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पटना: कोरोना काल में नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निभाई अहम भूमिका

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Published : Jan 14, 2021, 2:32 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 4:27 PM IST

कोरोना काल में नाबार्ड ने बिहार में कृषि और ग्रामीण विकास के लिए अहम भूमिका निभाई है. ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. जिससे लोगों को नकदी निकालने में कोई समस्या ना हो.

Nabard role in bihar
Nabard role in bihar

पटना: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड ने कोरोना काल में काफी बेहतर कार्य किया है. करीब 8000 किलोमीटर की सड़क का निर्माण, 850 ब्रिज का निर्माण, 800 भंडारण केंद्र के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी है.

"पिछले वर्ष यानी वर्ष 2019-20 में नाबार्ड ने काफी बेहतर कार्य किया और बिहार में कुल 4147 करोड़ की वित्तीय सहायता क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सरकारी बैंकों, सूक्ष्म ऋण संस्थाओं, वाणिज्यिक बैंकों को दी है. पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस वित्तीय वर्ष 5000 करोड़ की सहायता देने का लक्ष्य रखा गया"- सुनील कुमार, सीजीएम, नाबार्ड

डिजिटल बैंकिंग की सुविधा
इसके अलावा राज्य में विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रम जैसे जनजाति विकास कार्यक्रम, श्याम सहायता समूहों का उधमिता विकास कार्यक्रम, कृषक उत्पादन संगठनों का निर्माण और संवर्धन के लिए करीब 24.50 करोड़ की अनुदान सहायता भी प्रदान की है. लॉकडाउन और कोरोना महामारी के दौरान नाबार्ड द्वारा सरकारी बैंकों को अनुदानित मोबाइल एटीएम वैन मुहैया कराई गई. साथ ही ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. जिससे लोगों को नकदी निकालने में कोई समस्या ना हो.

patna
डिजिटल बैंकिंग की दी गई सुविधा

ग्रामीण विकास को प्राथमिकता
लोगों के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया गया. भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर पैकेज, जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी गई है. नाबार्ड बैंक को 30,000 करोड़ का अतिरिक्त पूर्ण विधि प्रदान कर रहा है. जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की तरलता बढ़ेगी और देश के तीन करोड़ किसान विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचेगा.

सड़कों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका
नाबार्ड ने बिहार में ग्रामीण सड़कों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्य के ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2019 के दौरान 1834 करोड़ की वित्तीय सहायता की. वहीं विभिन्न परियोजनाओं के लिए कुल 15201 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है. जिसके अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में सड़कों, पुलों, सिंचाई, ग्रामीण भंडारण, आईटी केंद्र, ग्रामीण पेयजल व्यवस्था की जाएगी. राज्य में अतिरिक्त भंडारण क्षमता के विकास के लिए बिहार राज्य भंडारण निगम को 3.05 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के लिए 178 करोड़ की सहायता दी गई है.

देखें रिपोर्ट

रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
राज्य सरकार के सात निश्चय योजना के तहत ग्रामीण टोला संपर्क विभिन्न योजना के तहत 3977 किलोमीटर रोड के निर्माण के लिए 2812 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है. जिससे करीब 2 लाख रोजगार के अवसर सृजन होंगे और लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो पाएगा.

"बिहार में माइक्रो इरिगेशन, मत्स्य संवर्धन, डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर्य ऊर्जा, स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी इत्यादि के विकास के लिए भी सहायता दी जा सकती है. हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. इसके लिए लगातार नाबार्ड कार्यरत है. बिहार राज्य में कुल 8463 पैक्स है. पैक्स के कंप्यूटराइजेशन के लिए भी नाबार्ड प्रयासरत है. इसके लिए भारत और राज्य सरकार से वार्ता चल रही है"- सुनील कुमार, सीजीएम ,नाबार्ड

ये भी पढ़ें: हम प्रवक्ता ने किया मंत्री पद मिलने का दावा, कहा- सीएम नीतीश से हो चुकी है बात

संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन
वर्ष 2020- 21 में किस क्षेत्र में कितना ऋण देना है, इसकी भी तैयारी चल रही है. जिलों के हिसाब से कहां कितनी आवश्यकता है, उसके हिसाब से कार्य किया जाएगा. साथ ही आगामी 15 जनवरी को पटना के होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत स्टेट क्रेडिट सेमिनार में किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी और उनका समाधान भी जल्द से जल्द कराया जाएगा.

