पटना: पिछले महीने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की जो बैठक हुई थी, उसमें 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए थे. विपक्षी दलों की अपनी तरह की यह पहली बैठक थी. जिसको लेकर पहले कई तरह की चर्चा हो रही थी. बीजेपी की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था बैठक नहीं होगी लेकिन बैठक नीतीश कुमार की पहल पर हुई. अब अगली बैठक पर सबकी नजर है. इस बीच जेडीयू के राज्यसभा सांसद और नीतीश कुमार के करीबी वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री जिस काम को शुरू करते हैं, उसे मुकाम तक पहुंचाते हैं.
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"नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक काम किया है. विभिन्न क्षेत्रों के विपक्षी दल के नेताओं को एक मंच पर इकट्ठा करने में सफलता प्राप्त की है. हमारे मुख्यमंत्री जी धुन के पक्के हैं. बिहार की धरती से जो विपक्षी एकजुटता की मुहिम शुरू हुई है, उसे वह अंतिम मुकाम तक पहुंचाकर रहेंगे"- वशिष्ठ नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद, जनता दल यूनाइटेड
लालू-नीतीश की अगुवाई में महागठबंधन: वशिष्ठ नारायण सिंह ने बातचीत में कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव महागठबंधन को मिलकर चला रहे हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार अच्छे ढंग से काम कर रही है और विपक्षी दलों की बैठक को लेकर महागठबंधन को बड़ी सफलता मिली है. देश के दिग्गज नेताओं, जिनका देश के अलग-अलग हिस्सों में अपना प्रभाव है, सभी एक साथ जुटे और कुछ बिंदुओं पर सहमति भी बनी है.
बीजेपी के खिलाफ एकजुटता जरूरी: जेडीयू सांसद का ने कहा कि देश के इतिहास के साथ, देश के संविधान के साथ और देश की विरासत के साथ बीजेपी का जो रवैया है, वह देश के लिए चिंता की बात है. विपक्षी दलों की बैठक में नेताओं ने आगे बढ़कर इन मुद्दों पर अपनी राय रखी है और सब ने अपनी चिंता जाहिर की है. अब आगे बैठक फिर निर्धारित है.
अगली बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा: विपक्षी दलों की अगली बैठक में सीट शेयरिंग और अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी है तो उसके लिए क्या रणनीति तैयार हो रही है, इस पर वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि अभी हम इस पर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं. इसके लिए वे अधिकृत भी नहीं है लेकिन एक बार जब विपक्षी दलों के दिग्गज नेता एक साथ बैठ गए तो बैठकों का सिलसिला लगातार चलेगा. एक साथ कैसे चुनाव लड़ा जाए और बीजेपी के खिलाफ क्या रणनीति हो, उस पर गंभीरता से चर्चा होगी.
पिछली बैठक में क्या हुआ था?: पटना में 23 जून को पिछले महीने जो बैठक हुई थी, उसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने घोषणा की थी 10 से 12 जुलाई के बीच शिमला में बैठक होगी लेकिन फिर बाद में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में बैठक की घोषणा कर दी लेकिन अब वह तिथि बढ़कर 17-18 जुलाई हो गई है.
लालू-नीतीश भी शामिल होंगे: जेडीयू नेता और जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि 17 जुलाई को दोपहर से विपक्षी दलों की बैठक होगी, जिसमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. नीतीश कुमार बैठक में शामिल होंगे. उधर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी पहले ही घोषणा कर दी है कि वह बैठक में शामिल होंगे.