पटना: पूर्व मध्य रेलवे के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पटना-नेउरा-दनियावां का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. इस रेलखंड की लंबाई 42.2 किलोमीटर है. यहां डबल लाइन बिछाने की योजना है. इसके निर्माण के लिए 2016 में ही टेंडर कर लिया गया था. इस नई रेल लाइन से नेउरा, दनियावां, बिहारशरीफ, राजगीर, गया, नवादा, बरबीघा, शेखपुरा और क्यूल के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी.
यह भी पढ़ें- मुंबई से पटना-दरभंगा और पुणे से दानापुर के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन
भूमि अधिग्रहण के चलते आई थी परेशानी
नेउरा-दनियावा रेलखंड के निर्माण के लिए 2016 में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी काम अधूरा है. अब इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का नया लक्ष्य 2022 निर्धारित किया गया है. इस नई रेल लाइन के बन जाने पर क्यूल से नेउरा के बीच ट्रेनों का परिचालन आसान हो जाएगा. रेलवे के अधिकारी के अनुसार काम प्रगति पर है. कुछ जगह जमीन अधिग्रहण को लेकर परेशानी आई थी, इसे दूर कर लिया गया है. अब काम तेज गति से चल रहा है.
क्यूल-दानापुर के बीच कम होगा मालगाड़ी का दबाव
क्यूल और दानापुर के बीच मेन लाइन पर मालगाड़ी के दबाव को कम करने के लिए बाईपास रेल रूट (नेउरा-दनियावा रेल लाइन) तैयार किया जा रहा है. काम पूरा हो जाने पर इस रूट पर मालगाड़ी के साथ-साथ मेमू ट्रेनों का भी परिचालन किया जा सकता है. आने वाले समय में ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर कुछ ट्रेनों को पटना जंक्शन के बदले इस रूट से निकाला जा सकता है.
बरबीघा से शेखपुरा के बीच 16 किलोमीटर लंबे रेल रूट का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. इस रेल लाइन के बन जाने के बाद मुगलसराय से आने वाली मालगाड़ियों को पटना आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पटना आने के बजाय मालगाड़ी नेउरा से दनियावां के रास्ते सीधे क्यूल चली जाएगी. इससे पटना जंक्शन पर ट्रेनों का दबाव कम हो जाएगा.
रेल विकास निगम को मिला है काम
नेउरा-दनियावां रेल लाइन निर्माण का काम रेल विकास निगम को मिला है. सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा "इस रेलखंड को दो चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण में नेउरा से जगडुमरी तक रेल लाइन का निर्माण होगा. इसके निर्माण का लक्ष्य जून 2024 है. जगडुमरी से दनियावां तक रेल लाइन निर्माण जून 2022 तक करना है."
"नेउरा-दनियावां रेल लाइन काफी महत्वपूर्ण है. इसे दो हिस्सों में पूरा किया जाना है. भूमि अधिग्रहण के मामले के चलते इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में देर हुई. इस मामले को सुलझा लिया गया है. अब काम तेजी से चल रहा है."- राजेश कुमार, सीपीआरओ
यह भी पढ़ें- आखिरी सांसे गिन रहा दरभंगा राज के नरगौना पैलेस का ऐतिहासिक टर्मिनल