पटना: अरिया कृषि जिला पदाधिकारी मनोज कुमार का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ रहा है. कृषि पदाधिकारी का तबादला पटना कर दिया गया है, लेकिन विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने दंड देने की जगह अधिकारी को प्रमोशन दे दिया है. विपक्ष के आरोप पर सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि मुझे विपक्ष के ज्ञान पर कुछ नहीं कहना. राजनीतिक बयान पर तो जनता ने सवाल खड़ा कर वोट नहीं दिया. नीरज ने कहा कि पत्र में साफ लिखा हुआ है कि समान वेतन में तबादला किया गया है, कम से कम उसे तो पढ़ लेना चाहिए.
मंत्री नीरज ने विपक्ष के ज्ञान पर उठाया सवाल
सूचना और जनसंपर्क मंत्री ने कहा मामले की जैसे ही जानकारी मिली. बिहार सरकार ने डीएम और एसपी के नेतृत्व में कमेटी गठित कर जांच शुरु करवा दी. जिला कृषि पदाधिकारी के खिलाफ एफआईआर भी हुआ. अब विभाग की तरफ से कार्रवाई भी शुरू हो गई है.
नीरज कुमार ने कहा कि अररिया कृषि जिला पदाधिकारी को पटना तबादला किया गया है. उन्होंने कहा कि विभागीय कार्रवाई की नियत अवधि होती है. उसमें कार्रवाई होना तय है, क्योंकि यह अनुशासनहीनता का मामला है. मंत्री नीरज ने कहा कि अपने ही वेतनमान में तबादला होना. यदि विपक्षी इसे प्रमोशन कहता है तो मुझे विपक्ष के ज्ञान पर कुछ नहीं कहना है. विपक्ष को बिहार सरकारी सेवक नियंत्रक वर्गीकरण अपील 2005 को कम से कम पढ़ लेना चाहिए.
क्या है पूरा मामला
बता दें कि अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को बैरगाछी चौक चेक पोस्ट पर रूटीन जांच के लिए अररिया पुलिस के होमगार्ड ने रोककर तलाशी लेनी चाही. इतने में पद की गरिमा को ठेस लगता देख तमतमाए कृषि पदाधिकारी ने अपने पॉवर का इस्तेमाल करते हुए निर्दोष होमगार्ड के जवान से बीच सड़क पर उठक-बैठक करवाई और आगे से घटना को ध्यान में रखने की धमकी भी दी थी. इसके बाद उनपर विभागिय कार्रवाई की गई है.