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बिहार को 3 हजार करोड़ का ऋण देगा नाबार्ड, विकास पर होंगे खर्च

विकसित बिहार बनाने में नाबार्ड वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराता है. इसी के तहत 28 दिसंबर को नाबार्ड की ओर से ऋण संगोष्ठी आयोजन किया जायेगा. संगोष्ठी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार सहित कई प्रमुख लोग हिस्सा लेंगे. पढ़ें पूरी खबर.

महाप्रबंधक डॉ सुनील कुमार
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Published : Dec 24, 2021, 7:13 PM IST

पटनाः राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. नाबार्ड की ओर से बैंकों के अलावा राज्य सरकारों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है. इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार सरकार को 3 हजार करोड़ का ऋण नाबार्ड ( NABARD Give 3 Thousand Crores to Bihar) देगा. ऋण के माध्यम से विकसित बिहार, विकसित भारत के सपने को साकार किया जायेगा. इन योजनाओं पर चर्चा के लिए 28 दिसंबर को नाबार्ड की ओर से पटना में ऋण संगोष्ठी (Loan Credit Seminar) आयोजन किया जाएगा.

इन्हें भी पढ़ें- नारी शक्ति का कमाल, कुदाल उठाते ही बंजर भूमि पर लहलहाने लगी फसल

सेमिनार में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री, बिहार सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. ऑफिस में नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने प्रेस वार्ता कर आयोजन की जानकारी दी. जीएम ने बताया कि सेमिनार में बिहार के विकास के वित्तीय मॉडल पर विस्तृत रूप से चर्चा किया जाएगा.

नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने आगे बताया कि कोविड महामारी का अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर कुछ न कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बावजूद भी कृषि क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. यह सौभाग्य है कि मानसून अच्छा रहा है. साथ ही वर्तमान वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में सुधार के कई संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में कृषि क्षेत्र के लिए सक्रिय रूप से ऋण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है.

इन्हें भी पढ़ें- पटना: कोरोना काल में नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए निभाई अहम भूमिका

नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने आगे कहा कि इसके लिए 28 दिसंबर को हो रहे आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से चर्चा की जायेगी. वहीं उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से प्राथमिक क्षेत्र और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए नाबार्ड देश के सभी जिलों के लिए फसल प्रबंधन, दुग्ध व्यवसाय, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, वृक्षारोपण, बागवानी, भंडारण स्वयं सहायता समूह ऋण आदि क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमता का आकलन करने के लिए परियोजना तैयार करता रहा है. आगामी वित्तीय वर्ष 2022 से इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों के लिए प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.

बताते चलें कि नाबार्ड राज्य सरकार को ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है. पिछले 4 वर्षों में ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के अंतर्गत राज्य सरकार को 6964 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है. वहीं 2020-21 के दौरान अब तक 2294 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है. ग्रामीण पेयजल आपूर्ति, सड़क और जल संसाधन से संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान ग्रामीण आधारभूत संरचना सुविधा विकास निधि के तहत कुल वितरण 1355 करोड़ रुपये हैं. नाबार्ड कौशल विकास के लिए 3 वर्षों में 4320 बेरोजगार युवाओं को 149 कार्यक्रमों में 216.43 लाख अनुदान सहायता के साथ कौशल प्रशिक्षण दिया गया है.

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पटनाः राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. नाबार्ड की ओर से बैंकों के अलावा राज्य सरकारों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है. इसी के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार सरकार को 3 हजार करोड़ का ऋण नाबार्ड ( NABARD Give 3 Thousand Crores to Bihar) देगा. ऋण के माध्यम से विकसित बिहार, विकसित भारत के सपने को साकार किया जायेगा. इन योजनाओं पर चर्चा के लिए 28 दिसंबर को नाबार्ड की ओर से पटना में ऋण संगोष्ठी (Loan Credit Seminar) आयोजन किया जाएगा.

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सेमिनार में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री, बिहार सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वित्तीय संस्थाओं और बैंकों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. ऑफिस में नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने प्रेस वार्ता कर आयोजन की जानकारी दी. जीएम ने बताया कि सेमिनार में बिहार के विकास के वित्तीय मॉडल पर विस्तृत रूप से चर्चा किया जाएगा.

नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने आगे बताया कि कोविड महामारी का अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों पर कुछ न कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बावजूद भी कृषि क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. यह सौभाग्य है कि मानसून अच्छा रहा है. साथ ही वर्तमान वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में सुधार के कई संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बिहार में कृषि क्षेत्र के लिए सक्रिय रूप से ऋण उपलब्ध कराने की आवश्यकता है.

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नाबार्ड जीएम डॉ सुनील कुमार ने आगे कहा कि इसके लिए 28 दिसंबर को हो रहे आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से चर्चा की जायेगी. वहीं उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से प्राथमिक क्षेत्र और विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए नाबार्ड देश के सभी जिलों के लिए फसल प्रबंधन, दुग्ध व्यवसाय, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, वृक्षारोपण, बागवानी, भंडारण स्वयं सहायता समूह ऋण आदि क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमता का आकलन करने के लिए परियोजना तैयार करता रहा है. आगामी वित्तीय वर्ष 2022 से इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों के लिए प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.

बताते चलें कि नाबार्ड राज्य सरकार को ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराता है. पिछले 4 वर्षों में ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि के अंतर्गत राज्य सरकार को 6964 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है. वहीं 2020-21 के दौरान अब तक 2294 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की गई है. ग्रामीण पेयजल आपूर्ति, सड़क और जल संसाधन से संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान ग्रामीण आधारभूत संरचना सुविधा विकास निधि के तहत कुल वितरण 1355 करोड़ रुपये हैं. नाबार्ड कौशल विकास के लिए 3 वर्षों में 4320 बेरोजगार युवाओं को 149 कार्यक्रमों में 216.43 लाख अनुदान सहायता के साथ कौशल प्रशिक्षण दिया गया है.

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