पटना: राजधानी पटना से सटे दानापुर इलाके में कुख्यात नक्सली परशुराम सिंह के नक्सली पुत्र प्रेमराज उर्फ गौतम सिंह व उसके भाई राकेश व मो. बारूद्दीन के घर से भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक बरामदगी मामले की जांच एनआईए (NIA Raid In Danapur) को जांच सौंपी गई है. इसी आलोक में गुरूवार को एनआईए की टीम दानापुर थाने के गजाधर चक गिरफ्तार नक्सली गौतम सिंह व राकेश सिंह के घर पहुंच कर जांच पड़ताल की.
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बता दें कि पिछले 31 मार्च को एसटीएफ (STF) ने गुप्त सूचना के आधार पर थाने के गजाधरचक स्थित सर्विस सेंटर में छापेमारी कर नक्सलियों को हथियार व विस्फोटक आपूर्ति करने वाले नक्सली गौतम सिंह व उसके भाई राकेश सिंह व मछुआ टोली निवासी मो. बारूद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार नक्सली गौतम के पास से 4 डेटोनेटर, सुरक्षा पिन, अनगिनत लीवर हैंड ग्रेनेड, दो सुरक्षा फ्यूज, एक प्रीश्चोर स्विच , दो हैंड ग्रेनेड व तीन रॉकेट लांचर बनोन का नक्शा समेत आदि उपकरण बरामद किया था.
एनआईए के तीन सदस्यीय टीम ने गिरफ्तार नक्सली गौतम सिंह व राकेश के घर व सर्विस सेंटर का जांच-पड़ताल की और आस-पास के लोगों से पूछताछ की. एनआईए के टीम ने सुबह से देर शाम तक गिरफ्तार नक्सली गौतम सिंह व राकेश के घर पर जांच-पड़ताल करने में जुटी रही. गिरफ्तार नक्सली परशुराम सिंह करौना ओपी के बिस्तौल गांव के मूल निवासी के नक्सली पुत्र गौतम सिंह व राकेश को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था.
बता दें कि गिरफ्तारी के बाद यह बात सामने आई थी कि इन नक्सलियों को बंगाल से निर्मित और अर्द्धनिर्मित हथियार भेजे जाते थे. इन्हें पूरी तरह तैयार करके झारखंड के जंगलों भेजे जाते थे. दानापुर के परशुराम सिंह व गौतम सिंह पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए गांव में साधारण मजदूर की तरह रहता था और सर्विस सेंटर के आड़ में लेथ मशीन से नक्सलियों के लिए हथियारों का निर्मित किया जाता था. पूछताछ में ये बात सामने आई कि वह झारखंड के जंगलों में हथियारों की सप्लाई करता था. सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी है.
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