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Bihar News : 'बिहारी होने के कारण मेरी कंपनी का कई बार हुआ नुकसान, फिर भी गर्व है'- आरके सिन्हा

पूर्व राज्यसभा सांसद व एसआईएस कंपनी के मालिक आरके सिन्हा का बिहारी होने का दर्द छलक गया. उन्होंने कहा कि कई बार बिहारी होने के कारण मेरी कंपनी का नुकसान हुआ है, लेकिन यह नुकसान थोड़ा है. फिर भी मुझे बिहारी होने का गर्व है, तो वहीं इसका कष्ट भी सहना ही होगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 30, 2023, 7:38 PM IST

एसआईएस ग्रुप की 39वीं वार्षिक आमसभा में सांसद आरके सिन्हा

पटना: बिहार की राजधानी पटना में पूर्व सांसद आरके सिन्हा का एक कार्यक्रम के दौरान बिहारी होने का दर्द दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि बिहारी होने के कारण कई जगह इसके दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं, लेकिन उन्हें बिहारी होने पर गर्व है तो इस प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं. पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने यह बातें एसआईएस ग्रुप की 39वीं वार्षिक आमसभा के दौरान कही.

ये भी पढ़ें : Patna News: अनिल कुमार मुखर्जी की 107वीं जयंती पर होगा नाट्य महोत्सव, पूर्व सांसद ने की नाट्यविश्वविद्यालय की मांग

'एसआईएस के टैक्स का 45 प्रतिशत राज्य को जाता है' : उन्होंने कहा कि एसआईएस 11 हजार करोड़ की बहुराष्ट्रीय कंपनी है. इसका हेड क्वार्टर बिहार में है. कई बार उन पर दबाव आया कि हेड क्वार्टर को बदला जाए, लेकिन उन्होंने हेड क्वार्टर को नहीं बदला. क्योंकि उन्हें पता है कि वह जो कंपनी का हजारों करोड़ टैक्स देते हैं. उसका 45% स्टेट को मिलता है और बिहार से वह बाहर चले जाएंगे तो बिहार को नुकसान होगा. आर के सिन्हा ने कहा कि बिहार की जो छवि है और यहां का जो इंफ्रास्ट्रक्चर है. उसके कारण बिहार की एक गलत छवि देश और दुनिया में है.

"कई बार बिहारी होने के कारण मेरी कंपनी का नुकसान हुआ है, लेकिन यह नुकसान थोड़ा है. फिर भी मुझे बिहारी होने का गर्व है, तो वहीं इसका कष्ट भी सहना ही होगा. कई बार दबाव आया कि कंपनी का हेड क्वार्टर बिहार से बदला जाए, लेकिन उन्होंने नहीं बदला. क्योंकि मुझे पता है कि कंपनी का हजारों करोड़ रुपया टैक्स देते हैं. उसका 45% स्टेट को मिलता है और बिहार से वह बाहर चले जाएंगे तो बिहार को नुकसान होगा" - आरके सिन्हा, पूर्व राज्यसभा सांसद

'कई बार बिहार से हेडक्वार्टर हटाने का आया दबाव' : आरके सिन्हा कहा कि उनकी कंपनी का हेड क्वार्टर बिहार में होने से इसका दुष्प्रभाव पड़ता है और कई लोग शुरू में उनसे जुड़ने में आनाकानी करते हैं. फिर भी वह बिहारी होने पर गर्व महसूस करते हैं, तो इसका जो कष्ट होगा वह भी सहना पड़ेगा. पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि फाइनेंसियल ईयर 2022 में 10059 करोड़ का एसआईएस ग्रुप का राजस्व था और फाइनेंसियल ईयर 2023 में यह 12.8% से बढ़कर एक 11346 करोड़ का हो गया है.

देश के शीर्ष पांच नियोक्ताओं में से एक एसआईएस : उन्होंने कहा कि आज एसआईएस देश की सबसे बड़े निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में शीर्ष 5 में शामिल है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी में 283000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें 50000 से अधिक संख्या में बिहारी हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने कर्मियों को सभी प्रकार के इंश्योरेंस से इंश्योर करते हैं और दुर्घटना के समय आर्थिक मदद की भी पॉलिसी है. देश में 700 जिलों में एसआईएस कार्य कर रहा है. जबकि दुनिया में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में कंपनी का कार्य हो रहा है.

'बिहार में सबसे ज्यादा टैक्स देती है एसआईएस' : आरके सिन्हा ने बताया कि आज बिहार से शुरू होने वाली कंपनियों में एसआईएस सबसे अधिक टैक्स जमा करती है. इसके अलावा भविष्य निधि और ईएसआईसी जमा करने वाली कंपनियों में भी यह अग्रणी है. आर के सिन्हा ने कहा कि एसआईएस बिहार में लोगों को रोजगार देने में निजी क्षेत्र में सबसे अग्रणी संस्था है और इस वर्ष उन लोगों ने लक्ष्य रखा है कि बिहार के 10,000 से अधिक नए लोगों को रोजगार दिया जाए.उन लोगों ने बिहार में अपने दो प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे हैं. इसमें बिहार के लोगों को कौशल विकास पर कार्य कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार भी किया जाता है.

