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पटनाः कोरोना काल में नहीं शुरू हुआ मेडिकल कॉलेजों में नया सत्र

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Published : Dec 23, 2020, 7:44 PM IST

प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में आयुर्वेद के प्रति क्रेज बढ़ा है. इसका असर है कि नीट में अच्छे रैंक प्राप्त करने वाले छात्र भी आयुर्वेद में दिलचस्पी ले रहे हैं.

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पटनाः कोरोना के कारण शैक्षणिक व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई है. लंबे लॉक डाउन के कारण नया शैक्षणिक सत्र समय पर शुरू नहीं हो पाया. इसके बाद अनलॉक शुरू होने पर सरकार ने जेईई एडवांस और नीट की परीक्षाएं एहतियात के साथ आयोजित कराए. इन परीक्षाओं का रिजल्ट भी आ चुका है, लेकिन अब तक नई सत्र शुरू नहीं हुई है.

शुरू हुई एक राउंड की काउंसलिंग
पटना के मेडिकल कॉलेजों में अभी बस एक राउंड की काउंसलिंग शुरू हुई है, लेकिन नया सत्र शुरू नहीं हुआ है. राजधानी के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में बैचलर इन आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस यानी कि बीएएमएस की 125 सीटें हैं, जिसमें 19 सीटें सेंट्रल कोटे की है. कॉलेज में अब तक नए सत्र के लिए मात्र 16 छात्रों का एडमिशन हुआ है.

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राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय

"कॉलेज की 15 फीसदी सीट सेंट्रल कोटे के लिए रिजर्व है. ऐसे में फर्स्ट राउंड में अभी सेंट्रल कोटे से कॉलेज में 16 छात्रों का एडमिशन हुआ है और 3 सीटें सेंट्रल को सरेंडर कर दी गई है. सेकंड काउंसलिंग में यह तीन सीटें भरी जाएंगी. केरल, तमिलनाडु, बेंगलुरु और अरुणाचल प्रदेश से आयुर्वेद में मेडिकल साइंस की पढ़ाई करने छात्र पटना के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में दाखिला ले रहे हैं."- डॉ. रामाधार सिंह, प्रोफेसर, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय

देखें रिपोर्ट.

आयुर्वेद के प्रति बढ़ा क्रेज
प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में आयुर्वेद के प्रति क्रेज बढ़ा है. इसका असर है कि नीट में अच्छे रैंक प्राप्त करने वाले छात्र भी आयुर्वेद में दिलचस्पी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में स्टेट कोटे से 85 फीसदी सीट यानी कि 106 सीटें हैं. इसके लिए अभी काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. सरकार की तरफ से छात्रों की मेरिट लिस्ट दी जाएगी, उसके आधार पर उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा.

जनवरी के अंत तक शुरू होगी पढ़ाई
डॉ रामाधार सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि नए साल की शुरुआत तक नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और जनवरी महीने के अंत तक नए सेशन का पठन-पाठन कार्य शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि अमूमन सामान्य स्थिति में अगस्त सितंबर से नए सेशन का पठन-पाठन का कार्य शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल कोरोना के कारण इस पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.

"कॉलेज में अभी एक राउंड की काउंसलिंग हुई है और उसके आधार पर कुछ छात्रों का एडमिशन हुआ है. कॉलेज में एमबीबीएस के लिए 180 सीटें हैं. सेकंड राउंड की काउंसलिंग में कुछ टेक्निकल इश्यूज उत्पन्न हो गए हैं इससे अभी यह नहीं हो पा रहा है."- डॉ. विद्यापति चौधरी, प्राचार्य, पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल

बीसीसी भेजता है छात्रों के नाम
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि बीसीसी छात्रों के नाम कॉलेज को भेजता है. इसके बाद छात्रों को बुलाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाता है और फिर एडमिशन लिया जाता है. उन्होंने बताया कि नया सत्र कब से शुरू होगा यह नहीं कहा जा सकता. सभी छात्रों के एडमिशन के बाद क्लासेज शुरू होंगी. प्राचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही सभी टेक्निकल इश्यूज दूर हो जाएंगे और छात्रों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

पटनाः कोरोना के कारण शैक्षणिक व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हुई है. लंबे लॉक डाउन के कारण नया शैक्षणिक सत्र समय पर शुरू नहीं हो पाया. इसके बाद अनलॉक शुरू होने पर सरकार ने जेईई एडवांस और नीट की परीक्षाएं एहतियात के साथ आयोजित कराए. इन परीक्षाओं का रिजल्ट भी आ चुका है, लेकिन अब तक नई सत्र शुरू नहीं हुई है.

