पटनाः रविवार को बाढ़ आपदा से निपटने के लिए वाराणसी से एनडीआरएफ की दो टीमें पटना पहुंची. इन दोनों में से एक को समस्तीपुर और दूसरी टीम को वैशाली जिले में तैनात किया गया है. बिहटा स्थित 9 वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में बाढ़ आपदा से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने इसके लिए मांग की थी.
आपदा प्रबंधन व संचार उपकरणों के साथ तैनात
कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि इस समय एनडीआरएफ की कुल 23 टीमें राज्य के 14 जिलों में तैनात की गई हैं. 5 टीम सारण में, 3 टीम पूर्वी चम्पारण में, 2-2 टीम दरभंगा, समस्तीपुर और गोपालगंज में व 1-1 टीम कटिहार, किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधुबनी, पश्चिम चम्पारण, सिवान, वैशाली और मुजफ्फरपुर में अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन व संचार उपकरणों के साथ तैनात हैं.
गर्भवती महिलाओं को रेस्क्यू करना चुनौतीपूर्ण
विजय सिन्हा ने आगे बताया अब तक बिहार के विभिन्न जिलों में प्रशासन के सहयोग से रेस्क्यू ऑपेरशन चलाया जा रहा है. एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों ने दस हजार से अधिक बाढ़ विभीषिका में फंसे लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बाढ़ प्रभावित इलाकों से गर्भवती महिलाओं को मोटर बोट से सुरक्षित रेस्क्यू करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.
प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन
एनडीआरएफ के कमान्डेंट ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के समन्वय से बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को सहायता पहुंचाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे प्रशिक्षित कर्मी कठिन परिश्रम और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. उन्होंने आगे जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस साल बाढ़ राहत एवं बचाव ऑपेरशन के दौरान कोरोना का खतरा भी है. इसे देखते हुए हमारे बचावकर्मी सुरक्षात्मक दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कर रहे हैं.
स्थानीय लोगों का मिल रहा सहयोग
विजय सिन्हा ने बताया कि टीम लोगों को भी कोविड-19 से सुरक्षात्मक उपायों को पालन करने के लिए जागरूक कर रही है. कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कार्मियों को पीपीई किट, मास्क, फेस शील्ड, फैब्रिकेटेड फेस हुड कवर, सैनेटाइजर, हैंड वाश, सोडियम हाइपोक्लोराइट आदि दिया गया है. उन्होंने बताया कि राहत और बचाव ऑपेरशन के दौरान एनडीआरएफ को स्थानीय लोगों से भरपूर सहयोग मिल रहा है.