पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा कि सोमवार को जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से जो शिष्टमंडल मिलेगा, उसमें सभी दल से एक-एक नेता शामिल होंगे. बीजेपी भी इसमें शामिल होगी.
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सीएम नीतीश कुमार ने कहा बीजेपी से पहले हमें नाम नहीं मिला था, लेकिन शुक्रवार को नाम दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि वे खुद भी जाएंगे. बाकी 10 दलों के विधायक या विधान पार्षद इस शिष्टमंडल में शामिल होंगे, जो पीएम मोदी से मिलकर जातीय जनगणना पर अपनी-अपनी राय रखेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जब सब लोग मिलजुलकर पीएम के सामने अपनी बात रखेंगे तो इसका असर जरूर होगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि निर्णय तो आखिरकार केंद्र सरकार को ही लेना है.
सीएम ने एक बार फिर कहा कि जातीय जनगणना से किसी को नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के लोग ये चाहते हैं कि एक बार तो जरूर कास्ट सेंसस हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बार अगर जानकारी हो जाएगी कि अलग-अलग जातियों की तो उनके संरक्षण के लिए, उन्हें और आगे बढ़ाने के लिए और बेहतर कार्य करने के लिए यह बहुत अच्छा रहेगा.
आपको बताएं कि जेडीयू और आरजेडी के साथ-साथ सभी विपक्षी पार्टियां जातीय जनगणना के पक्ष में हैं. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुवाई में एक शिष्टमंडल ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर उन्हें 2 प्रस्ताव भी सौंपे थे. पहले प्रस्ताव में प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगने की मांग थी, जबकि दूसरे में कहा गया था कि अगर केंद्र जातीय जनगणना कराने की मांग नहीं मानता है तो राज्य अपने खर्च पर इसे कराए.
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वहीं, इस बारे में सीएम ने कहा था कि जहां तक विपक्ष की मांग है कि राज्य अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराए तो मैं कहना चाहूंगा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात नहीं हो जाती और कोई बात सामने नहीं आ जाती है, तबतक कैसे कोई निर्णय ले लेंगे. सीएम ने कहा कि पीएम के साथ बातचीत से जो चीजें सामने आएंगी, उसी हिसाब से आपस में मिल-बैठकर इस बारे में बात करेंगे. जब भी राज्य में खुद से जनगणना कराएंगे तो फैसला सर्वसम्मति से ही लेंगे. ये बात आगे की है, फिलहाल हमलोग चाहेंगे कि देशभर में इसे कराई जाए.