पटना: सामाजिक परिवेश में लोग कई तरीके से पीड़ित हैं. कई तरह की समस्याएं लोगों के सामने आती रहती हैं. जिसमें कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारा न्यायालय के द्वारा किया जाता है. उसी कड़ी में आज 11 दिसंबर 2021 को पटना के विभिन्न न्यायालय में लोक अदालत (Patna Civil Court) का आयोजन किया गया. लोक अदालत में कई मुद्दों का निपटारा भी किया गया.
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बात दें कि, शनिवार को 10.30 बजे पूर्वाहन से ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के तत्वाधान में पटना जिला के व्यवहार न्यायालय सदर पटना और उसके अनुमंडलों में अवस्थित व्यवहार न्यायालयों में लोक आदालत का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का निपटारा किया गया. पटना सिटी, दानापुर (पालीगंज सहित), मसौढ़ी और बाढ़ के प्रांगण में "राष्ट्रीय लोक अदालत" का आयोजन किया गया.
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में संधि योग्य लघु अपराधिक मामले, बैंक ऋण, विद्युत संबंधित मामले, वाहन दुर्घटना बीमा, माप-तौल, श्रम वाद, नीलामपत्र वाद, पारिवारिक मामलों का निपटारा किया गया. साथ ही उपभोक्ता फोरम से जुड़े मामले विचार विनिमय, समायोजन एवं सुलह के आधार पर निष्पादित किए गए.
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सुनील दत्त मिश्रा डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज सह चेयरमैन डीएलएसए (District And Sessions Judge Sunil Dutt Mishra ) पटना ने बताया कि,शनिवार को पूरे देश में लोक अदालत के माध्यम से विवादों का निपटारा किया जा रहा है. उसी कड़ी में पटना व्यवहार न्यायालय में भी केसों का निपटारा किया गया. लगभग हजारों की संख्या में वादी लोक अदालत अपनी फरियाद लेकर पहुंचे थे. फरियादियों की फरियाद सुनने के लिए 17 मिनट का समय लगाया गया है, जिससे लोगों के छोटे-मोटे विवादों का निपटारा किया गया.
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बता दें कि राष्ट्रीय लोक अदालत मामलों का त्वरित निपटारा कर न्यायपालिका के लंबित मामलों का भार कम कर न्यायपालिका की सहायता करती है. इसमें लंबित वाद, सुलहनीय आपराधिक वाद, बैंक ऋण वसूली वाद, मोटर दुर्घटना दावा, न्यायाधिकरण वाद, वैवाहिक वाद, श्रम वाद, भूमि अधिग्रहण मामले, राजस्व मामले, विद्युत, पानी बिल, सेवा, बैंक, इंश्योरेंस आदि मामले निपटाए जाते हैं.
लोक अदालत ऐसा मंच या फोरम है, जहां न्यायालय में लंबित या मुकदमे के रूप में दाखिल नहीं किए गए मामलों का सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा किया जाता है. यह सामान्य न्यायालयों से अलग होता है, क्योंकि यहां विवादित पक्षों के बीच परस्पर समझौते के माध्यम से विवादों का समाधान किया जाता है. 11 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मुकदमे निपटाने का प्रयास किया गया. अधिकारियों को अपने विभागों से संबंधित दरखास्तों को जल्द से जल्द डिस्पोज एवं निपटान करने के निर्देश दिए गए.
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