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बिहार के लाखों शिक्षकों को झटका: एनआईओएस D.El.Ed को बिहार सरकार नहीं देती मान्यता

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने वाले शिक्षकों में बिहार के करीब ढाई लाख शिक्षक शामिल हैं. लेकिन, अब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इस कोर्स को मान्यता देने से मना कर दिया है.

शिक्षा विभाग
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Published : Aug 20, 2019, 11:52 PM IST

पटना: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने वाले बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. यह सभी शिक्षक इस उम्मीद में थे कि वह बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन कर सकेंगे. लेकिन, शिक्षा विभाग ने उन्हें दो टूक कह दिया है. विभाग ने कहा है कि बिहार सरकार इस कोर्स को मान्यता नहीं देती है.

साल 2017 में केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया था कि देश में कोई भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं रहेगा. इस नियम के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक सभी इन सर्विस टीचर्स को प्रशिक्षित हो जाना था. इसके तहत केंद्र सरकार ने एनआईओएस को ऐसे सभी शिक्षकों के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराने की जिम्मेदारी सौंपी. जिसे 31 मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

बिहार के लगभग ढाई लाख शिक्षक शामिल
एनसीटीई से मान्यता प्राप्त इस विशेष कोर्स को संसद से पास कराया गया. जिसके बाद देशभर के करीब 13 लाख इन सर्विस शिक्षकों ने एनआईओएस से डीएलएड का कोर्स पूरा किया. इनमें बिहार के करीब ढाई लाख शिक्षक शामिल हैं. लेकिन, अब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इस कोर्स को मान्यता देने से मना कर दिया है.

मान्यता नहीं देने का कारण
एनआईओएस ने यह पहले ही क्लीयर किया है कि यह डीएलएड कोर्स नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से भी मान्यता प्राप्त है. लेकिन, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कोर्स सिर्फ इन सर्विस टीचर्स के लिए ही था. जिसे 18 महीने में पूरा किया गया इसलिए इस कोर्स को बिहार सरकार मान्यता नहीं देती है. ऐसे में एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षक, बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन नहीं कर पाएंगे.

बता दें कि बिहार में फिलहाल एक लाख से ज्यादा पदों पर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. 26 अगस्त से प्राइमरी टीचर्स को आवेदन करना है. लेकिन, इस बीच शिक्षा विभाग के इस नए फरमान से डीएलएड पास शिक्षकों में हड़कंप मचना तय है. ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस कोर्स को मान्यता नहीं देता है. अगर कोई अभ्यर्थी इस बारे में जानकारी चाहता है तो उसे लिखित आवेदन देकर सरकार से यह जानकारी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में कोई भी आवेदन दे सकता है. लेकिन, जब आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी होगी , उस वक्त एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षकों का आवेदन रिजेक्ट हो जाएगा.

पटना: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन करने वाले बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. यह सभी शिक्षक इस उम्मीद में थे कि वह बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन कर सकेंगे. लेकिन, शिक्षा विभाग ने उन्हें दो टूक कह दिया है. विभाग ने कहा है कि बिहार सरकार इस कोर्स को मान्यता नहीं देती है.

साल 2017 में केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया था कि देश में कोई भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं रहेगा. इस नियम के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक सभी इन सर्विस टीचर्स को प्रशिक्षित हो जाना था. इसके तहत केंद्र सरकार ने एनआईओएस को ऐसे सभी शिक्षकों के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराने की जिम्मेदारी सौंपी. जिसे 31 मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था.

ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा की रिपोर्ट

बिहार के लगभग ढाई लाख शिक्षक शामिल
एनसीटीई से मान्यता प्राप्त इस विशेष कोर्स को संसद से पास कराया गया. जिसके बाद देशभर के करीब 13 लाख इन सर्विस शिक्षकों ने एनआईओएस से डीएलएड का कोर्स पूरा किया. इनमें बिहार के करीब ढाई लाख शिक्षक शामिल हैं. लेकिन, अब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इस कोर्स को मान्यता देने से मना कर दिया है.

