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कोरोना से हो रही मौतों पर नियंत्रण करने में सरकार विफल... नरेंद्र सिंह ने पत्र लिखकर CM को दिए कई सुझाव

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर जयप्रभा मेदांता अस्पताल को कोरोना अस्पताल घोषित करने की मांग की है. साथ ही सभी निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज के लिए सुरक्षित कर करने और इलाज का खर्च सरकार से वहन करने को कहा है.

Narendra Singh
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Published : Apr 14, 2021, 3:45 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कभी प्रमुख सहयोगी रहे नरेंद्र सिंह ने बिहार में बढ़ते कोरोना को लेकर सीएम को पत्र लिखा है. पत्र में नरेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार कोरोना के नियंत्रण के लिए काम कर रही है, लेकिन मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. इसे नियंत्रित करने में सरकार असफल दिख रही है. नरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कंकड़बाग में बने जयप्रभा मेदांता में कोविड-19 अस्पताल बनाने की सलाह भी दी है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में मंगलवार को कोरोना के 4,157 नए मामले आए सामने, अकेले पटना में 1,205 मरीज मिले

नरेंद्र सिंह का सीएम के नाम पत्र

'सेवा में
श्री नीतीश कुमार जी
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार
राज्य में करोना के बढ़ते हालात से आप पूर्ण रूप से अवगत ही होंगे. इस बीमारी ने संपूर्ण राज्य को आगोश में ले लिया है. बिना इलाज के दम तोड़ते लोगों की संख्या में अपार वृद्धि होती जा रही है. आपकी सरकार ने कुछ हद तक इंतजाम भी किया है, किंतु इस बीमारी के प्रभाव पर नियंत्रण पाने में सरकार असफल दिखती है.

मैं यह पत्र आलोचना की दृष्टि से नहीं लिख रहा हूं. बल्कि करोना पर नियंत्रण के लिए कुछ ठोस और कारगर कदम उठाने का सरकार से अनुरोध करना चाहता हूं. कुछ सुझाव निम्न रूप से हैं.

1. कंकड़बाग में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है. राज्य सरकार ने मेदांता को अपना पार्टनर बनाकर 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया है. अभी वहां 500 बेड का अस्पताल चल रहा है, मेरा अनुरोध है कि इस अस्पताल को पूर्णरूपेण कोरोना अस्पताल घोषित किया जाए.

2. पूरे बिहार में जितने भी बड़े-बड़े निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम चलाए जा रहे हैं, उन सबों को भी कोरोना के इलाज के लिए सुरक्षित कर दिया जाए. रोगियों पर होने वाले खर्च काे वहन राज्य सरकार करे.

3. राज्य के निजी नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा कोरोना मरीज से काफी ऊंचे दर पर राशि वसूली जा रही है. इन अस्पतालों में भी इलाज कराने वाले रोगियों पर होने वाले खर्चों काे राज्य सरकार वहन करे.

अगर उपरोक्त सुझावों पर राज्य सरकार कार्रवाई करती है तो निश्चित रूप से कोरोनाग्रस्त लोगों की जान बचाई जा सकती है. आशा करता हूं कि आप त्वरित रूप से उपरोक्त सुझावों पर अमल करके यश के भागीदार बनेंगे. अन्यथा अगर करोना से लोगों की जान जाती है तो इसके लिए जिम्मेवार आप तथा आप की सरकार होगी.

मैं उम्मीद करता हूं कि आप निश्चित रूप से राज्य के लोगों की जान बचाने के लिए ठोस कदम उठाकर इतिहास के काले अक्षरों में नाम लिखाने से अवश्य बचना चाहेंगे.
मैं चाहता हूं कि आपका नाम इस कोरोना युद्ध में लड़ने के लिए स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाए.
शुभकामनाओं के साथ
आपका शुभेच्छु
नरेंद्र सिंह, पूर्व कृषि मंत्री, बिहार'

ये भी पढ़ेंः बंगाल चुनाव को लेकर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह का दावा- तृणमूल कांग्रेस की ही बनेगी सरकार

