पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है. सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई. प्रश्नकाल के दौरान एनआरसी, सीएए और एनपीआर को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए सीएम नीतीश ने 2003 से लेकर 2019 तक के इतिहास का जिक्र कर दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2003 में सीएए को बनाने वाली समिति के अध्यक्ष प्रणव मुखर्जी के अलावा लालू यादव समेत 144 लोग शामिल थे.
सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम हमेशा से एनसीआर का विरोध करते रहे हैं. इसको लागू नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने कहा कि सीएए को लेकर किसी को कोई समस्या नहीं होने वाली है. सीएम नीतीश ने कहा कि विपक्ष इसे हौवा बना रहा है. जबकि 2004 में इसी विपक्ष ने राज्यसभा से सीएए को सर्वसम्मति से पारित किया था.
मुख्यमंत्री के जवाब के अहम बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा हम सब की बात सुन रहे थे. विधानसभा अध्यक्ष को चर्चा की कराने के लिए धन्यवाद. अच्छी शुरुआत की है
- एनपीआर को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा अक्टूबर 2019 में केंद्र सरकार की ओर से पत्र आया. जिसपर नोटिफिकेशन के तहत प्रक्रिया की गई.
- मुख्यमंत्री ने कहा 2020 के एनपीआर में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए.
- नीतीश ने कहा खुद मुझे नहीं पता है. अपने माता के जन्म स्थान जे बारे में
- मुख्यमंत्री ने कहा नए एनपीआर को लेकर कहा कि राजस्व विभाग के साथ बैठक हुई और फिर केंद्र को 15 फरवरी को पत्र भेज दिया गया.
- मुख्यमंत्री ने कहा हम विधानसभा अध्यक्ष से कहेंगे राज्य सरकार ने जो अनुशंसा कि उसे विधानसभा से भी पारित कराए.
लिखा गया है पत्र
हमारी तरफ से एनपीआर को लिखे गए पत्र में साफ लिखा गया है कि राष्ट्रीय जनता जनसंख्या 2020 और 2010 से स्पष्ट है कि इसमें अतिरिक्त सूचना प्राप्त करनी है. वर्तमान में 2020 में एनपीआर में काफी कठिनाई हो रही है. इसलिए राज्य सरकार इसमें सुधार की मांग करती है.
- सीएम ने ट्रांसजेंडर का अतिरिक्त कॉलम जोड़ने की बात कही है क्योंकि 2010 में एनपीआर में यह कॉलम नहीं था.
- केंद्रीय सरकार द्वारा ये एनपीआर में अधिसूचित नहीं किया गया.
- सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया जाए.
- एनआरसी पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनपीआर के संदर्भ में जितनी बातें थी उसकी जानकारी हमने दे दी.
- सीएम ने कहा कि एनआरसी की कोई चर्चा नहीं है.
पीएम मोदी की बात को कोट किया
सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की 22 दिसंबर को लेकर बयान को पढ़ते हुए कहा कि जब एनआरसी की बात हुई नहीं, तो इसकी चर्चा नहीं होती. कौन क्या कहता है. इससे फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि एनआरसी का कोई तुक नहीं है. एनआरसी को लाने की कोई आवश्यकता नहीं है. सीएए को पास किया गया. वो अलग है. सीएए के बारे में बताते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ये सर्वसम्मति से पारित हुआ है. सीएए किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा. मैंने 2019 सीएए को लेकर पूरा ब्योरा रखा है. 2003 में सीएए को बनाने वालों में राज्यसभा के सांसद थे. जिसके अध्यक्ष प्रणव मुखर्जी और सदस्यों में लालू यादव जैसे 144 नाम थे. इन लोगों ने सीएए को पारित कर के दिया था.