नई दिल्ली/ पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए गरीब कल्याण अन्न योजना का 30 नवंबर तक विस्तार कर दिया. इसको लेकर लगातार सभी दलों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि पीएम ने गरीबों को 5 महीने तक मुफ्त में पांच किलो चावल, गेहूं और1 किलो चना देने की घोषणा की है. इस फैसले का हम लोग स्वागत करते हैं.
'सिर्फ पांच महीने ही क्यों मिले राशन'?
रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि मैं सरकार से यह भी कहना चाहता हूं कि सिर्फ पांच महीने ही क्यों? गरीब तो गरीब होता है उनको तब तक राशन मिलना चाहिए जब तक वह आत्मनिर्भर न बन जाएं.
'आत्मनिर्भर कर दिया जाए राशन'
माधव आनंद ने कहा कि अगर पीएम ने बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह कदम उठाया है तो यह दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने कहा कि देश का हर गरीब जब तक आत्मनिर्भर न बन जाएं तब तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा पीएम को करनी चाहिए.
गरीबों की मदद
रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव ने कहा कि सरकार को गरीब जबतक गरीबी रेखा से ऊपर ना उठ जाएं और सक्षम ना हो जाएं तबतक उनकी मदद करनी चाहिए.
एनडीए को मिले चुनाव में लाभ
बता दें बिहार विधानसभा चुनाव इसी साल अक्टूबर-नवंबर महीने में होने वाला है. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार इसलिये किया गया है ताकि एनडीए को चुनाव में लाभ मिल पाए.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना
कोरोना संकट में अप्रैल, मई और जून महीने में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त में अलग से पांच किलो चावल, गेहूं और एक किलो दाल दिया जा रहा था. इस योजना को जून के बाद भी जारी रखने के लिए कई राज्यों ने मांग की थी. जिसके बाद पीएम मोदी ने इसके विस्तार का ऐलान किया.