कभी लोजपा तोड़कर जदयू में शामिल हुए थे नरेंद्र सिंह
बता दें कि नरेंद्र सिंह कभी नीतीश कुमार के काफी अच्छे मित्रों में से एक थे. नरेंद्र सिंह लोजपा को तोड़कर जदयू में शामिल हुए थे और लंबे समय तक नीतीश मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री भी रहे, लेकिन जीतन राम मांझी के साथ जाने के कारण नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ गईं. हालांकि नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह फिलहाल नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को अपना समर्थन भी दिया है. अब नरेंद्र सिंह के इस सुझाव वाले पत्र को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे हैं.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कभी प्रमुख सहयोगी रहे नरेंद्र सिंह ने बिहार में बढ़ते कोरोना को लेकर सीएम को पत्र लिखा है. पत्र में नरेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार कोरोना के नियंत्रण के लिए काम कर रही है, लेकिन मौतों का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है. इसे नियंत्रित करने में सरकार असफल दिख रही है. नरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री को कंकड़बाग में बने जयप्रभा मेदांता में कोविड-19 अस्पताल बनाने की सलाह भी दी है.

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नरेंद्र सिंह का सीएम के नाम पत्र

'सेवा में
श्री नीतीश कुमार जी
माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार
राज्य में करोना के बढ़ते हालात से आप पूर्ण रूप से अवगत ही होंगे. इस बीमारी ने संपूर्ण राज्य को आगोश में ले लिया है. बिना इलाज के दम तोड़ते लोगों की संख्या में अपार वृद्धि होती जा रही है. आपकी सरकार ने कुछ हद तक इंतजाम भी किया है, किंतु इस बीमारी के प्रभाव पर नियंत्रण पाने में सरकार असफल दिखती है.

मैं यह पत्र आलोचना की दृष्टि से नहीं लिख रहा हूं. बल्कि करोना पर नियंत्रण के लिए कुछ ठोस और कारगर कदम उठाने का सरकार से अनुरोध करना चाहता हूं. कुछ सुझाव निम्न रूप से हैं.

1. कंकड़बाग में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है. राज्य सरकार ने मेदांता को अपना पार्टनर बनाकर 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया है. अभी वहां 500 बेड का अस्पताल चल रहा है, मेरा अनुरोध है कि इस अस्पताल को पूर्णरूपेण कोरोना अस्पताल घोषित किया जाए.

2. पूरे बिहार में जितने भी बड़े-बड़े निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम चलाए जा रहे हैं, उन सबों को भी कोरोना के इलाज के लिए सुरक्षित कर दिया जाए. रोगियों पर होने वाले खर्च काे वहन राज्य सरकार करे.

3. राज्य के निजी नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा कोरोना मरीज से काफी ऊंचे दर पर राशि वसूली जा रही है. इन अस्पतालों में भी इलाज कराने वाले रोगियों पर होने वाले खर्चों काे राज्य सरकार वहन करे.

अगर उपरोक्त सुझावों पर राज्य सरकार कार्रवाई करती है तो निश्चित रूप से कोरोनाग्रस्त लोगों की जान बचाई जा सकती है. आशा करता हूं कि आप त्वरित रूप से उपरोक्त सुझावों पर अमल करके यश के भागीदार बनेंगे. अन्यथा अगर करोना से लोगों की जान जाती है तो इसके लिए जिम्मेवार आप तथा आप की सरकार होगी.

मैं उम्मीद करता हूं कि आप निश्चित रूप से राज्य के लोगों की जान बचाने के लिए ठोस कदम उठाकर इतिहास के काले अक्षरों में नाम लिखाने से अवश्य बचना चाहेंगे.
मैं चाहता हूं कि आपका नाम इस कोरोना युद्ध में लड़ने के लिए स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाए.
शुभकामनाओं के साथ
आपका शुभेच्छु
नरेंद्र सिंह, पूर्व कृषि मंत्री, बिहार'

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कभी लोजपा तोड़कर जदयू में शामिल हुए थे नरेंद्र सिंह
बता दें कि नरेंद्र सिंह कभी नीतीश कुमार के काफी अच्छे मित्रों में से एक थे. नरेंद्र सिंह लोजपा को तोड़कर जदयू में शामिल हुए थे और लंबे समय तक नीतीश मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री भी रहे, लेकिन जीतन राम मांझी के साथ जाने के कारण नीतीश कुमार से दूरियां बढ़ गईं. हालांकि नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह फिलहाल नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. साथ ही नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को अपना समर्थन भी दिया है. अब नरेंद्र सिंह के इस सुझाव वाले पत्र को लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे हैं.

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