पटना: बिहार में जब से विधानसभा चुनाव (Assembly Elections In Bihar) संपन्न हुए हैं उसके बाद से ही सियासत कभी शांत नहीं रही. हाल में राघोपुर दौरे पर तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को लेकर जो बयान दिया उसके बाद एक बार फिर हलचल मची है. लेकिन सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि आखिर एनडीए पर सवाल उठाने के पीछे तेजस्वी की मंशा क्या है?
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लालू का ऑडियो हुआ था वायरल
विधानसभा चुनाव के बाद जब बिहार में मांझी और मुकेश साहनी की मदद से एनडीए की सरकार बनी, उसके बाद एक बड़ा मामला सामने आया था. तब लालू यादव (Lalu Yadav) का एक ऑडियो वायरल हुआ था और बीजेपी के एक विधायक ने लालू के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था. लालू यादव बीजेपी के विधायक को महागठबंधन में आने को कह रहे थे. कुछ ऐसा ही दावा मांझी और मुकेश सहनी ने भी किया था.
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तेजस्वी ने सरकार गिरने का किया दावा
इस बात को बीते अब करीब 8 महीने हो चुके हैं. लेकिन बिहार में एनडीए सरकार को लेकर हाल ही में तेजस्वी ने एक बार फिर यह दावा कर दिया कि अगले दो-तीन महीने में यह सरकार गिर जाएगी. इस दावे के साथ तेजस्वी लगातार बैठक भी कर रहे हैं. पहले उन्होंने प्रवक्ताओं के साथ बैठक की और उसके बाद विधायकों के साथ और अब जिलाध्यक्ष और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ भी बैठक करने वाले हैं. पार्टी के नेताओं का दवा है कि यह तमाम बैठक 5 जुलाई को राजद की स्थापना दिवस के आयोजन को लेकर हो रही है. लेकिन विश्लेषक कुछ और ही दावा कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव की बैठकों के पीछे की वजह क्या?
इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक डॉ संजय कुमार कहते हैं कि-
'बिहार की सियासत को लेकर फिलहाल एक बात तो तय है कि एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है. लेकिन उतना ही सच इस बात में भी है कि महागठबंधन में कांग्रेस की हालत अच्छी नहीं है. तेजस्वी को इस बात की आशंका है कि जिस तरह की राजनीति नीतीश कुमार की रही है, उससे राजद में भी टूट हो सकती है. यही वजह है कि वह अपने नेताओं को गाहे-बगाहे इस तरह के बयान देकर एकजुट रखने की कोशिश कर रहे हैं.' -डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
तेजस्वी को महसूस हो रहा खतरा
डॉ संजय कुमार ने कहा कि जिस तरह से दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी बैठकों के जरिए अपने नेताओं से लगातार संपर्क में हैं, उससे तो यह जाहिर है कि उन्हें कुछ खतरा महसूस जरूर हो रहा है. कुछ ऐसा ही दावा एनडीए नेता भी कर रहे हैं.
'तेजस्वी की पार्टी में कुछ भी अच्छा नहीं है. जो विधायक हैं, उन्हें अपने भविष्य की चिंता सता रही है. राजद के विधायकों को अच्छी तरह मालूम है कि उनका भविष्य कहां सुरक्षित है. तेजस्वी को डर है कि कहीं उनके विधायक पाला न बदल लें. जिस पार्टी का नेता अपना ज्यादातर समय बिहार से बाहर बिता रहा हो और जिसके आने पर उसके विधानसभा क्षेत्र में ही उसका विरोध होता हो उसके साथ कोई कैसे रहना चाहेगा.' -अखिलेश सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
राघोपुर में तेजस्वी का विरोध
भाजपा नेता ने दावा किया है कि राघोपुर में तेजस्वी का विरोध हो रहा था. क्योंकि वह मुश्किल घड़ी में अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ नहीं थे. उस मुश्किल से निकलने के लिए उन्होंने एक पासा फेंक दिया कि एनडीए की सरकार गिरने वाली है. दरअसल वे उस मुश्किल से निकलने के लिए और अपने विधायकों को एकजुट करने के लिए इस तरह की बातें कह रहे हैं. भाजपा नेता ने दावा किया है कि उनकी सरकार पूरी तरह मजबूत है.
महागठबंधन की सरकार बनने का दावा
इधर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एनडीए सरकार ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है. नेता प्रतिपक्ष ने बिल्कुल सही कहा है कि अगले दो-तीन महीने में यह सरकार गिर जाएगी. क्योंकि एनडीए के चारों दल एक-दूसरे के खिलाफ लगातार जहर उगल रहे हैं. राजद नेता ने कहा कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है. जदयू पर निशाना साधते हुए राजद प्रवक्ता ने कहा कि राजद के नेता डूबती नाव में कभी सवारी नहीं करना चाहेंगे. राष्ट्रीय जनता दल ने एक बार फिर दावा किया है कि बहुत जल्द बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी.
नेताओं और कार्यकर्ताओं आश्वासन दे रहे तेजस्वी
सबके अपने दावे हैं लेकिन जिस तरह राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं कि तेजस्वी की अपने विधायकों के प्रति आशंका यूं ही नहीं है. भले ही वह राजद के स्थापना दिवस समारोह की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इसी बहाने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आश्वासन दे रहे हैं कि भविष्य महागठबंधन का है. इसलिए वे मजबूती से राजद के साथ जुड़े रहें.