है.
इस वायरल वीडियो का सच जानने पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने अस्पताल अधीक्षक से बातचीत की. अस्पताल अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा ने बताया कि बुधवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सात लोगो की मौत हुई थी. जिन्हें एक-एक कर पूरी सुरक्षा के साथ किट में शव को परिजन के समक्ष रखा जा रहा था. एक मरीज को डिस्पोजल करने में पांच घंटे लगते है. दो दिन से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई थी. सभी मौत बुधवार की सुबह में अलग-अलग समय में हुई. जिनको डिस्पोजल किया गया. ऐसे में एक दिन में सात मरीज की मौत की वजह से डिस्पोजल करने में समय लगना लाजमी है.
बुधवार को वायरल हुआ था वीडियो
बता दें कि कोविड हॉस्पिटल, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल से कोरोना पॉजिटिव मरीज ने एक वीडियो वायरल किया. जिसमें आईसीयू वार्ड में मरे कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ जीवित मरीजों का ईलाज हो रहा है. जो कोरोना के मरीजों के लिए खतरनाक है. उस वीडियो में यह भी कहा गया कि शव दो दिन से आईसीयू की बेड पर पड़ा लेकिन उठाने बाला कोई नहीं है. अस्पताल प्रसाशन की लापरवाही के कारण शव के साथ जीवित मरीजों का ईलाज चल रहा है. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में बुधवार को मरीज की मौत की पुष्टि कर दो दिन से रखे शव के आरोपों को नकार दिया.