पटनाः एनआईओएस ने डीएलएड कोर्स को पूरे देश में मान्य करार दिया है. एनआईओएस के चेयरमैन सीबी शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में दावा किया कि एनसीटीई को यह फैसला सुनाने का कोई अधिकार नहीं है. इस बारे में एनआईओएस या फिर एनआरसी ही कोई मार्गदर्शन दे सकती है.
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ईटीवी भारत की खबर पर मुहर, एनआईओएस से D.El.Ed अभ्यर्थियों के नियोजन पर फैसला बाकी https://t.co/JRqfyiFBiu
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'एनसीटीई का फैसला असंवैधानिक'
एनआईओएस के चेयरमैन डीबी शर्मा ने एनसीटीई के फैसले पर जबरदस्त नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि मुझसे बिना पूछे कैसे एनसीटीई ने एकतरफा फैसला सुना दिया. जब नॉर्दन रीजनल कमेटी ने एनआईओएस D.El.Ed को पूरी तरह मान्यता दी है, ऐसे में एनसीटीई को इस मामले में एकतरफा फैसला लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने दावा किया कि एनसीटीई का यह फैसला पूरी तरह असंवैधानिक है. कोर्ट में इसे छात्र जरूर चैलेंज करेंगे.
'डीएलएड वाले शिक्षक पूरी तरह योग्य'
आपको बता दें कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बिहार सरकार को दिए अपने जवाब में कहा है कि एनआईओएस डीएलएड कोर्स करने वाले छात्र बिहार शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं. प्रोफेसर सीबी शर्मा ने कहा कि एनआईओएस डीएलएड करने वाले शिक्षक पूरी तरह योग्य हैं. वे भारत में कहीं भी प्राइमरी टीचर्स बनने के लिए पूरी तरह एलिजिबल हैं.
सरकार के फैसले पर नाराजगी
एनआईओएस अध्यक्ष सीबी शर्मा ने फोन पर ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की. सीबी शर्मा के मुताबिक nios-d.el.ed के छात्रों पर अगर किसी को कोई शक है तो उनको किसी अन्य संस्थान से डीएलएड करने वाले छात्र के साथ परीक्षा में बिठाकर जांच कर लें.