पटनाः हर किसी का अपना-अपना शौक होता है. लेकिन, जब शौक जुनून बन जाए तो मंजिल हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी जुनून के कारण बिहार के नरेश चंद्र माथुर ने सात बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉडर्स में जगह पाई है.
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज
69 वर्षीय नरेश चंद्र माथुर का शौक बिल्कुल अलग है. स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक पद से अवकाश प्राप्त कर चुके माथुर ने अपनी अनोखी परिकल्पना से ऐसा कृतिमान बनाया है, जो दूसरों के लिए प्रेरणादायक है. लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7 बार नाम दर्ज कराया.
कब-कब लिम्का बुक में नाम दर्ज:
- साल 2013 : 1975 से दो प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार के संपादकीय का सबसे बड़ा संग्रह किया. इनके पास एक हजार संपादकीय की कटिंग का संग्रह है.
- साल 2013 : जनवरी 2012 में पंच लाइन पुस्तक प्रकाशित हुई. इसमें 1112 कोट्स हैं. पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें हर पन्ने के नीचे कैंसर जागरूकता के बारे में लिखा है.
- साल 2014 : जून 2013 में दो प्रतिष्ठित अखबारों में छपे संपादकीय के अंश को प्रकाशित किया. इसमें 280 पेज की किताब प्रकाशित की गई. हर पेज के नीचे पानी बचाने का संदेश.
- साल 2015 : 2014 में यूनिक न्यूज प्रकाशित हुई थी. इसमें 251 खबरें हैं, जो अलग-अलग अखबारों से इकट्ठा की गई है.
- साल 2017 : माई कैलेंडर, माई मैसेज नाम से कैलेंडर बनाया था. हर कैलेंडर का थीम सामाजिक समस्याओं पर आधारित है. इसमें धूम्रपान निषेध और शिक्षा को लेकर संदेश दिए गए.
- साल 2018 : ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ.
- साल 2018 : शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.
इतना ही नहीं, देश-विदेश में हाई पर्सनालिटी पर फेंके गए जूते की अखबारों में प्रकाशित खबरों की लंबी लिस्ट इनके पास आपको मिलेंगी. किताबों का शौक ऐसा कि माथुर साहब, हर शनिवार एक पुस्तक खरीदते हैं. इनकी लाइब्रेरी में 33 सौ से अधिक पुस्तकें हैं.
इस्लाम और ईसाई धर्म का किया अध्ययन
नरेश चंद्र माथुर राजधानी पटना के नाला रोड के रहने हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक पद से रिटायर होने के बाद सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म पर विस्तृत अध्ययन किया. इन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी से सिख धर्म पर अध्ययन किया.
'अपना गोविंद' कैलेंडर
साल 2018 में ए 4 साइज का 'अपना गोविंद' कैलेंडर लिम्का बुक में दर्ज हुआ. इसमें माथुर ने गुरु गोविंद सिंह महाराज के संदेश सहित गुरु ग्रंथ साहिब जफरनामा शब्दावली को बखूबी समाहित करके यह उपलब्धि अपने नाम किया है. इस कैलेंडर को जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने प्रकाश उत्सव के दौरान जारी किया था.
कैलेंडर की विशेषता यह है कि इसमें दिन के स्थान पर 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की तिथि दी गई है. पिछले साल इनके जरिए बनाए गए कैलेंडर 'सिखिज्म ग्लोबल वैल्यू' को यह उपलब्धि हासिल हुई थी. इस कैलेंडर में सिख के 10 गुरुओं के नाम और उनकी विशेषता समेत उनके चिंतन विचार और व्यावहारिक आदर्शों को शामिल किया गया है.
संपादकीय संग्रह का शौक
एसबीआई में सहायक महाप्रबंधक के पद से रिटायर्ड माथुर 1975 में अंग्रेजी और हिंदी अखबारों में छपी सामाजिक मुद्दे पर केंद्रीय संपादकीय की कटिंग संग्रह भी करते थे, इसके लिए 2013 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया गया था, इसके साथ ही यूनिक कलेक्शन कोटेशन कैंसर जागरूकता, सेव वाटर के साथ-साथ उन्होंने पुलिस कैलेंडर भी बनाया था.
शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले नरेश चंद्र माथुर को इस उपलब्धि के लिए 1948 बैच के 94 वर्षीय आइएएस सरदि शरण सिंह ने उन्हें सम्मानित किया था. इसके अलावा शराबबंदी और योग पर ट्वीट कैलेंडर पिछले साल राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेंट किया.
माथुर ने आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से सिख दर्शन पर अपने विचार देकर एक अलग पहचान बनाई है. अभी वह गुरु ग्रंथ साहिब जी और सिख डिक्शनरी को संशोधित कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म को लेकर भी नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से सर्टिफिकेट हासिल किया है.