पटना: जदयू के विधान पार्षद रामेश्वर महतो कुछ दिनों से पार्टी से नाराज चल रहे थे. उनकी नाराजगी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से थी. रामेश्वर महतो भी कुशवाहा जाति से आते हैं. जदयू से कुशवाहा जाति के कुछ नेता पहले ही किनारा कर चुके है. इसलिए नीतीश कुमार ने रामेश्वर महतो की नाराजगी को गंभीरता से लिया. आज शनिवार को रामेश्वर महतो और उमेश कुशवाहा एक मंच पर आए. प्रेस कांफ्रेंस में गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश हुई.
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"मेरी आस्था नीतीश कुमार में है. मैं नीतीश कुमार के साथ हूं. जो लोग जनता दल यूनाइटेड छोड़कर गए हैं वह अपने स्वार्थ में गए हैं, उनसे मेरा कोई रिश्ता नहीं है. आरसीपी सिंह को पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ दी. कुशवाहा वोट बैंक पूरी तरह जदयू के साथ इंटैक्ट है."- रामेश्वर महतो, जदयू नेता सह विधान पार्षद
रामेश्वर महतो से अब कोई विवाद नहींः जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में सभी लोग एकजुट हैं और नीतीश कुमार को मजबूत कर रहे हैं. संगठन के कुछ मुद्दों को लेकर रामेश्वर महतो की नाराजगी थी लेकिन, मुख्यमंत्री से मिलकर उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. उन्होंने कहा कि रामेश्वर महतो और उनके बीच अब कोई विवाद नहीं है. बता दें कि उमेश कुशवाहा और अशोक चौधरी को लेकर रामेश्वर महतो लगातार टिप्पणी कर रहे थे.
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कुशवाहा वोट बैंक दरकने की चिंताः बिहार की राजनीति में कुछ दिनों से समीकरण में तेजी से बदलाव हो रहा है. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़कर नई पार्टी बना ली. इस बीच भाजपा ने कुशवाहा वोट बैंक पर निशाना साधना शुरू किया. जदयू से कुशवाहा नेता किनारा करने लगे. जदयू को कुशवाहा वोट की फिक्र होने लगी. इस बीच जदयू के एक और कुशवाहा नेता विधान पार्षद रामेश्वर महतो पार्टी से नाराज चलने लगे तो नीतीश कुमार की चिंता बढ़ गयी.