एसआईएस ग्रुप की 39वीं वार्षिक आमसभा में सांसद आरके सिन्हा

पटना: बिहार की राजधानी पटना में पूर्व सांसद आरके सिन्हा का एक कार्यक्रम के दौरान बिहारी होने का दर्द दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि बिहारी होने के कारण कई जगह इसके दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं, लेकिन उन्हें बिहारी होने पर गर्व है तो इस प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं. पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने यह बातें एसआईएस ग्रुप की 39वीं वार्षिक आमसभा के दौरान कही.

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'एसआईएस के टैक्स का 45 प्रतिशत राज्य को जाता है' : उन्होंने कहा कि एसआईएस 11 हजार करोड़ की बहुराष्ट्रीय कंपनी है. इसका हेड क्वार्टर बिहार में है. कई बार उन पर दबाव आया कि हेड क्वार्टर को बदला जाए, लेकिन उन्होंने हेड क्वार्टर को नहीं बदला. क्योंकि उन्हें पता है कि वह जो कंपनी का हजारों करोड़ टैक्स देते हैं. उसका 45% स्टेट को मिलता है और बिहार से वह बाहर चले जाएंगे तो बिहार को नुकसान होगा. आर के सिन्हा ने कहा कि बिहार की जो छवि है और यहां का जो इंफ्रास्ट्रक्चर है. उसके कारण बिहार की एक गलत छवि देश और दुनिया में है.

"कई बार बिहारी होने के कारण मेरी कंपनी का नुकसान हुआ है, लेकिन यह नुकसान थोड़ा है. फिर भी मुझे बिहारी होने का गर्व है, तो वहीं इसका कष्ट भी सहना ही होगा. कई बार दबाव आया कि कंपनी का हेड क्वार्टर बिहार से बदला जाए, लेकिन उन्होंने नहीं बदला. क्योंकि मुझे पता है कि कंपनी का हजारों करोड़ रुपया टैक्स देते हैं. उसका 45% स्टेट को मिलता है और बिहार से वह बाहर चले जाएंगे तो बिहार को नुकसान होगा" - आरके सिन्हा, पूर्व राज्यसभा सांसद

'कई बार बिहार से हेडक्वार्टर हटाने का आया दबाव' : आरके सिन्हा कहा कि उनकी कंपनी का हेड क्वार्टर बिहार में होने से इसका दुष्प्रभाव पड़ता है और कई लोग शुरू में उनसे जुड़ने में आनाकानी करते हैं. फिर भी वह बिहारी होने पर गर्व महसूस करते हैं, तो इसका जो कष्ट होगा वह भी सहना पड़ेगा. पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि फाइनेंसियल ईयर 2022 में 10059 करोड़ का एसआईएस ग्रुप का राजस्व था और फाइनेंसियल ईयर 2023 में यह 12.8% से बढ़कर एक 11346 करोड़ का हो गया है.

देश के शीर्ष पांच नियोक्ताओं में से एक एसआईएस : उन्होंने कहा कि आज एसआईएस देश की सबसे बड़े निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं में शीर्ष 5 में शामिल है. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी में 283000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें 50000 से अधिक संख्या में बिहारी हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने कर्मियों को सभी प्रकार के इंश्योरेंस से इंश्योर करते हैं और दुर्घटना के समय आर्थिक मदद की भी पॉलिसी है. देश में 700 जिलों में एसआईएस कार्य कर रहा है. जबकि दुनिया में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूजीलैंड में कंपनी का कार्य हो रहा है.

'बिहार में सबसे ज्यादा टैक्स देती है एसआईएस' : आरके सिन्हा ने बताया कि आज बिहार से शुरू होने वाली कंपनियों में एसआईएस सबसे अधिक टैक्स जमा करती है. इसके अलावा भविष्य निधि और ईएसआईसी जमा करने वाली कंपनियों में भी यह अग्रणी है. आर के सिन्हा ने कहा कि एसआईएस बिहार में लोगों को रोजगार देने में निजी क्षेत्र में सबसे अग्रणी संस्था है और इस वर्ष उन लोगों ने लक्ष्य रखा है कि बिहार के 10,000 से अधिक नए लोगों को रोजगार दिया जाए.उन लोगों ने बिहार में अपने दो प्रशिक्षण केंद्र खोल रखे हैं. इसमें बिहार के लोगों को कौशल विकास पर कार्य कर उन्हें रोजगार के लिए तैयार भी किया जाता है.

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