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ओमप्रकाश चौटाला के कार्यक्रम से नीतीश पीछे हटे भी नहीं और सटे भी नहीं.. - Nitish Kumar future strategy

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) का निमंत्रण स्वीकार करने के बावजूद कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला लिया है. इसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन केसी त्यागी को भेजने का फैसला कर उन्होंने एक तरीके से मास्टर स्ट्रोक भी चलाया है. इस निर्णय से बीजेपी नाराज भी नहीं हुई और चौटाला के साथ होने का भी संकेत दे दिया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Sep 12, 2021, 6:08 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 7:32 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जब बीजेपी (BJP) से अलग हुए थे, उस समय भी गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन सफल नहीं हुए. अब एक बार फिर से ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) इसी कवायद में लगे हुए हैं. 25 सितंबर को देवीलाल की जयंती के बहाने नीतीश समेत देश के कई दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया है. सीएम खुद तो नहीं जाएंगे, लेकिन अपनी जगह केसी त्यागी (KC Tyagi) को भेजने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें: ...तो BJP के खिलाफ 'विद्रोह' का साहस नहीं जुटा सके नीतीश, इसीलिए 'थर्ड फ्रंट' के मंच से बनाई दूरी

दरअसल पहले चर्चा थी कि नीतीश कुमार खुद देवीलाल जयंती समारोह पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनको लेकर जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) ने दो दिनों में दो बार बयान दिया. पहले दिन उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ही बताएंगे और यह भी कहा कि हम लोग तो एनडीए (NDA) में हैं, हमें थर्ड फ्रंट से क्या लेना देना. वहीं दूसरे दिन साफ कहा कि नीतीश कुमार नहीं जाएंगे. बाढ़ और कोरोना को लेकर यह फैसला लिया गया है. साथ ही उन्होंने केसी त्यागी के जाने के बारे में भी जानकारी दी.

देखें रिपोर्ट

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है नीतीश कुमार ने एक तरह से मास्टर स्ट्रोक खेला है. बीजेपी नेताओं की नाराजगी न झेलना पड़े, इसलिए उन्होंने केसी त्यागी को भेजकर यदि कोई तीसरा फ्रंट बनता है तो उसमें अपने लिए एक स्पेस बनाकर रखने की कोशिश की है.

रवि उपाध्याय का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार दूरदर्शी नेता माने जाते हैं और उन्होंने आगे को लेकर ही यह फैसला लिया है, क्योंकि अभी एनडीए में हैं और इससे बीजेपी की नाराजगी हो सकती है. यदि नीतीश कुमार वहां जाते हैं तो सबकी नजर उन्हीं पर रहेगी.

निमंत्रण स्वीकार करने के बाद भी ओम प्रकाश चौटाला के कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला लेने पर कई तरह के कयास लगने लगे हैं, एक यह भी कि बीजेपी के दिग्गज नेता नाराज ना हो जाए. लिहाजा इससे बचने की कोशिश नीतीश कुमार ने की है. वहीं सीएम के फैसले को बीजेपी के नेता सही बता रहे हैं. प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हम लोगों की भावना का ख्याल रखा है. जहां तक तीसरे मोर्चे की बात है, उससे बीजेपी को कोई नुकसान होने वाला नहीं है.

ये भी पढ़ें: चौटाला की रैली में नीतीश नहीं जायेंगे, BJP ने JDU के निर्णय का किया स्वागत

नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ लंबे समय से गठबंधन में हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद दोनों दलों में खटपट भी बढ़ा है. नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून और जातीय जनगणना को लेकर भी खुलकर बोलते रहे हैं. बीजेपी खेमे में इसको लेकर भी कहीं ना कहीं खटास है और संभवत: इसलिए नीतीश कुमार फिलहाल तीसरे मोर्चे को लेकर बीजेपी से दूरियां बढ़ाने से बच रहे हैं, लेकिन केसी त्यागी को भेजकर ओमप्रकाश चौटाला के साथ दोस्ती तो निभा ही रहे हैं. अपना इरादा भी एक तरह से साफ कर दिया है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जब बीजेपी (BJP) से अलग हुए थे, उस समय भी गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस मोर्चा बनाने की कोशिश भी की थी, लेकिन सफल नहीं हुए. अब एक बार फिर से ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) इसी कवायद में लगे हुए हैं. 25 सितंबर को देवीलाल की जयंती के बहाने नीतीश समेत देश के कई दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया है. सीएम खुद तो नहीं जाएंगे, लेकिन अपनी जगह केसी त्यागी (KC Tyagi) को भेजने का फैसला किया है.

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दरअसल पहले चर्चा थी कि नीतीश कुमार खुद देवीलाल जयंती समारोह पर होने वाले कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनको लेकर जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) ने दो दिनों में दो बार बयान दिया. पहले दिन उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ही बताएंगे और यह भी कहा कि हम लोग तो एनडीए (NDA) में हैं, हमें थर्ड फ्रंट से क्या लेना देना. वहीं दूसरे दिन साफ कहा कि नीतीश कुमार नहीं जाएंगे. बाढ़ और कोरोना को लेकर यह फैसला लिया गया है. साथ ही उन्होंने केसी त्यागी के जाने के बारे में भी जानकारी दी.

देखें रिपोर्ट

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है नीतीश कुमार ने एक तरह से मास्टर स्ट्रोक खेला है. बीजेपी नेताओं की नाराजगी न झेलना पड़े, इसलिए उन्होंने केसी त्यागी को भेजकर यदि कोई तीसरा फ्रंट बनता है तो उसमें अपने लिए एक स्पेस बनाकर रखने की कोशिश की है.

रवि उपाध्याय का यह भी कहना है कि नीतीश कुमार दूरदर्शी नेता माने जाते हैं और उन्होंने आगे को लेकर ही यह फैसला लिया है, क्योंकि अभी एनडीए में हैं और इससे बीजेपी की नाराजगी हो सकती है. यदि नीतीश कुमार वहां जाते हैं तो सबकी नजर उन्हीं पर रहेगी.

निमंत्रण स्वीकार करने के बाद भी ओम प्रकाश चौटाला के कार्यक्रम में नहीं जाने का फैसला लेने पर कई तरह के कयास लगने लगे हैं, एक यह भी कि बीजेपी के दिग्गज नेता नाराज ना हो जाए. लिहाजा इससे बचने की कोशिश नीतीश कुमार ने की है. वहीं सीएम के फैसले को बीजेपी के नेता सही बता रहे हैं. प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हम लोगों की भावना का ख्याल रखा है. जहां तक तीसरे मोर्चे की बात है, उससे बीजेपी को कोई नुकसान होने वाला नहीं है.

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नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ लंबे समय से गठबंधन में हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद दोनों दलों में खटपट भी बढ़ा है. नीतीश कुमार जनसंख्या नियंत्रण कानून और जातीय जनगणना को लेकर भी खुलकर बोलते रहे हैं. बीजेपी खेमे में इसको लेकर भी कहीं ना कहीं खटास है और संभवत: इसलिए नीतीश कुमार फिलहाल तीसरे मोर्चे को लेकर बीजेपी से दूरियां बढ़ाने से बच रहे हैं, लेकिन केसी त्यागी को भेजकर ओमप्रकाश चौटाला के साथ दोस्ती तो निभा ही रहे हैं. अपना इरादा भी एक तरह से साफ कर दिया है.

Last Updated : Sep 12, 2021, 7:32 PM IST
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