मान्यता नहीं देने का कारण
एनआईओएस ने यह पहले ही क्लीयर किया है कि यह डीएलएड कोर्स नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से भी मान्यता प्राप्त है. लेकिन, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कोर्स सिर्फ इन सर्विस टीचर्स के लिए ही था. जिसे 18 महीने में पूरा किया गया इसलिए इस कोर्स को बिहार सरकार मान्यता नहीं देती है. ऐसे में एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षक, बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन नहीं कर पाएंगे.

बता दें कि बिहार में फिलहाल एक लाख से ज्यादा पदों पर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया चल रही है. 26 अगस्त से प्राइमरी टीचर्स को आवेदन करना है. लेकिन, इस बीच शिक्षा विभाग के इस नए फरमान से डीएलएड पास शिक्षकों में हड़कंप मचना तय है. ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस कोर्स को मान्यता नहीं देता है. अगर कोई अभ्यर्थी इस बारे में जानकारी चाहता है तो उसे लिखित आवेदन देकर सरकार से यह जानकारी लेनी होगी. उन्होंने कहा कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में कोई भी आवेदन दे सकता है. लेकिन, जब आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी होगी , उस वक्त एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षकों का आवेदन रिजेक्ट हो जाएगा.

Intro:राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन करने वाले बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए बुरी खबर है यह सभी शिक्षक इस उम्मीद में थे कि वह बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन कर सकेंगे लेकिन शिक्षा विभाग ने दो टूक कह दिया है कि बिहार सरकार इस कोर्स को मान्यता नहीं देती। पेश है ईटीवी भारत का यह एक्सक्लूसिव खुलासा।


Body:वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया था कि देश में कोई भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं रहेगा। इस नियम के मुताबिक 31 मार्च 2019 तक सभी इन सर्विस टीचर्स को प्रशिक्षित हो जाना था। इसके तहत केंद्र सरकार ने एनआईओएस को ऐसे सभी शिक्षकों के लिए डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का कोर्स कराने की जिम्मेदारी सौंपी और इसे 31 मार्च 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य दिया। एनसीटीई से मान्यता प्राप्त इस विशेष कोर्स को संसद से पास कराया गया। जिसके बाद देशभर के करीब 13 लाख इन सर्विस शिक्षकों ने एनआईओएस से डी एल एड का कोर्स पूरा किया, इनमें बिहार के भी करीब ढाई लाख शिक्षक शामिल हैं।
लेकिन अब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने इस कोर्स को मान्यता देने से मना कर दिया है। एनआईओएस ने यह पहले ही क्लियर किया कि यह D.El.Ed कोर्स नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन से भी मान्यता प्राप्त है। लेकिन बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कोर्स सिर्फ इन सर्विस टीचर्स के लिए था और सिर्फ 18 महीने में यह पूरा किया गया इसलिए इस कोर्स को बिहार सरकार मान्यता नहीं देती और ऐसे में एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षक बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में आवेदन नहीं कर पाएंगे।



Conclusion:बिहार में फिलहाल एक लाख से ज्यादा पदों पर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया चल रही है 26 अगस्त से प्राइमरी टीचर्स को आवेदन करना है लेकिन इस बीच शिक्षा विभाग के इस नए फरमान से D.El.Ed पास शिक्षकों में हड़कंप मचना तय है। ईटीवी भारत से बातचीत में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने दावा किया कि बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस कोर्स को मान्यता नहीं देता और अगर कोई अभ्यर्थी इस बारे में जानकारी चाहता है तो उसे लिखित आवेदन देकर सरकार से यह जानकारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में कोई भी आवेदन दे सकता है लेकिन जब आवेदन पत्रों की स्क्रूटनी होगी , उस वक्त एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षकों का आवेदन रिजेक्ट हो जाएगा।
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