पटना: बिहार में पंचायत चुनाव ( Bihar Panchayat Election ) कब होंगे? यह एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब हर बिहारवासी जानना चाहता है. राज्य चुनाव आयोग ( State Election Commission ) भी पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी जोरो पर कर रहा है. इधर, खबर है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज विभाग को अधिसूचना जारी करने के संबंध में अनुशंसा भेज दी है.
जानकारी के अनुसार, आयोग ने विभाग से 20 अगस्त 2021 को अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया है. खबरों की माने तो 20 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी. वहीं, अब तक परंपरा रही है कि आयोग की अनुशंसा को हु-ब-हू स्वीकृति प्रदान की जाती रही है. उम्मीद है कि इस बार भी वैसा ही होगा.
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आयोग के अनुसार राज्य में पंचायतों और ग्राम कचहरियों के विभिन्न पदों के लिए दस चरणों में आम चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण का मतदान 20 सितंबर को, दूसरे चरण का मतदान 24 सितंबर को, तीसरे चरण का मतदान 4 अक्टूबर को, चौथे चरण का मतदान 8 अक्टूबर को, 5वें चरण का मतदान 18 अक्टूबर को, छठे चरण का मतदान 22 अक्टूबर को, 7वें चरण का मतदान 31 अक्टूबर को, 8वें चरण का मतदान 7 नवंबर को, 9वें चरण का मतदान 15 नवंबर को और 10वें और अंतिम चरण का मतदान 25 नवंबर को संपन्न होगा.
पंचायत चुनाव को लेकर राज्यपाल से भी अनुमति मिल गई है. पंचायत चुनाव के 6 पद के लिए वोट डाले जाएंगे. मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और पंच के लिए मतदान होंगे.
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बता दें कि बिहार में तकरीबन 2 लाख 90 हजार पदों के लिए पंचायत चुनाव होने हैं. जिनमें मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और पंच के पदों पर प्रतिनिधियों का चुनाव होगा. इनमें से 4 पदों मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य का चुनाव ईवीएम से होगा, बाकी के दो पद सरपंच और पंच के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल होगा.
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बता दें कि राज्य निर्चावन आयोग ने पदाधिकारियों को मतगणना के दौरान गड़बड़ी करने वाले किसी भी तरह के व्यक्ति पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. आयोग ने तय किया है कि निर्वाचन अधिकारी के निर्देश को नहीं मानने वाले को काउंटिंग हॉल से बाहर कर दिया जाएगा. आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार मतगणना केंद्र पर काउंटिंग एजेंट और अन्य व्यक्तियों को हॉल के बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी. मतगणना समाप्त होने के बाद ही वे हॉल से बाहर जा सकेंगे.
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वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार प्रत्येक काउंटिंग एजेंटों को निर्वाचित पदाधिकारी द्वारा पहचान पत्र दिया जाएगा. जिससे यह पता चल सके कि वह किस उम्मीदवार का काउंटिंग एजेंट है. निर्वाचित पदाधिकारियों के समक्ष काउंटिंग एजेंटों को मतगणना की गोपनीयता बनाए रखने संबंधित घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा. नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र घोषणा का सत्यापन करने के बाद निर्वाचित पदाधिकारी काउंटिंग एजेंट को मतगणना हॉल में प्रवेश करने की अनुमति देगा. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उम्मीदवार या उनका चुनाव एजेंट किसी काउंटिंग एजेंट की नियुक्ति को रद्द करते हुए हटा भी सकता है.