ETV Bharat / state

Bihar Flood Preparation: मानसून की आहट के साथ बाढ़ का डर, 15 जून तक सब कुछ दुरुस्त करने का आदेश

कोरोना कहर के बीच सरकार बिहार में संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों (Bihar Flood Preparation) में जुटी है. देखने वाली बात होगी कि कोरोना से जूझ रहा बिहार बाढ़ से कैसे निपटता है.

Bihar Flood Preparation
Bihar Flood Preparation
author img

By

Published : May 31, 2021, 8:47 PM IST

पटना: बिहार में एक समस्या अब तक बरकरार है और वह है बाढ़ की समस्या. नदियों के मामले में सबसे धनी बिहार को मॉनसून(Monsoon in Bihar) के वक्त कोसी, गंगा, गंडक और बागमती समेत कई छोटी नदियों का भी रौद्र रूप झेलना पड़ता है. नदियों के इस रौद्र रूप का खामियाजा भुगतती है बिहार की लाखों की आबादी. ऐसे में अभी से इससे निपटने की तैयारियां ( (Bihar Flood Preparation)) शुरू कर दी गई है.

यह भी पढ़ें- बिहार में बाढ़ अलर्ट सिस्टम: 'सैलाब' से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा, हर साल होता है करोड़ों का नुकसान

बाढ़ से निपटने की तैयारी
कोरोना से जंग लड़ रहे बिहार में बाढ़ की तैयारी भी शुरू हो गई है. हर साल बिहार में कम से कम 16 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं जिसमें कम से कम 60 से 70 लाख की आबादी बाढ़ का कहर झेलती है. उत्तर बिहार का करीब 76% इलाका हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है. मुख्यमंत्री ने इस बार बाढ़ की तैयारियों को लेकर मई महीने में अलग-अलग बैठकें की. जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के साथ प्रमंडलवार बैठक की गई. इस दौरान अधिकारियों के जरिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए गए.

सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 15 जून तक पुरानी सड़कों और पुल पुलियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है और सभी काम गुणवत्तापूर्ण हो इसके भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बांधों को ऊंचा, पक्का और सुदृढ़ करने का काम तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है.

ये जिले हर साल झेलते हैं बाढ़ की त्रासदी
सुपौल, सीतामढ़ी, सहरसा,दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज,मोतिहारी, बेतिया, खगड़िया, मधुबनी, सिवान, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार.

बाढ़ की प्रमुख वजहें

  • फरक्का बराज और गंगा में जमा सिल्ट
  • नेपाल से छोड़ा जाने वाला पानी
  • तटबंधों की मरम्मत में लापरवाही
    Bihar Flood Preparation
    डॉ संजय कुमार, सामाजिक व आर्थिक मामलों के जानकार



    क्या कहते हैं जानकार
    बिहार की बाढ़ के बारे में विस्तृत जानकारी रखने वाले शिक्षाविद डॉ संजय कुमार कहते हैं कि नई तकनीक के जरिए नेपाल से आने वाले पानी और बारिश की वजह से बढ़ने वाले पानी का मैनेजमेंट करना होगा. तभी बिहार को बाढ़ जैसी बड़ी आपदा से बचाया जा सकता है और हर साल खर्च होने वाली अरबों रुपए की राशि बचा सकते हैं.

'सर्वदलीय समिति बनाने की मांग'
इस बारे में कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र कहते हैं कि सरकार की ओर से अधिकारियों को यह जरूर कहा जाता है कि वे जनप्रतिनिधियों की राय लें लेकिन जनप्रतिनिधि विधायक या विधान पार्षदों की सुनते कहां हैं. उन्होंने सरकार को सलाह दी है कि बाढ़ से पहले बाढ़ संभावित इलाकों में पर्याप्त संख्या में नाव और अन्य जरूरी वस्तुओं के उपाय सरकार को करना चाहिए ताकि पानी आने पर स्थानीय लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं हो. कांग्रेस नेता ने सरकार से एक सर्वदलीय समिति बनाने की मांग की है, जो बाढ़ की स्थिति पर हर समय नजर रखे और जरूरी सुझाव दे सके.

Bihar Flood Preparation
प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस एमएलसी
ये हैं जरूरी उपाय
  • तटबंधों की सतत निगरानी और सुरक्षा
  • बाढ़ सूचना तंत्र विकसित करना
  • छोटे-छोटे और चेकडैम का निर्माण
  • नदियों के किनारे पेड़ लगाना
  • पर्याप्त संख्या में नाव/बोट
  • एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती

प्रभावित इलाकों के लिए सामुदायिक रसोई और पीने के पानी का उपाय

क्या कहते हैं मंत्री
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा का कहना है कि बिहार की सभी नदियों की लगातार निगरानी हो रही है. सभी बांध और संरचनाएं सुरक्षित हैं. सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील जगहों पर जरूरत के मुताबिक बाढ़ की सुरक्षा से जुड़े सामग्री का भंडारण किया गया है. बाढ़ के पानी की निकासी में कोई बाधा ना आए जरूरत के हिसाब से सभी हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के गेट का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके साथ जल संसाधन विभाग ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी बांध पर खतरा या बाढ़ सुरक्षा से जरूरी कोई काम हो तो वह इसकी सूचना #HelloWRD ट्वीट करके दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुरः जलजमाव से सैकड़ों हेक्टेयर में लगे आम-लीची के पेड़ सूखे, कम हुई किसानों की आमदनी

