ETV Bharat / state

नालंदा मरकज सम्मेलन को लेकर सरकार की बड़ी चूक आई सामने, अधिकारियों ने भी साधी चुप्पी - Nalanda

नालंदा मरकज सम्मेलन तो छोड़िए, आलम ये है कि सरकार के पास दिल्ली मरकज सम्मेलन में सूबे से शामिल हुए लोगों का सही आंकड़ा तक नहीं है. मरकज के दिल्ली सम्मेलन में शामिल 112 लोगों की सूची केंद्र सरकार ने पहले भेजी थी. इसके बाद कुछ और लोगों की सूची भी आई लेकिन उन सबकी पहचान नहीं हो सकी.

नालंदा मरकज सम्मेलन
नालंदा मरकज सम्मेलन
author img

By

Published : Apr 17, 2020, 4:08 PM IST

पटना: तबलीगी मरकज और बड़ी संख्या में विदेश से आए लोगों की पहचान नहीं कर पाने के कारण नीतीश सरकार की पहले से ही किरकिरी हो रही है. वहीं, अब मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में तबलीगी जमात के सम्मेलन को लेकर सरकार की बड़ी चूक सामने आई है. जानकारी के अनुसार सम्मेलन में लगभग 600 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. मामले में सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी चुप्पी साध रखी है.

मरकज सम्मेलन ने उड़ाई सरकार की नींद
नालंदा मरकज सम्मेलन तो छोड़िए, आलम ये है कि सरकार के पास दिल्ली मरकज सम्मेलन में सूबे से शामिल हुए लोगों का सही आंकड़ा तक नहीं है. मरकज के दिल्ली सम्मेलन में शामिल 112 लोगों की सूची केंद्र सरकार ने पहले भेजी थी. इसके बाद कुछ और लोगों की सूची भी आई लेकिन उन सबकी पहचान नहीं हो सकी. जबकि, मरकज में शामिल लोगों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एटीएस तक को लगाया गया था. इतना ही नहीं सरकार ने 4000 मोबाइल नंबरों के माध्यम से भी जमातियों को ढूंढ़ने की कोशिश की गई. इतने भागीरथ प्रयास के बाद भी नतीजा 'ढ़ाक के तीन पात' ही साबित हुए.

पटना
भाई वीरेंद्र, मुख्य प्रवक्ता आरजेडी

आरजेडी ने लगाया लापरवाही का आरोप
वहीं, सीएम के गृह जिले नालंदा में मरकज सम्मेलन का नया मामला संज्ञान में आने के बाद बिहार सरकार की जमकर किरकिरी होने लगी है. मामले में आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि यह सरकार की बड़ी चूक है. मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद सरकार को सम्मेलन का पता तक नहीं चला. सरकार के गैर जिम्मेदाराना कार्य-प्रणाली की वजह से अब वहीं से कोरोना संक्रमित लोग मिल रहे हैं. साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सब की खोज खबर लेने की काम सरकार का है.

पटना
नंद किशोर यादव, बीजेपी मंत्री

'डीजीपी ने पहले ही सब कुछ साफ कर दिया'
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव कहते हैं कि यह सरकार की चूक नहीं है. सरकार को जैसे ही सूचना मिली कार्रवाई शुरू कर दी गई है. घर-घर सेनीटाइजेशन और स्क्रीनिंग का काम चल रहा है. शुरू में डीजीपी ने कहा था कि जेडीयू के लोग मरकज के नाम पर ही ना नुकुर करने लगते हैं. इसके बाद से मरकज को लेकर किसी भी सत्तासीन नेता, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों का बयान सामने नहीं आया है. मामले में जेडीयू मंत्री नीरज ने कहा कि डीजीपी ने पहले ही सब कुछ साफ कर दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

17 लोगों को किया गया ट्रेस
दिल्ली मरकज सम्मेलन में बिहार के लोगों के बड़ी संख्या में शामिल होने की बात पर पहले सरकार की ओर से कहा गया कि अधिकांश लोग दिल्ली में ही हैं. वहीं, क्वॉरेंटाइन हो गए हैं. मरकज के ऐसे सेंटर पटना में भी है और केंद्र सरकार के निर्देश पर नूरी मस्जिद में फिलहाल ताला लगा दिया गया है. सरकार की कार्रवाई में अब तक मोबाइल के माध्यम और लोगों की सूचना पर 17 लोगों को ट्रेस किया गया था. सभी विदेशी नागरिक हैं. आरोपियों को वीजा नियम उल्लंघन के मामले में जेल भेजा गया है.

