पटनाः सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने चंपारण से यात्रा की शुरुआत की है. जिसमें वो एक महीने में पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे. कन्हैया की इस यात्रा पर एनडीए की तरफ से निशाना साधा जाने लगा है. बीजेपी ने कहा कि कन्हैया कुमार मीडिया की वजह से थोड़ा चमक जाते हैं, लेकिन वो कोई नेता नहीं हैं. वहीं जदयू ने कहा कि उन्हें न्यायालय का सम्मान करना चाहिए . सीएए न्यायायल में विचाराधीन है तो आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है.
'कन्हैया को महत्व देने की जरूरत नहीं'
बीजेपी मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि कन्हैया कोई नेता नहीं है. उन्हें इनती महत्व देने की जरूरत नहीं है. वो आज तक लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा या विधान परिषद का मुंह देखे हैं क्या? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का हक है तो वो भी कर रहे हैं. एनडीए के इशारे पर पुलिस कन्हैया को रोकी इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार एनडीए की है, इसलिए विपक्ष आरोप तो लगाएगी ही, आरोप प्रत्यारोप चलता रहता है.
'आंदोलन का कोई औचित्य नहीं'
वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि प्रशासन को यह अधिकार है कि किसी गतिविधि से यदि कानून व्यवस्था प्रभावित होती हो या आशंति फैलने की आशंका हो तो ऐसे कार्यक्रमों पर वो रोक लगा सकती है. ऐसे भी कन्हैया को न्याय व्यवस्था का सम्मान करना चाहिए. जो मामला कोर्ट में विचाराधीन है उसपर हंगामा करने का क्या मतलब है. उन्होंने कहा कि जब पीएम इस मसले पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं तो ऐसे आंदोलन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.