पटना: भाजपा के विधानसभा मार्च पर हुए लाठीचार्ज और एक कार्यकर्ता की मौत के विरोध में भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज शुक्रवार को राज्यपाल से मिलने गया. इसमें एनडीए के तमाम नेता शामिल हुए. हम की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से सांसद प्रिंस राज पासवान समेत 2 दर्जन से अधिक की संख्या में विधायक और सांसद काला पट्टा डालकर राज्यपाल से मिले और ज्ञापन सौंपा. पूरे घटनाक्रम की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की.
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"उन लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज हुआ. सैकड़ों कार्यकर्ता, विधायक और सांसद चोटिल हुए. ऐसा लग रहा था कि यह पूरा घटनाक्रम सुनियोजित था. राज्यपाल से मिलकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है और पूरे मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है."- सम्राट चौधरी, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष
आपातकाल की स्थिति बन गईः सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में एक तरह से आपातकाल की स्थिति बन गई है. पुलिसिया गुंडागर्दी चल रही है. नीतीश कुमार गुंडों के बल पर सरकार चलाना चाहते हैं, भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हुई है. जिनके आदेश पर भी ये कार्रवाई हुई है, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या उप मुख्यमंत्री हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा लाठीचार्ज को सही ठहराए जाने के सवाल पर कहा कि वह नौकरों की बातों का जवाब नहीं देते हैं.
विपक्ष की आवाज बंद कराने की साजिश: नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल से उन्होंने सड़क से सदन तक के लाठीचार्ज की पूरी घटना को बताया है. यह सरकार सदन में विपक्ष की आवाज को बंद कर देती है और सड़क पर लाठीचार्ज करके विपक्ष को कुचलने का काम कर रही है. हर प्रकार के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज हो रहा है, एक तरह से प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू है. नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन गए हैं और राजनीतिक दुर्योधन के लिए बिहार में महाभारत कराना चाहते हैं. इस सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का नैतिक हक नहीं है.