पटना: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड ने कोरोना काल में काफी बेहतर कार्य किया है. करीब 8000 किलोमीटर की सड़क का निर्माण, 850 ब्रिज का निर्माण, 800 भंडारण केंद्र के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी है.

"पिछले वर्ष यानी वर्ष 2019-20 में नाबार्ड ने काफी बेहतर कार्य किया और बिहार में कुल 4147 करोड़ की वित्तीय सहायता क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सरकारी बैंकों, सूक्ष्म ऋण संस्थाओं, वाणिज्यिक बैंकों को दी है. पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है और इस वित्तीय वर्ष 5000 करोड़ की सहायता देने का लक्ष्य रखा गया"- सुनील कुमार, सीजीएम, नाबार्ड

डिजिटल बैंकिंग की सुविधा
इसके अलावा राज्य में विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रम जैसे जनजाति विकास कार्यक्रम, श्याम सहायता समूहों का उधमिता विकास कार्यक्रम, कृषक उत्पादन संगठनों का निर्माण और संवर्धन के लिए करीब 24.50 करोड़ की अनुदान सहायता भी प्रदान की है. लॉकडाउन और कोरोना महामारी के दौरान नाबार्ड द्वारा सरकारी बैंकों को अनुदानित मोबाइल एटीएम वैन मुहैया कराई गई. साथ ही ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. जिससे लोगों को नकदी निकालने में कोई समस्या ना हो.

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डिजिटल बैंकिंग की दी गई सुविधा

ग्रामीण विकास को प्राथमिकता
लोगों के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया गया. भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर पैकेज, जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी गई है. नाबार्ड बैंक को 30,000 करोड़ का अतिरिक्त पूर्ण विधि प्रदान कर रहा है. जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों की तरलता बढ़ेगी और देश के तीन करोड़ किसान विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचेगा.

सड़कों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका
नाबार्ड ने बिहार में ग्रामीण सड़कों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. राज्य के ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2019 के दौरान 1834 करोड़ की वित्तीय सहायता की. वहीं विभिन्न परियोजनाओं के लिए कुल 15201 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है. जिसके अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में सड़कों, पुलों, सिंचाई, ग्रामीण भंडारण, आईटी केंद्र, ग्रामीण पेयजल व्यवस्था की जाएगी. राज्य में अतिरिक्त भंडारण क्षमता के विकास के लिए बिहार राज्य भंडारण निगम को 3.05 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के लिए 178 करोड़ की सहायता दी गई है.

देखें रिपोर्ट

रोजगार के अवसर होंगे उपलब्ध
राज्य सरकार के सात निश्चय योजना के तहत ग्रामीण टोला संपर्क विभिन्न योजना के तहत 3977 किलोमीटर रोड के निर्माण के लिए 2812 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है. जिससे करीब 2 लाख रोजगार के अवसर सृजन होंगे और लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो पाएगा.

"बिहार में माइक्रो इरिगेशन, मत्स्य संवर्धन, डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर, सौर्य ऊर्जा, स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी इत्यादि के विकास के लिए भी सहायता दी जा सकती है. हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके. इसके लिए लगातार नाबार्ड कार्यरत है. बिहार राज्य में कुल 8463 पैक्स है. पैक्स के कंप्यूटराइजेशन के लिए भी नाबार्ड प्रयासरत है. इसके लिए भारत और राज्य सरकार से वार्ता चल रही है"- सुनील कुमार, सीजीएम ,नाबार्ड

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संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन
वर्ष 2020- 21 में किस क्षेत्र में कितना ऋण देना है, इसकी भी तैयारी चल रही है. जिलों के हिसाब से कहां कितनी आवश्यकता है, उसके हिसाब से कार्य किया जाएगा. साथ ही आगामी 15 जनवरी को पटना के होटल मौर्या में राज्य ऋण संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. जिसके तहत स्टेट क्रेडिट सेमिनार में किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी और उनका समाधान भी जल्द से जल्द कराया जाएगा.

Last Updated : Jan 14, 2021, 4:27 PM IST
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