पटना: बिहार में चमकी बुखार से अब तक 170 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई हैं. मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में इसे चमकी बुखार कहा जा रहा है, लेकिन प्रशासन बीमारी की असल वजह और इलाज ढूंढने में विफल साबित हुआ है.
AES का बढ़ा दायरा
पिछले चौबीस घंटों में बिहार के अन्य जिलों से एईएस से दो दर्जन से अधिक मौत के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार पटना, भागलपुर, बांका, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण में बच्चों की मौतों की सूचना है. मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में लगातार हो रही मौत को रोकने में असफल बिहार की नीतीश सरकार और प्रशासन लोगों के निशाने पर है. नीतीश कुमार से जब बच्चों की मौतों पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
20 दिन बाद सीएम का दौरा
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी हाहाकार मचने पर 20 दिन बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे थे. दोनों ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का दौरा कर मरीजों से मुलाकात की थी. परिजनों से मुलाकात कर बच्चों का हालचाल जाना था. हालांकि, उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था. इलाज करा रहे बच्चों के परिजनों ने नीतीश वापस जाओ के नारे भी लगाए थे. हालांकि, इन सब के बीच अस्पताल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अस्पताल का दौरा कर मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की थी.
नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, 24 घंटे सभी अस्पताल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. आज फिर बच्चों की मौत पर नीतीश ने चुप्पी साधी ली है. सीएम ने सवालों के जवाब नहीं दिए. कल भी सवालों से भागे थे नीतीश कुमार. मुजफ्फरपुर में नेताओं के जाने का सिलसिला जारी है. शरद यादव अस्पताल पहुंचे, हालांकि भारी काफिले को लेकर सवाल खड़े हुए हैं. चमकी बुखार को लेकर एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जिसपर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की गई है.