क्या है मामला
फिलहाल, मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुए सम्मेलन के बाद से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. बिहार में कोरोना महामारी से प्रभावित जिलों में नालंदा भी शामिल है. वहीं, अब नये मामले के सामने आने से सरकार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में हैं. जानकारी के मुताबिक, होली के ठीक बाद 13 या 14 मार्च को नालंदा के बड़ी शेखाना मस्जिद में जमात कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस जमात में कुल 640 लोग शामिल हुए थे. हालांकि, जमात सूत्रों का कहना है कि इसमें 1000 से 1200 लोग पहुंचे थे.

पटना: तबलीगी मरकज और बड़ी संख्या में विदेश से आए लोगों की पहचान नहीं कर पाने के कारण नीतीश सरकार की पहले से ही किरकिरी हो रही है. वहीं, अब मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में तबलीगी जमात के सम्मेलन को लेकर सरकार की बड़ी चूक सामने आई है. जानकारी के अनुसार सम्मेलन में लगभग 600 लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है. मामले में सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी चुप्पी साध रखी है.

मरकज सम्मेलन ने उड़ाई सरकार की नींद
नालंदा मरकज सम्मेलन तो छोड़िए, आलम ये है कि सरकार के पास दिल्ली मरकज सम्मेलन में सूबे से शामिल हुए लोगों का सही आंकड़ा तक नहीं है. मरकज के दिल्ली सम्मेलन में शामिल 112 लोगों की सूची केंद्र सरकार ने पहले भेजी थी. इसके बाद कुछ और लोगों की सूची भी आई लेकिन उन सबकी पहचान नहीं हो सकी. जबकि, मरकज में शामिल लोगों की पहचान के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद एटीएस तक को लगाया गया था. इतना ही नहीं सरकार ने 4000 मोबाइल नंबरों के माध्यम से भी जमातियों को ढूंढ़ने की कोशिश की गई. इतने भागीरथ प्रयास के बाद भी नतीजा 'ढ़ाक के तीन पात' ही साबित हुए.

पटना
भाई वीरेंद्र, मुख्य प्रवक्ता आरजेडी

आरजेडी ने लगाया लापरवाही का आरोप
वहीं, सीएम के गृह जिले नालंदा में मरकज सम्मेलन का नया मामला संज्ञान में आने के बाद बिहार सरकार की जमकर किरकिरी होने लगी है. मामले में आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि यह सरकार की बड़ी चूक है. मुख्यमंत्री का गृह जिला होने के बावजूद सरकार को सम्मेलन का पता तक नहीं चला. सरकार के गैर जिम्मेदाराना कार्य-प्रणाली की वजह से अब वहीं से कोरोना संक्रमित लोग मिल रहे हैं. साथ ही सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में सब की खोज खबर लेने की काम सरकार का है.

पटना
नंद किशोर यादव, बीजेपी मंत्री

'डीजीपी ने पहले ही सब कुछ साफ कर दिया'
बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव कहते हैं कि यह सरकार की चूक नहीं है. सरकार को जैसे ही सूचना मिली कार्रवाई शुरू कर दी गई है. घर-घर सेनीटाइजेशन और स्क्रीनिंग का काम चल रहा है. शुरू में डीजीपी ने कहा था कि जेडीयू के लोग मरकज के नाम पर ही ना नुकुर करने लगते हैं. इसके बाद से मरकज को लेकर किसी भी सत्तासीन नेता, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों का बयान सामने नहीं आया है. मामले में जेडीयू मंत्री नीरज ने कहा कि डीजीपी ने पहले ही सब कुछ साफ कर दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

17 लोगों को किया गया ट्रेस
दिल्ली मरकज सम्मेलन में बिहार के लोगों के बड़ी संख्या में शामिल होने की बात पर पहले सरकार की ओर से कहा गया कि अधिकांश लोग दिल्ली में ही हैं. वहीं, क्वॉरेंटाइन हो गए हैं. मरकज के ऐसे सेंटर पटना में भी है और केंद्र सरकार के निर्देश पर नूरी मस्जिद में फिलहाल ताला लगा दिया गया है. सरकार की कार्रवाई में अब तक मोबाइल के माध्यम और लोगों की सूचना पर 17 लोगों को ट्रेस किया गया था. सभी विदेशी नागरिक हैं. आरोपियों को वीजा नियम उल्लंघन के मामले में जेल भेजा गया है.

क्या है मामला
फिलहाल, मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुए सम्मेलन के बाद से राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. बिहार में कोरोना महामारी से प्रभावित जिलों में नालंदा भी शामिल है. वहीं, अब नये मामले के सामने आने से सरकार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी सकते में हैं. जानकारी के मुताबिक, होली के ठीक बाद 13 या 14 मार्च को नालंदा के बड़ी शेखाना मस्जिद में जमात कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस जमात में कुल 640 लोग शामिल हुए थे. हालांकि, जमात सूत्रों का कहना है कि इसमें 1000 से 1200 लोग पहुंचे थे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.