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रोजगार के मसले पर एनडीए और महागठबंधन में घमासान, नए रोजगार के अवसर को लेकर सवालिया निशान

बिहार में युवा नौकरी के इंताजर में बरसों से बैठे हैं. सरकारें वादे पर वादे तो किए जा रही हैं लेकिन लोगों को नौकरी नहीं मिल रही. नीतीश सरकार की ओर से छिटपुट रोजगार जो युवाओं को दिए गए हैं, उस पर भी भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. यानी अब बिहार में रोजगार का मुद्दा चुनावी हो गया है.

संजय जायसवाल और नीतीश कुमार
संजय जायसवाल और नीतीश कुमार
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Published : Oct 24, 2022, 9:40 AM IST

पटनाः रोजगार बिहार में चुनावी मुद्दा (Employment Issue In Bihar) बन चुका है. बिहार की राजनीति रोजगार के इर्द-गिर्द घूम रही है विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने 19,00000 लोगों को रोजगार देने का वादा किया था तो जवाब में महागठबंधन में जाने के बाद नीतीश कुमार ने 20, 00000 लोगों को नौकरी देने की बात कह दी. रोजगार को लेकर एनडीए और महागठबंधन (NDA And Mahagathbandhan Leader On Employment Issue) सामने सामने हैं. बिहार में सबसे अधिक आबादी युवाओं की है और युवाओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल रोजगार के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः NDA के समय की नियुक्ति पत्र बांट कर युवाओं को ठग रहे हैं CM नीतीश- सुशील मोदी

20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादाः नियुक्ति पत्र विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार का मुद्दा जोर शोर से उठा था. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 1900000 लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था. नीतीश कुमार ने एक बार फिर यू-टर्न लिया और महा गठबंधन का हिस्सा हो गए. महागठबंधन में जाते ही नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर दिया. नीतीश सरकार की ओर से छिटपुट रोजगार युवाओं को दिए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी की ओर से कहा गया है कि जिनकी नियुक्तियां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में हो गईं उन्हें फिर दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. बीजेपी ने दावा किया है कि जब उनकी सरकार थी तब सवा दो लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका था और उसे ही तेजस्वी अपनी उपलब्धियों में शामिल कर रहे हैं.


'नियुक्ति प्रक्रिया को एनडीए कार्यकाल में हुई' बीजेपी नेता पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मंगल पांडेय ने दावा किया है कि स्वास्थ्य विभाग में जिन-जिन पदों पर आज नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है, उस संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया को एनडीए कार्यकाल में पूरा किया गया था. जितने पदों पर आज नियक्ति पत्र दिया जा रहा है, उन सभी एएनएम के 8517, जिला कम्युनिटी मोबलाइजर के 26, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के 190 और काउंसलर के 579 पदों के परीक्षा परिणाम 30 जुलाई 2022 को ही प्रकाशित हो गई थी। इन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यक्रम के तहत किया गया था. मंगल पांडे ने कहा कि महागठबंधन पहले रिक्त पदों पर बहाली की नई प्रक्रिया को शुरू करे, उसके बाद जनता को अपनी उपलब्धियों से अवगत कराये और तब अपनी पीठ थपथपाये.

"पिछले चार वर्षों में लगभग 14 हजार एएनएम और जीएनएम पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूर्ण की गई थी. एनएचएम के कार्यक्रम के तहत आगे विभिन्न पदों पर और भी नियुक्तियां करनी हैं. वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री उन नियुक्ति प्रक्रियाओं को शुरू कराएं. यही नहीं एनडीए के शासनकाल में ही एक अगस्त 2022 से बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) द्वारा 12 हजार 771 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित की गयी थी, जिसमें एएनएम के लिए 10 हजार 709, एक्सरे टेक्निशियन के लिए 803, शल्य कक्ष सहायक के लिए 1096 और इसीजी टेक्निशयन के लिए 163 पदों के लिए आवदेन आमंत्रित किये गये थे. इसके रोस्टर क्लीयरेंस से लेकर बीटीएससी को अधियाचना भेजने, विज्ञापन प्रकाशन एवं आवेदन लेने का कार्य एनडीए के कार्यकाल में हुआ था"- मंगल पांडेय, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री

'20 लाख नौकरी का वादा युवाओं को भटकाने जैसा है' : वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि नीतीश सरकार 20,00000 लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रही है. लेकिन यह युवाओं को भटकाने जैसा है. बिहार में शराबबंदी के बाद सरकार के पास इतने पैसे नहीं है कि वह रोजगार देने केबाद उन्हें तनख्वाह दे दें. सरकार सिर्फ युवाओं को झूठा भरोसा दिला रही है एनडीए सरकार के समय युवाओं को जो रोजगार दिए गए थे उसे ही महागठबंधन सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है.

"बिहार में शराबबंदी के बाद सरकार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह रोजगार देने के बाद उन्हें तनख्वाह दे दें. एनडीए सरकार के समय युवाओं को जो रोजगार दिए गए थे, उसे ही महागठबंधन सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है"- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

'बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं': बीजेपी के आरोपों पर आरजेडी ने पलटवार किया है. पार्टी के उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि बीजेपी को पहले यह बताना चाहिए कि दो करोड़ युवाओं को देश में रोजगार मिला या नहीं. बिहार में 19, 00000 लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था उसका क्या हुआ. राजद नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं, हम काम की बात करते हैं.

'बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं, हम काम की बात करते हैं. जेपी को पहले यह बताना चाहिए कि दो करोड़ युवाओं को देश में रोजगार मिला या नहीं'- उदय नारायण चौधरी, उपाध्यक्ष आरजेडी

पटनाः रोजगार बिहार में चुनावी मुद्दा (Employment Issue In Bihar) बन चुका है. बिहार की राजनीति रोजगार के इर्द-गिर्द घूम रही है विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने 19,00000 लोगों को रोजगार देने का वादा किया था तो जवाब में महागठबंधन में जाने के बाद नीतीश कुमार ने 20, 00000 लोगों को नौकरी देने की बात कह दी. रोजगार को लेकर एनडीए और महागठबंधन (NDA And Mahagathbandhan Leader On Employment Issue) सामने सामने हैं. बिहार में सबसे अधिक आबादी युवाओं की है और युवाओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल रोजगार के मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः NDA के समय की नियुक्ति पत्र बांट कर युवाओं को ठग रहे हैं CM नीतीश- सुशील मोदी

20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादाः नियुक्ति पत्र विधानसभा चुनाव के दौरान रोजगार का मुद्दा जोर शोर से उठा था. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 1900000 लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था. नीतीश कुमार ने एक बार फिर यू-टर्न लिया और महा गठबंधन का हिस्सा हो गए. महागठबंधन में जाते ही नीतीश कुमार ने 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर दिया. नीतीश सरकार की ओर से छिटपुट रोजगार युवाओं को दिए जा रहे हैं, लेकिन भाजपा ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. पार्टी की ओर से कहा गया है कि जिनकी नियुक्तियां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में हो गईं उन्हें फिर दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. बीजेपी ने दावा किया है कि जब उनकी सरकार थी तब सवा दो लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका था और उसे ही तेजस्वी अपनी उपलब्धियों में शामिल कर रहे हैं.


'नियुक्ति प्रक्रिया को एनडीए कार्यकाल में हुई' बीजेपी नेता पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मंगल पांडेय ने दावा किया है कि स्वास्थ्य विभाग में जिन-जिन पदों पर आज नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है, उस संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया को एनडीए कार्यकाल में पूरा किया गया था. जितने पदों पर आज नियक्ति पत्र दिया जा रहा है, उन सभी एएनएम के 8517, जिला कम्युनिटी मोबलाइजर के 26, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के 190 और काउंसलर के 579 पदों के परीक्षा परिणाम 30 जुलाई 2022 को ही प्रकाशित हो गई थी। इन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कार्यक्रम के तहत किया गया था. मंगल पांडे ने कहा कि महागठबंधन पहले रिक्त पदों पर बहाली की नई प्रक्रिया को शुरू करे, उसके बाद जनता को अपनी उपलब्धियों से अवगत कराये और तब अपनी पीठ थपथपाये.

"पिछले चार वर्षों में लगभग 14 हजार एएनएम और जीएनएम पदों पर बहाली की प्रक्रिया पूर्ण की गई थी. एनएचएम के कार्यक्रम के तहत आगे विभिन्न पदों पर और भी नियुक्तियां करनी हैं. वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री उन नियुक्ति प्रक्रियाओं को शुरू कराएं. यही नहीं एनडीए के शासनकाल में ही एक अगस्त 2022 से बिहार तकनीकी सेवा आयोग (बीटीएससी) द्वारा 12 हजार 771 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित की गयी थी, जिसमें एएनएम के लिए 10 हजार 709, एक्सरे टेक्निशियन के लिए 803, शल्य कक्ष सहायक के लिए 1096 और इसीजी टेक्निशयन के लिए 163 पदों के लिए आवदेन आमंत्रित किये गये थे. इसके रोस्टर क्लीयरेंस से लेकर बीटीएससी को अधियाचना भेजने, विज्ञापन प्रकाशन एवं आवेदन लेने का कार्य एनडीए के कार्यकाल में हुआ था"- मंगल पांडेय, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री

'20 लाख नौकरी का वादा युवाओं को भटकाने जैसा है' : वहीं, बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा है कि नीतीश सरकार 20,00000 लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रही है. लेकिन यह युवाओं को भटकाने जैसा है. बिहार में शराबबंदी के बाद सरकार के पास इतने पैसे नहीं है कि वह रोजगार देने केबाद उन्हें तनख्वाह दे दें. सरकार सिर्फ युवाओं को झूठा भरोसा दिला रही है एनडीए सरकार के समय युवाओं को जो रोजगार दिए गए थे उसे ही महागठबंधन सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है.

"बिहार में शराबबंदी के बाद सरकार के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह रोजगार देने के बाद उन्हें तनख्वाह दे दें. एनडीए सरकार के समय युवाओं को जो रोजगार दिए गए थे, उसे ही महागठबंधन सरकार अपनी उपलब्धि मान रही है"- विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

'बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं': बीजेपी के आरोपों पर आरजेडी ने पलटवार किया है. पार्टी के उपाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि बीजेपी को पहले यह बताना चाहिए कि दो करोड़ युवाओं को देश में रोजगार मिला या नहीं. बिहार में 19, 00000 लोगों को रोजगार देने का वायदा किया था उसका क्या हुआ. राजद नेता ने कहा कि बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं, हम काम की बात करते हैं.

'बीजेपी के लोग सिर्फ मन की बात करते हैं, हम काम की बात करते हैं. जेपी को पहले यह बताना चाहिए कि दो करोड़ युवाओं को देश में रोजगार मिला या नहीं'- उदय नारायण चौधरी, उपाध्यक्ष आरजेडी

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