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NDA नेताओं ने 'सामना' के संपादकीय पर दिया प्रतिक्रिया, कहा बिहार का गवर्नेंस महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर

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Published : Jan 8, 2021, 8:31 PM IST

एनडीए नेताओं ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बिहार को निशाना बनाने पर प्रतिक्रिया दी है. नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र से लाख गुना बिहार का गवर्नेंस है और बात क्राइम की है तो वो पहले अपने राज्य में ठीक करे. सुशांत सिंह राजपूत के मामले में पूरा देश देख चुका है.

NDA Leaders Reaction on Shiv Sena
NDA Leaders Reaction on Shiv Sena

पटना: बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद और जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बिहार को निशाना बनाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बिहार का गवर्नेंस महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर है. अवसरवादी शिवसेना अपने मुख्यमंत्री जी को गवर्नेंस की ट्रेनिंग लेने बिहार भेजे.

बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बिहार को निशाना बनाया. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना 'सामना' के संपादकीय में बिहार की कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर एनडीए गठबंधन की नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया गया है. संपादकीय में लिखा है कि ''हाल ही में मुजफ्फरपुर में हथियार के बल पर 10वीं की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म तथा एक आइपीएस अधिकारी के भाई व शिक्षक के बेटे की हत्या की वारदातों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अपराधियों के मन में पुलिस का डर नहीं है तथा पुलिस भी घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेती है. इसपर बिहार में राजनीति गरमा गई है.

निखिल आनंद ने शिवसेना पर साधा निशाना
'यह दुर्भाग्य है कि राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए घटिया संपादकीय लिखकर संजय राउत खुद को पत्रकार समझने लगे हैं. उनकी सी ग्रेड पत्रकारिता का नमूना सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान के मामले में देश की जनता देख चुकी है. बिहार ने जो सुशासन और विकास का मॉडल पेश किया है वो पूरे देश के लिए एक नजीर है. ठीक उसी तरह जिस प्रकार शिवसेना का सत्तालोलुप अवसरवादी चरित्र देश में अनूठा है. बिहार का गवर्नेंस आज की तारीख में महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर है. अवसरवादी शिवसेना चाहे तो अपने मुख्यमंत्री जी को गवर्नेंस की ट्रेनिंग लेने बिहार भेजे.'- डॉ. निखिल आनंद, प्रवक्ता, भाजपा

एनडीए नेताओं की 'सामना' के संपादकीय पर प्रतिक्रिया

ये भी पढ़ें - दर्द-ए-नीतीश! कैबिनेट विस्तार पर बोले मुख्यमंत्री- पहले कहां इतनी देर होती थी

संजय राऊत पर व्यक्तिगत टिप्पणी
'आदरणीय भाभी जी को ईडी का नोटिस जाने के बाद से संजय राऊत थोड़े नर्वस हैं. वे मामले को राजनीतिक रंग देने और बिहार पर निशाना साधकर कुंठा अभिव्यक्ति करने की बजाय अपनी बेगुनाही साबित करने पर ध्यान दें. संजय राऊत अनर्गल प्रलाप करने की बजाय अपने खाता-बही और लेन-देन का हिसाब-किताब ठीक रखने पर ध्यान दें तो अच्छा रहेगा. क्योंकि लोगों में चर्चा है कि उनकी गलतियों की वजह से ही भाभी जी को नोटिस झेलना पड़ा है.'- डॉ. निखिल आनंद, प्रवक्ता, भाजपा

जदयू की प्रतिक्रिया
'संजय राऊत बेवजह कुछ भी बयानबाजी देते रहते हैं. इनसे अपना प्रदेश तो संभलता नहीं है. आप बिहार की क्राइम की बात कर रहे हैं. आपके के राज्य में पुलिस क्राइम पर कैसे काम करती है वो तो सुशांत सिंह राजपूत के मामले में पूरा देश देख चुका है. इस मामले में तो सीएम नीतीश ने सीबीई जांच की सिफारिश की थी. कोरोना काल में बिहार ने जिस तरह से काम किया है वो पूरा देश देख रहा है. कोरोना रिकवरी रेट बिहार में सबसे ज्यादा, लेकिन ये सब तो आपको दिखेगा नहीं.'- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

पटना: बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद और जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बिहार को निशाना बनाने पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में बिहार का गवर्नेंस महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर है. अवसरवादी शिवसेना अपने मुख्यमंत्री जी को गवर्नेंस की ट्रेनिंग लेने बिहार भेजे.

बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बिहार को निशाना बनाया. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना 'सामना' के संपादकीय में बिहार की कानून-व्‍यवस्‍था को लेकर एनडीए गठबंधन की नीतीश सरकार पर जमकर हमला किया गया है. संपादकीय में लिखा है कि ''हाल ही में मुजफ्फरपुर में हथियार के बल पर 10वीं की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म तथा एक आइपीएस अधिकारी के भाई व शिक्षक के बेटे की हत्या की वारदातों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अपराधियों के मन में पुलिस का डर नहीं है तथा पुलिस भी घटनाओं को गंभीरता से नहीं लेती है. इसपर बिहार में राजनीति गरमा गई है.

निखिल आनंद ने शिवसेना पर साधा निशाना
'यह दुर्भाग्य है कि राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए घटिया संपादकीय लिखकर संजय राउत खुद को पत्रकार समझने लगे हैं. उनकी सी ग्रेड पत्रकारिता का नमूना सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान के मामले में देश की जनता देख चुकी है. बिहार ने जो सुशासन और विकास का मॉडल पेश किया है वो पूरे देश के लिए एक नजीर है. ठीक उसी तरह जिस प्रकार शिवसेना का सत्तालोलुप अवसरवादी चरित्र देश में अनूठा है. बिहार का गवर्नेंस आज की तारीख में महाराष्ट्र से लाख गुना बेहतर है. अवसरवादी शिवसेना चाहे तो अपने मुख्यमंत्री जी को गवर्नेंस की ट्रेनिंग लेने बिहार भेजे.'- डॉ. निखिल आनंद, प्रवक्ता, भाजपा

एनडीए नेताओं की 'सामना' के संपादकीय पर प्रतिक्रिया

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संजय राऊत पर व्यक्तिगत टिप्पणी
'आदरणीय भाभी जी को ईडी का नोटिस जाने के बाद से संजय राऊत थोड़े नर्वस हैं. वे मामले को राजनीतिक रंग देने और बिहार पर निशाना साधकर कुंठा अभिव्यक्ति करने की बजाय अपनी बेगुनाही साबित करने पर ध्यान दें. संजय राऊत अनर्गल प्रलाप करने की बजाय अपने खाता-बही और लेन-देन का हिसाब-किताब ठीक रखने पर ध्यान दें तो अच्छा रहेगा. क्योंकि लोगों में चर्चा है कि उनकी गलतियों की वजह से ही भाभी जी को नोटिस झेलना पड़ा है.'- डॉ. निखिल आनंद, प्रवक्ता, भाजपा

जदयू की प्रतिक्रिया
'संजय राऊत बेवजह कुछ भी बयानबाजी देते रहते हैं. इनसे अपना प्रदेश तो संभलता नहीं है. आप बिहार की क्राइम की बात कर रहे हैं. आपके के राज्य में पुलिस क्राइम पर कैसे काम करती है वो तो सुशांत सिंह राजपूत के मामले में पूरा देश देख चुका है. इस मामले में तो सीएम नीतीश ने सीबीई जांच की सिफारिश की थी. कोरोना काल में बिहार ने जिस तरह से काम किया है वो पूरा देश देख रहा है. कोरोना रिकवरी रेट बिहार में सबसे ज्यादा, लेकिन ये सब तो आपको दिखेगा नहीं.'- अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

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