पटनाः राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव करीब 9 महीने बाद आज शुक्रवार को पटना लौटे. उनके आने की सूचना के बाद से ही बिहार के राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है. इसी मौके पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस किया. तो उनसे लालू प्रसाद के राजनीति गतिविधियों के बारे में सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि ममता बनर्जी ने महागठबंधन की बैठक को लेकर बिहार में पहल करने की बात कही थी, इसीलिए लालू प्रसाद आ रहे हैं.
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"लालू जी अपने घर वापस आ रहे हैं. वह इसके लिए (मंत्रीमंडल विस्तार) नहीं आ रहे हैं. वह कहीं ऐसी जगह पर नहीं थे, जहां पर भी चर्चा नहीं हो सकती थी. लेकिन वह इसके लिए पटना आ रहे हैं या कोई बात नहीं है. बोर्ड और निगम के अध्यक्ष समय पर बारी-बारी से बन रहे हैं"- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
विपक्ष की एकता पर सहमतः जगदानंद सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद की यात्रा के वर्तमान को उससे जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. यदि कोई संभावित बैठक है तो वह होगी. सीएम नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और विपक्षी एकता से जुड़े एक सवाल पर जगदानंद सिंह ने कहा कि उनकी पहल से संभावना दिख रही है. विपक्षी एकता देश के पैमाने पर होगी. प्रदेश के पैमाने पर एकता कई जगह है. लेकिन देश के स्तर पर जो प्रयास हो रहा है, इसकी संभावना यहां है. इसका स्वरूप क्या होगा? यह एक पक्ष है. लेकिन इसके खिलाफ देश की कोई भी पार्टी नहीं है.
सरकार विचार करेगीः आनंद मोहन की रिहाई को लेकर राज्य में हंगामा बरपा हुआ है, बीजेपी तरह-तरह के सवाल खड़े कर रही है. इसके जवाब में जगदानंद सिंह ने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई सामान्य कानून के तहत हुई है. चीफ सेक्रेटरी ने गुरुवार को बताया कि कानून में परिहार देने की जो कानूनी सीमा है वही परिहार उनको मिला है. बीजेपी वाले क्यों हंगामा कर रहे हैं, इसका जवाब वही दे सकते हैं. वाम दलों की मांग है कि टाडा और शराब मामले में बंद लोगों को रिहा करने चाहिए, इसके जवाब में सिंह ने कहा कि परिहार में जो कानून है वह सबको मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो जेल में बंद है उनकी कानूनी प्रक्रिया चल रही होगी. परिहार जो सजायाफ्ता होते हैं उन पर लागू होता है. विधि सम्मत जो होगा, सरकार विचार करेगी.