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ज्योतिबा फुले के जयंती समारोह में नहीं पहुंचे नीतीश के कोई भी मंत्री, लोग बोले- 'यह उनके समाज का अपमान'

पटना के दारोगा राय पथ पर फुले स्मारक स्थल के प्रांगण में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह मनायी गयी. जहां पर नीतीश सरकार के कई मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे (Bihar government ministers not attend Jyotiba Phule Birth Anniversary). इस पर लोगों ने कहा कि यह उनके समाज का अपमान है.

Bihar government ministers not attend Jyotiba Phule Birth Anniversary
ज्योतिबा फुले की जयंती
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Published : Apr 11, 2022, 8:55 PM IST

पटनाः महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती (Jyotiba Phule Jayanti) पर पूरे देश में लोग उन्हें याद कर रहे हैं. वह महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक और दार्शनिक के तौर पर जाने जाते हैं. वहीं, राजधानी पटना के दारोगा राय पथ स्थित फूले स्मारक स्थल के प्रांगण में महात्मा ज्योतिबा फुले का जयंती समारोह (Jyotiba Phule Birth Anniversary Celebrations in Patna) मनाया गया. जिसमें बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन, डॉ. अशोक चौधरी, प्रेम कुमार, श्रवण कुमार और अमरेंदर प्रताप सिंह को आमंत्रित किया गया था, लेकिन इनमें से कोई भी मंत्री महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह में नहीं पहुंचे. जिससे यहां के लोगों में आक्रोश है और निराशा भी है. उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज के लिए बहुत अपमान का विषय है.

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आश्वासन के बाद भी नहीं पहुंचे मंत्री: इस दौरान समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार मालाकार ने कहा कि आज के कार्यक्रम में मंत्रियों के नहीं पहुंचने से वह बहुत आहत हैं. उन्होंने कहा कि आखिर आज भी ऐसा व्यवहार उन लोगों के साथ क्यों किया जाता है? हमने मंत्रियों को आमंत्रण दिया, सभी ने आश्वासन भी दिया कि अवश्य आऊंगा. इसके बावजूद भी वे कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. यह उनके मालाकार समाज का घोर अपमान है. मनोज ने अपनी वेदना को बताते हुए कहा कि मंत्रियों को सम्मानित करने के लिए जिन फूलों की माला की जरूरत होती है. आज उसी फूलों की अवहेलना की गयी. रामनवमी के दिन फूल बेचने वाले पर हार्डिंग पार्क में पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और लाखों रुपये का फूल बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया. उनके फूल व्यवसाय के लिए सरकार ने आज तक मंडी की व्यवस्था नहीं की. वे सरकार से मांग करते हैं कि बाकी व्यवसाय के जैसे ही फूल व्यवसाय के लिए भी मंडी की व्यवस्था करें.

किसी की कुर्सी नहीं है स्थाई: वहीं, स्थानीय रोहन भगत ने साफ तौर पर कहा कि किसी की कुर्सी स्थाई नहीं है. मैं यहां 35 सालों तक आसमान के नीचे सोकर इस ज्योतिबा बाई फुले स्थल को तैयार किया हूं. यहां वह ठंड के दिनों में भी आसमान के नीचे एक प्लास्टिक पर सोकर रात गुजारा थे. इसलिए वे चाहते हैं कि उनके विचारों को सभी लोग अपनाएं और सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने का काम करें. इस दौरान लोजपा (R) के नेता नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोले और उन्होंने कहा कि नीतीशकुमार केवल अति पिछड़ों को वोट लेते हैं, उनको आगे बढ़ाने के विषय में नहीं सोचते.

महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए किये कार्य: बता दें कि महात्मा ज्योतिबा फुले एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रान्तिकारी थे. महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय उन्होंने अनेक कार्य किए. समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के वे प्रबल समथर्क थे. इसके साथ ही वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे. उनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना था.

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पटनाः महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती (Jyotiba Phule Jayanti) पर पूरे देश में लोग उन्हें याद कर रहे हैं. वह महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक और दार्शनिक के तौर पर जाने जाते हैं. वहीं, राजधानी पटना के दारोगा राय पथ स्थित फूले स्मारक स्थल के प्रांगण में महात्मा ज्योतिबा फुले का जयंती समारोह (Jyotiba Phule Birth Anniversary Celebrations in Patna) मनाया गया. जिसमें बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन, डॉ. अशोक चौधरी, प्रेम कुमार, श्रवण कुमार और अमरेंदर प्रताप सिंह को आमंत्रित किया गया था, लेकिन इनमें से कोई भी मंत्री महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह में नहीं पहुंचे. जिससे यहां के लोगों में आक्रोश है और निराशा भी है. उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज के लिए बहुत अपमान का विषय है.

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आश्वासन के बाद भी नहीं पहुंचे मंत्री: इस दौरान समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार मालाकार ने कहा कि आज के कार्यक्रम में मंत्रियों के नहीं पहुंचने से वह बहुत आहत हैं. उन्होंने कहा कि आखिर आज भी ऐसा व्यवहार उन लोगों के साथ क्यों किया जाता है? हमने मंत्रियों को आमंत्रण दिया, सभी ने आश्वासन भी दिया कि अवश्य आऊंगा. इसके बावजूद भी वे कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. यह उनके मालाकार समाज का घोर अपमान है. मनोज ने अपनी वेदना को बताते हुए कहा कि मंत्रियों को सम्मानित करने के लिए जिन फूलों की माला की जरूरत होती है. आज उसी फूलों की अवहेलना की गयी. रामनवमी के दिन फूल बेचने वाले पर हार्डिंग पार्क में पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और लाखों रुपये का फूल बुलडोजर से नष्ट कर दिया गया. उनके फूल व्यवसाय के लिए सरकार ने आज तक मंडी की व्यवस्था नहीं की. वे सरकार से मांग करते हैं कि बाकी व्यवसाय के जैसे ही फूल व्यवसाय के लिए भी मंडी की व्यवस्था करें.

किसी की कुर्सी नहीं है स्थाई: वहीं, स्थानीय रोहन भगत ने साफ तौर पर कहा कि किसी की कुर्सी स्थाई नहीं है. मैं यहां 35 सालों तक आसमान के नीचे सोकर इस ज्योतिबा बाई फुले स्थल को तैयार किया हूं. यहां वह ठंड के दिनों में भी आसमान के नीचे एक प्लास्टिक पर सोकर रात गुजारा थे. इसलिए वे चाहते हैं कि उनके विचारों को सभी लोग अपनाएं और सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने का काम करें. इस दौरान लोजपा (R) के नेता नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोले और उन्होंने कहा कि नीतीशकुमार केवल अति पिछड़ों को वोट लेते हैं, उनको आगे बढ़ाने के विषय में नहीं सोचते.

महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिए किये कार्य: बता दें कि महात्मा ज्योतिबा फुले एक भारतीय समाज सुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक और क्रान्तिकारी थे. महिलाओं व दलितों के उत्थान के लिय उन्होंने अनेक कार्य किए. समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के वे प्रबल समथर्क थे. इसके साथ ही वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे. उनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना था.

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