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Phulwari Sharif Terror Module: अब सिर्फ NIA करेगी मामले की जांच, गिरफ्तार संदिग्धों को लेगी रिमांड पर

फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल केस की जांच अब सिर्फ NIA ( NIA Will Investigate Phulwari Sharif Terror Module) करेगी. जरूरत के हिसाब से पटना पुलिस, एटीएस अब जांच में सिर्फ सहयोग करेगी. पढ़ें पूरा मामला..

Phulwari Sharif Terror Module
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Published : Jul 27, 2022, 1:08 PM IST

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है.

पढ़ें- NIA के IG पहुंचे पटना, PFI और गजवा-ए-हिन्द केस की जांच तेज

अब NIA करेगी पटना टेरर मॉड्यूल की जांच: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद कहीं ना कहीं एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद के साथ-साथ मिशन 2047 पर खास जोर दिया जा रहा है. एनआईए के द्वारा मिशन 2047 का क्या मकसद था और इसमें कौन-कौन लोग किस किस देश से जुड़े हुए हैं, सभी बिंदुओं पर जांच की शुरुआत कर दी गई है. बताया जाता कि मामले को अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी. जरूरत के हिसाब से पटना पुलिस, एटीएस अब जांच में सिर्फ सहयोग करेगी.

दर्ज की गई नई प्राथमिकी: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद और पीएफआई मामले में नई प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है. गजवा ए हिंद मामले में एटीएस के द्वारा जांच की जा रही थी. लिहाजा एटीएस के अधिकारियों से भी NIA इस मामले को लेकर फीडबैक ले रही है. एनआईए के द्वारा पटना पुलिस से दोनों मामले में एफआईआर की कॉपी ली गई है.

संदिग्धों से पूछताछ करेगी NIA : आपको बता दें कि पटना पुलिस और ATS, फुलवारी शरीफ मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है और इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी इकट्ठा किये गए हैं. अब मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा इस मामले को टेक ओवर करने के बाद एनआईए फिर से इन चारों को रिमांड पर लेकर अपने स्तर से पूछताछ करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर सकती है. हालांकि इस मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस की भी मदद एनआईए है ले सकती है.

कल NIA के IG पहुंचे थे पटना: मंगलवार को एनएआई आईजी आशीष बत्रा दिल्ली से पटना पहुंचे थे. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और गजवा-ए-हिन्द के केस को लेकर उन्होंने बिहार एटीएस के साथ बैठक की थी. आशीष बत्रा ने दोनों ही केस में अब तक हुई जांच से जुड़ी जानकारी ली. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. नक्सल अभियान को लेकर झारखंड में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है

पढ़ें - Phulwari Sharif Terror Module: UAPA के तहत केस दर्जकर PFI कनेक्शन की जांच में जुटी NIA

18 लोगों की तलाश में NIA: बता दें कि इस मामले में अब तक 8 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. हालांकि अब भी 18 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मरगूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था.

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी: आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.

क्या है मिशन 2047?: 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.

पटना: फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद NIA ने जांच कर दी है. फुलवारी शरीफ थाने में दर्ज पीएफआई (Popular Front of India) और गजवा ए हिंद (Ghazwa e Hind) जिहादी मॉड्यूल के दोनों एफआईआर को एनआईए ने गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने हाथों में ले लिया है.

पढ़ें- NIA के IG पहुंचे पटना, PFI और गजवा-ए-हिन्द केस की जांच तेज

अब NIA करेगी पटना टेरर मॉड्यूल की जांच: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद कहीं ना कहीं एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद के साथ-साथ मिशन 2047 पर खास जोर दिया जा रहा है. एनआईए के द्वारा मिशन 2047 का क्या मकसद था और इसमें कौन-कौन लोग किस किस देश से जुड़े हुए हैं, सभी बिंदुओं पर जांच की शुरुआत कर दी गई है. बताया जाता कि मामले को अब सिर्फ एनआईए ही देखेगी. जरूरत के हिसाब से पटना पुलिस, एटीएस अब जांच में सिर्फ सहयोग करेगी.

दर्ज की गई नई प्राथमिकी: एनआईए की विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआईए के द्वारा गजवा ए हिंद और पीएफआई मामले में नई प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ कर दिया गया है. गजवा ए हिंद मामले में एटीएस के द्वारा जांच की जा रही थी. लिहाजा एटीएस के अधिकारियों से भी NIA इस मामले को लेकर फीडबैक ले रही है. एनआईए के द्वारा पटना पुलिस से दोनों मामले में एफआईआर की कॉपी ली गई है.

संदिग्धों से पूछताछ करेगी NIA : आपको बता दें कि पटना पुलिस और ATS, फुलवारी शरीफ मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, नुरुद्दीन जंगी और मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है और इनसे पूछताछ के दौरान कई तरह के साक्ष्य भी इकट्ठा किये गए हैं. अब मिल रही जानकारी के अनुसार एनआईए द्वारा इस मामले को टेक ओवर करने के बाद एनआईए फिर से इन चारों को रिमांड पर लेकर अपने स्तर से पूछताछ करेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि एनआईए इस मामले का जल्द से जल्द खुलासा कर सकती है. हालांकि इस मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस की भी मदद एनआईए है ले सकती है.

कल NIA के IG पहुंचे थे पटना: मंगलवार को एनएआई आईजी आशीष बत्रा दिल्ली से पटना पहुंचे थे. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और गजवा-ए-हिन्द के केस को लेकर उन्होंने बिहार एटीएस के साथ बैठक की थी. आशीष बत्रा ने दोनों ही केस में अब तक हुई जांच से जुड़ी जानकारी ली. एनआईए ने इस मामले को यूएपीए के तहत दर्ज किया है. यूएपीए वैसे व्यक्ति या संगठन के खिलाफ लगाया जाता है, जिन पर आतंकी या उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने का संदेह होता है. 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा की गिनती तेजतर्रार अफसरों में होती है. नक्सल अभियान को लेकर झारखंड में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है

पढ़ें - Phulwari Sharif Terror Module: UAPA के तहत केस दर्जकर PFI कनेक्शन की जांच में जुटी NIA

18 लोगों की तलाश में NIA: बता दें कि इस मामले में अब तक 8 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके है. हालांकि अब भी 18 लोगों की एनआईए को तलाश है. अब तक मोहम्मद जलालुद्दीन, अतहर परवेज, अरमान मलिक, ताहिर अहमद, शब्बिर मलिक, शमीम अख्तर और इलियास ताहिर उर्फ मरगूब को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से तीन की पहले गिरफ्तारी हुई थी और जांच के दौरान और चार लोगों को पकड़ा गया था.

पीएम के पटना दौरे से पहले हुई थी गिरफ्तारी: आपको बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह आगमन से पहले ही 11 जुलाई की शाम 7:30 बजे फुलवारी शरीफ में अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया था. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर ये कहा गया है कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. NIA अब सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगालेगी.

क्या है मिशन 2047?: 2047 तक इंडिया इस्लामिक देश (Mission Islam 2047) बनाने की योजना है. भारत को मुस्लिम राष्ट्र (Plan To Make India An Islamic State) बनाने की साजिश के लिए इन लोगों ने 7 पेज का एक्शन प्लान (PFI Seven Page Plan) बनाया था जिसमें लिखा था, 10% मुस्लिम साथ दे तो बहुसंख्यक घुटनों पर आ जाएंगे. उनकी योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से दलित ओबीसी को अलग करने की थी.

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