शुरू हुई एक राउंड की काउंसलिंग
पटना के मेडिकल कॉलेजों में अभी बस एक राउंड की काउंसलिंग शुरू हुई है, लेकिन नया सत्र शुरू नहीं हुआ है. राजधानी के कदमकुआं स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में बैचलर इन आयुर्वेदिक मेडिकल साइंस यानी कि बीएएमएस की 125 सीटें हैं, जिसमें 19 सीटें सेंट्रल कोटे की है. कॉलेज में अब तक नए सत्र के लिए मात्र 16 छात्रों का एडमिशन हुआ है.

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राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय

"कॉलेज की 15 फीसदी सीट सेंट्रल कोटे के लिए रिजर्व है. ऐसे में फर्स्ट राउंड में अभी सेंट्रल कोटे से कॉलेज में 16 छात्रों का एडमिशन हुआ है और 3 सीटें सेंट्रल को सरेंडर कर दी गई है. सेकंड काउंसलिंग में यह तीन सीटें भरी जाएंगी. केरल, तमिलनाडु, बेंगलुरु और अरुणाचल प्रदेश से आयुर्वेद में मेडिकल साइंस की पढ़ाई करने छात्र पटना के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में दाखिला ले रहे हैं."- डॉ. रामाधार सिंह, प्रोफेसर, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय

देखें रिपोर्ट.

आयुर्वेद के प्रति बढ़ा क्रेज
प्रोफेसर डॉ रामाधार सिंह ने बताया कि हाल के दिनों में आयुर्वेद के प्रति क्रेज बढ़ा है. इसका असर है कि नीट में अच्छे रैंक प्राप्त करने वाले छात्र भी आयुर्वेद में दिलचस्पी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में स्टेट कोटे से 85 फीसदी सीट यानी कि 106 सीटें हैं. इसके लिए अभी काउंसलिंग शुरू नहीं हुई है. सरकार की तरफ से छात्रों की मेरिट लिस्ट दी जाएगी, उसके आधार पर उन्हें काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा.

जनवरी के अंत तक शुरू होगी पढ़ाई
डॉ रामाधार सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि नए साल की शुरुआत तक नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और जनवरी महीने के अंत तक नए सेशन का पठन-पाठन कार्य शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि अमूमन सामान्य स्थिति में अगस्त सितंबर से नए सेशन का पठन-पाठन का कार्य शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल कोरोना के कारण इस पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.

"कॉलेज में अभी एक राउंड की काउंसलिंग हुई है और उसके आधार पर कुछ छात्रों का एडमिशन हुआ है. कॉलेज में एमबीबीएस के लिए 180 सीटें हैं. सेकंड राउंड की काउंसलिंग में कुछ टेक्निकल इश्यूज उत्पन्न हो गए हैं इससे अभी यह नहीं हो पा रहा है."- डॉ. विद्यापति चौधरी, प्राचार्य, पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल

बीसीसी भेजता है छात्रों के नाम
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि बीसीसी छात्रों के नाम कॉलेज को भेजता है. इसके बाद छात्रों को बुलाकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जाता है और फिर एडमिशन लिया जाता है. उन्होंने बताया कि नया सत्र कब से शुरू होगा यह नहीं कहा जा सकता. सभी छात्रों के एडमिशन के बाद क्लासेज शुरू होंगी. प्राचार्य ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही सभी टेक्निकल इश्यूज दूर हो जाएंगे और छात्रों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

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