पटना: बिहार में एक समस्या अब तक बरकरार है और वह है बाढ़ की समस्या. नदियों के मामले में सबसे धनी बिहार को मॉनसून(Monsoon in Bihar) के वक्त कोसी, गंगा, गंडक और बागमती समेत कई छोटी नदियों का भी रौद्र रूप झेलना पड़ता है. नदियों के इस रौद्र रूप का खामियाजा भुगतती है बिहार की लाखों की आबादी. ऐसे में अभी से इससे निपटने की तैयारियां ( (Bihar Flood Preparation)) शुरू कर दी गई है.

यह भी पढ़ें- बिहार में बाढ़ अलर्ट सिस्टम: 'सैलाब' से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा, हर साल होता है करोड़ों का नुकसान

बाढ़ से निपटने की तैयारी
कोरोना से जंग लड़ रहे बिहार में बाढ़ की तैयारी भी शुरू हो गई है. हर साल बिहार में कम से कम 16 जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं जिसमें कम से कम 60 से 70 लाख की आबादी बाढ़ का कहर झेलती है. उत्तर बिहार का करीब 76% इलाका हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलता है. मुख्यमंत्री ने इस बार बाढ़ की तैयारियों को लेकर मई महीने में अलग-अलग बैठकें की. जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के साथ प्रमंडलवार बैठक की गई. इस दौरान अधिकारियों के जरिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव लिए गए.

सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 15 जून तक पुरानी सड़कों और पुल पुलियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया है और सभी काम गुणवत्तापूर्ण हो इसके भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बांधों को ऊंचा, पक्का और सुदृढ़ करने का काम तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है.

ये जिले हर साल झेलते हैं बाढ़ की त्रासदी
सुपौल, सीतामढ़ी, सहरसा,दरभंगा, मुजफ्फरपुर, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज,मोतिहारी, बेतिया, खगड़िया, मधुबनी, सिवान, किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार.

बाढ़ की प्रमुख वजहें

  • फरक्का बराज और गंगा में जमा सिल्ट
  • नेपाल से छोड़ा जाने वाला पानी
  • तटबंधों की मरम्मत में लापरवाही
    Bihar Flood Preparation
    डॉ संजय कुमार, सामाजिक व आर्थिक मामलों के जानकार



    क्या कहते हैं जानकार
    बिहार की बाढ़ के बारे में विस्तृत जानकारी रखने वाले शिक्षाविद डॉ संजय कुमार कहते हैं कि नई तकनीक के जरिए नेपाल से आने वाले पानी और बारिश की वजह से बढ़ने वाले पानी का मैनेजमेंट करना होगा. तभी बिहार को बाढ़ जैसी बड़ी आपदा से बचाया जा सकता है और हर साल खर्च होने वाली अरबों रुपए की राशि बचा सकते हैं.

'सर्वदलीय समिति बनाने की मांग'
इस बारे में कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र कहते हैं कि सरकार की ओर से अधिकारियों को यह जरूर कहा जाता है कि वे जनप्रतिनिधियों की राय लें लेकिन जनप्रतिनिधि विधायक या विधान पार्षदों की सुनते कहां हैं. उन्होंने सरकार को सलाह दी है कि बाढ़ से पहले बाढ़ संभावित इलाकों में पर्याप्त संख्या में नाव और अन्य जरूरी वस्तुओं के उपाय सरकार को करना चाहिए ताकि पानी आने पर स्थानीय लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं हो. कांग्रेस नेता ने सरकार से एक सर्वदलीय समिति बनाने की मांग की है, जो बाढ़ की स्थिति पर हर समय नजर रखे और जरूरी सुझाव दे सके.

Bihar Flood Preparation
प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस एमएलसी
ये हैं जरूरी उपाय
  • तटबंधों की सतत निगरानी और सुरक्षा
  • बाढ़ सूचना तंत्र विकसित करना
  • छोटे-छोटे और चेकडैम का निर्माण
  • नदियों के किनारे पेड़ लगाना
  • पर्याप्त संख्या में नाव/बोट
  • एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती

प्रभावित इलाकों के लिए सामुदायिक रसोई और पीने के पानी का उपाय

क्या कहते हैं मंत्री
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा का कहना है कि बिहार की सभी नदियों की लगातार निगरानी हो रही है. सभी बांध और संरचनाएं सुरक्षित हैं. सभी संवेदनशील और अति संवेदनशील जगहों पर जरूरत के मुताबिक बाढ़ की सुरक्षा से जुड़े सामग्री का भंडारण किया गया है. बाढ़ के पानी की निकासी में कोई बाधा ना आए जरूरत के हिसाब से सभी हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के गेट का संचालन विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके साथ जल संसाधन विभाग ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी बांध पर खतरा या बाढ़ सुरक्षा से जरूरी कोई काम हो तो वह इसकी सूचना #HelloWRD ट्वीट करके दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुरः जलजमाव से सैकड़ों हेक्टेयर में लगे आम-लीची के पेड़ सूखे, कम हुई किसानों की आमदनी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.